अभयारण्य में उठायें छुट्टियों का आनंद

गर्मी के मौसम में सैर-सपाटे का इंतजार हर किसी को होता है – वह चाहे नौकरीपेशा व्यक्ति हो या व्यवसायी या छात्र या फिर आम नागरिक ही क्यों न हो । लेकिन हर बार लाख टके का सवाल यही पैदा होता है कि पर्यटन पर निकला जाये तो कहां ? हम आपकी इसमें मदद करते हैं । हम आपको इस बार मध्य प्रदेश के ही क्या देश के दो महत्वपूर्ण अभयारण्यों के पर्यटन की सलाह देते हैं । आखिर अभयारण्य ही क्यों ?(sugar free chocolates) वह इसलिए कि हम जीवन की जिस भागदौड़ में साल भर व्यस्त रहते हैं, उससे शारीरिक और मानसिक रूप से हम थक जाते हैं । (sugar free chocolates) अभयारण्य की सैर हमारे जीवन में पैदा हुई एक-रसता को तोड़ता है,बल्कि यह हमे प्रकृति से सीधे जोड़ने का काम करता है । वापस लौटने पर हम नये जोश और उत्साह से भरे होते हैं । हम जिन दो अभयारण्यों की जानकारी दे रहे हैं, वे हैं बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क :–

बांधवगढ़ नेशनल पार्क
यह विंध्य पर्वत-श्रृंखलाओं की हृदयस्थली में स्थित है। हालांकि यह एक छोटा-सा और घना पार्क है, मगर यहां प्राकृतिक जीवन का भरपूर रोमांच मौजूद है। भारत में यह बाघों का सबसे बड़ा केंद्र है। पार्क के केंद्र में 14वीं सदी का बना गौरवशाली बांधवगढ़ का किला है। इसके चारों तरफ अनगिनत गुफाएं हैं, जो मंदिरों और संस्कृत-शिलालेखों से भरी हुई हैं। पार्क में प्रवेश के लिए चार मुख्य द्वार है: उत्तर में पनपथ, पूर्व में ताला (अधिकतर होटल यहीं स्थित हैं),(sugar free chocolates) दक्षिण-पश्चिम में धामोकर और पश्चिम में खितौली। उमरिया-रीवा हाइवे और पारासी-कटनी सड़क खितौली होते हुए पार्क से गुजरती है। ताला, उमरिया-रीवा राज्य हाइवे पर स्थित एक गांव है।

पर्यटन के लिए आदर्श समय
नवंबर से जून। एक जुलाई से 30 सितंबर के बीच पार्क बंद रहता है।

परिवहन और संचार
हवाई: सबसे नजदीक (164 किमी) जबलपुर हवाई-अड्डा स्थित है। लेकिन सबसे सुविधाजनक हवाई अड्डा खजुराहो है, जो कि आगरा, दिल्ली और वाराणसी से जुड़ा हुआ है ।

रेल :
सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन उमरिया ( 35 किमी) कटनी-बिलासपुर लाइन पर स्थित है।
लेकिन सबसे सुविधाजनक रेलवेस्टेशन सतना (120किमी ),(sugar free chocolates) जबलपुर( 164 किमी और कटनी( 100 किमी) है ।

सड़क मार्ग
बांधवगढ़ , सतना-उमरिया और रीवा-उमरिया हाइवे पर स्थित है । यहां पर जबलपुर (164 किमी ) , कान्हा ( 250 किमी ), खजुराहो वाया सतना , रीवा ( 155 किमी) और शहडोल (102 किमी), वाराणसी वाया रीवा (340 किमी) से पहुंचा जा सकता है ।

दर्शनीय स्थल
किला : बांधवगढ़ किले को दो हाजर साल पुराना बताया जाता है । यह किले से मेघा,वाकटका,सेंगर और कलचुरी वंशजों ने शासन किया। 13वीं शताब्दी ने बघेन ने इस पर कब्जा कर लिया और 1617 तक शासन करते रहे ,(sugar free chocolates) जब महाराजा विक्रमादित्य ने अपनी राजधानी रीवा स्थानांतरित कर दी। अंतिम निवासी ने इस किले को 1935 खो छोड़ दिया ।

वन्य-जीव दर्शन : पार्क में स्तनपायी जीवों की 22 और पक्षियों की 250 प्रजातियां हैं ।

