अयोध्या : पर्यटन का अद्भुत विकास
अयोध्या के वाह्य स्वरूप में तो बहुत परिवर्तन आये, जीवन शैली भी बदली किन्तु चिंतन के पिण्ड में अयोध्या सुरक्षित और श्रद्धेय रही । जो रामजन्म भूमि की मुक्ति के सतत संघर्ष और देश वासियों के मन में उठती उन हिलोरों से स्पष्ट है जिसमें कमसेकम जीवन में एक बार अयोध्या यात्रा की इच्छा बसी होती है । इसी आंतरिक चेतना शक्ति से रामलला बाबरी ढांचे में प्रगट हुये और फिर वहाँ मंदिर का मार्ग प्रशस्त हुआ । भव्य मंदिर का शिलान्यास हुआ और पूरे संसार का ध्यान एक बार पुनः अयोध्या की ओर आकर्षित हुआ । इसके बाद अयोध्या आने वाले श्रृद्धालुओं और जिज्ञासुओं की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई । यह भी बहुत स्पष्ट है कि जन्मभूमि मंदिर निर्माण पूर्ण हो जाने के बाद अयोध्या आने वालों की संख्या असीम होगी । और इसके लिये अयोध्या तैयारी कर रही है । यह तैयारी दोनों ओर बहुत तीव्र है । मंदिर निर्माण की दिशा में भी और आगन्तुकों के "स्वागत" के लिये भी ।