अद्भुत सहरसा जिले में कभी होती थी नील की खेती

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पर्यटन के नजरिये से जब कभी बिहार घूमने की बात होती है, तो कुछेक नाम ही जुबां पर आते हैं, जैसे गया, राजगीर, दरभंगा आदि। लेकिन, इससे इतर जाएं, तो यहां कई ऐसी जगहें भी हैं, जो ऐतिहासिक महत्व की हैं और उन्हीं में से एक सहरसा जिला भी है।…

फिल्मों के लिए लोकप्रिय लोकेशन

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हाल ही में उत्तराखंड को नेशनल फिल्म अवार्ड में मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड भी मिला है। कुछ समय पहले फिल्म ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एफटीआई), पुणे और उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में एक कार्यशाला भी आयोजित की गई थी जिसमें बताया गया था कि प्रदेश में एक्टिंग, डिजिटल छायांकन, डिजिटल फिल्म प्रोडक्शन, स्टिल फोटोग्राफी और फिल्म मेकिंग कोर्स आरंभ किए जाएंगे जिससे, शूटिंग के लिए आने वाले निर्माताओं को दक्ष मैन-पावर भी उपलब्ध हो सकेगा।

शिक्षण पर्यटन विकास की संभावनाएं

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शिक्षण संस्थाओं के खुलने व इन शिक्षण संस्थाओं की आवश्यकता पूर्ति हेतु बजार आदि निर्माण करना पड़ता है तो रोजगार के कई अवसर पैदा होते हैं। छात्रों के अभिभावक व रिश्तेदार भी कई बार उनके साथ पर्यटन करते हैं अतएव कई तरह के पर्यटन उत्पाद तैयार करने पड़ते हैं।

हमने बनाई किसान फ्रेंडली पॉलिसी – सुबोध उनियाल (कृषि मंत्री)

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कोरोना काल की विपरित परिस्थितियों में भी उत्तराखंड ने सर्वाधिक खेती करने का कीर्तिमान बनाया और कृषि पुरस्कार हासिल किया। इसके साथ ही जैविक खेती में उत्तराखंड देश का अग्रणी राज्य बन गया है। किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है, यह भरोसा देते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने साक्षात्कार में कृषि से जुड़ी संभावनाओं, अवसरों एवं उपलब्धियों सहित सरकार की योजनाओं की चर्चा की। प्रस्तुत है उनके साक्षात्कार के प्रमुख अंश -

पर्यटन: राज्य की आय का प्रमुख स्रोत

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राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के 327 मुख्य पर्यटन स्थलों के लिए 176 पर्यटक आवास गृह, 33 रैन बसेरे, 5619 निजी होटल तथा पेइंग गेस्ट एवं 895 धर्मशालाएं उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त होम स्टे के रूप में भी पर्यटकों के लिए बड़ी संख्या में आवासीय व्यवस्थाएं बनाई गईं हैं, जहां अतिथि के रूप में स्थानीय रीति-रिवाजों व रहन-सहन के साथ ग्राम्य जीवन का आनन्द लिया जा सकता है।

उत्तराखंड बनेगा वैश्विक पर्यटन केंद्र – सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री

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इंसान जब अपने आप में खुशी और शांति को तलाश करता है, तो उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश में जरुर आता है। हमें विश्वास है, संपूर्ण विश्व उत्तराखंड की ओर भविष्य में अपनी आध्यात्मिक शांति के लिए आएगा। उत्तराखंड राज्य के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी। उत्तराखंड के लोग अत्यंत सहज और सहयोग देने के लिए तत्पर होते हैं। निकट भविष्य में वे पूरे विश्व के लोगों को अपनत्व देंगे और विश्व का अपनत्व लेंगे।

चलो चलें राजस्थान

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राजस्थान का जैसे ही नाम सामने आता है, उसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व सामने आते हैं। राजस्थान की माटी में इतना कुछ है कि यहां पर्यटन के लिए आने वाले लोग इसकी प्रशंसा करते नहीं थकते।

अग्रोहा के प्रमुख दर्शनीय स्थल

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अग्रोहाधाम में यात्रियों के ठहरने, कॅन्टीन एवं भोजनादि की समुचित व्यवस्था है। वहां पहुंचने पर श्री नंदकिशोर गोइन्का, श्री. हरपतराय टांटिया अथवा कार्यालयसे सम्पर्क करने पर यथा संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। अग्रोहा धाम स्वयं रेलमार्गसे सम्बध्द नहीं है।

फुहारों के रंग : पर्यटन विशेष

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मानसून शब्द सुनते ही मन प्रफुल्लित हो उठता है। इस मौसम में मानो प्रकृति सभी सजीव और निर्जीव जगत को अपनी तरफ आने का आह्वान करने लगती है। मानव हो या पशु-पक्षी, जड़ क्या चेतन सबमें एक नये रंग और तरंग का संचार होने लगता है। किसान हो या व्यापारी, बच्चे हों या जवान या बूढे, लेखक हो या फिल्मकार सभी में कल्पना के पंख लग जाते हैं।

अभयारण्य में उठायें छुट्टियों का आनंद

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गर्मी के मौसम में सैर-सपाटे का इंतजार हर किसी को होता है - वह चाहे नौकरीपेशा व्यक्ति हो या व्यवसायी या छात्र या फिर आम नागरिक ही क्यों न हो । लेकिन हर बार लाख टके का सवाल यही पैदा होता है कि पर्यटन पर निकला जाये तो कहां ?

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