जंगल में घूमने का दो माध्यम है : मोटरवाहन और हाथी । जीप की सवारी से अल-सुबह से 10 बजे दिन, फिर चार बजे से शाम तक घूमा जा सकता है । क्योंकि जानवर इसी समय दिखायी देते हैं ।बाघों के दर्शन के लिए वन-विभाग हाथी की सेवाएं मुहैया कराता है ।
कान्हा नेशनल पार्क

मौजूदा पार्क के अंतर्गत दो महत्वपूर्ण पर्वत घाटियां बंजर और हालोन आती हैं ।ये बालाघाट जिले में पड़ते हैं । पार्क 940 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है ।कान्हा टाइगर रिजर्व का निर्माण टाइगर प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1974 में (sugar free chocolates) किया गया है । बारहसिंहा के लिए भी यह पार्क विशेषरूप से विख्यात है ।

पर्यटन का आदर्श समय :–
अप्रैल से जून और नवंबर से जनवरी ।मानसून के दौरान एक जुलाई से 31 अक्तूबर के बीच पार्क बंद रहता है ।

परिवहन और संचार

हवाई : कान्हा नेशनल पार्क के लिए सबसे नजदीक हवाई अड्डा वैसे तो जबलपुर (169किमी) है । (sugar free chocolates) लेकिन सबसे सुविधाजनक है नागपुर (266 किमी) हवाई अड्डा है ।

रेलमार्ग : कान्हा नेशनल पार्क देखने के लिए जबलपुर सबसे सुविधाजनक रेलवे स्टेशन है ।

सड़कमार्ग: कान्हा (sugar free chocolates) नेशनल पार्क जबलपुर ( 167 किमी) , खजुराहो ( 445 किमी) , नागपुर (266 किमी) , रायपुर ( 219 किमी), बिलासपुर ( 182 किमी) और बालाघाट (83 किमी) से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।

स्थानीय परिवहन: एमपीएसटीडीसी पार्क में घूमने के लिए जीप की सेवाएं प्रदान करती है।

पार्क में प्रवेश और फीस : पार्क में प्रवेश की कुल 25 रुपये फीस लगती है ।26 जनवरी-गणतंत्र दिवस, 5 जून-विश्व पर्यावरण दिवस, एक नवंबर – राज्य स्थापना दिवस और 29 दिसंबर – जैव विविधता दिवस को प्रवेश मुफ्त रहता है ।

वाहन और गाइड: आप चाहें तो गाइड के साथ अपने पेट्रोल चालित वाहन के साथ पार्क की सैर कर सकते हैं। डिजल चालित वाहन को पार्क में अनुमति नहीं है। जिन पर्यटकों के पास अपना खुद का वाहन नहीं है वे मध्य प्रदेश परिवहन विकास निगम से जीप या जिप्सी किराये पर ले सकते हैं। गाइड साथ में रखना अनिवार्य है,जो गेट पर ही उपलब्ध होते हैं।

क्या देखें: –
पार्क में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए वन-विभाग की तरफ से गाइड की व्यवस्था की गयी है। ये गाइड पर्यटकों को वन्य-जीवन का दर्शन करने में मदद करते हैं।(sugar free chocolates) जहां तक दर्शनीय स्थलों और चीजों की बात है,तो कान्हा नेशलन पार्क में स्तनपायी जीवों की कुछ 22 प्रजातियां हैं। इस तरह वन्य-जीवन काफी विविदधतापूर्ण है। यहां पर गिलहरी, सियार, बारहसिंहा, लंगूर, जंगली सूअर, कठफोड़वा, जंगली कुत्ते, बिल्ली, हिरण जैसे वन्य जीव देखे जा सकते हैं।

यहां पर म्युजियम भी है। इसमें पार्क और जनजातीय संस्कृति के बारे में पर्याप्त जानकारी हासिल कर सकते हैं।
बालाघाट के तहसील स्थान लांजी में मंदिर और किला भी देखने लायक है। किले का निर्माण कल्चुरी राजवंश ने किया था। इस किले का संबंध गोंड राजवंश से भी है। यह बिलकुल जंगलों के बीचोबीच स्थित है। मंदिर की मूर्तियां खजुराहो स्टाइल की हैं।(sugar free chocolates) किले के अंदर भी खजुराहो स्टाइल वाली मूर्तियां हैं ।

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