पीएम ने शहीद जवानों को श्रद्धांजली, कहा बेकार नहीं जायेगी जवानों की शहादत

  • भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ा
  • शहीद जवानों को पीएम सहित सभी ने दी श्रद्धांजलि
  • सेना प्रमुख ने शहीदों का बलिदान बेकार नहीं जायेगा
  • 19 जून को पीएम करेंगे सर्वदलीय बैठक
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर सोमवार की रात खूनी संघर्ष देखने को मिला। इस संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए जबकि चीन के करीब 43 जवान मारे गए। हालांकि चीन की शुरू से यह आदत रही है कि वह अपनी कमजोरियों को कभी भी बाहर नहीं आने देता, चीन में मीडिया पर भी सरकार का पूरा नियंत्रण है इसलिए ऐसी किसी भी घटना को मीडिया नहीं दिखाती जिससे चीन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़े।
सेना प्रमुख ने दी श्रद्धांजली
भारत चीन सीमा विवाद में शहीद हुए जवानों को बुधवार को श्रद्धांजलि दी गई। भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सभी जवानों ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गवाई है ऐसे में हम उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे। भारतीय सेना के एक टि्वटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। सेना प्रमुख ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की और कहा कि सैनिकों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।

 पीएम ने शहीदों को श्रद्दांजली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनके लिए 2 मिनट का मौन भी रखा। प्रधानमंत्री ने जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी वीरता का बखान किया और कहा कि भारतीय जवान दुश्मनों को मारते मारते शहीद हुए हैं देश को इन सभी जवानों पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत किसी के भी सामने झुकने को तैयार नहीं है भारत हर तरफ से शांति चाहता है लेकिन यह किसी के उकसावे का उचित जवाब देना भी जानता है।

प्रधानमंत्री ने शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मैं जवानों और उनके परिवार को भरोसा दिलाता हूं कि देश आपके साथ खड़ा है। हालात कैसे भी हो लेकिन देश हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा जब भी कभी देश पर खतरा मंडराया है हमने अपनी शक्ति दिखाई है और ऐसा समय फिर से आया है।

19 जून को सर्वदलीय बैठक
प्रधानमंत्री ने भारत चीन के बीच हालात पर चर्चा करने के लिए 19 जून को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। इसमें तमाम राजनीतिक दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे। भारत चीन सीमा विवाद को लेकर विपक्षी दलों द्वारा लगातार सरकार पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं और यह सवाल किया जा रहा है कि सरकार सीमा पर जाति गतिरोध को लेकर लोगों को स्थिति स्पष्ट करें।

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