गहलोत ने किस पर कसा तंज, सिर्फ अच्छे दिखने और अंग्रेजी बोलने से सब कुछ नहीं होता

  • सचिन पायलट की बगावत अब भी जारी
  • पायलट नहीं होंगे बीजेपी में शामिल
  • पायलट की बीजेपी नेताओं से बातचीत जारी
  • अशोक गहलोत का सचिन पायलट पर तंज
 
आखिर किस करवट बैठेगा राजस्थान का सियासी ऊंट?
सचिन पायलट के बगावती तेवर के बाद से राजस्थान की राजनीति में हलचल मची हुई है। राजस्थान सहित दिल्ली तक कांग्रेस की बैठक जारी है लेकिन यह सियासी ऊंट अभी तक किसी एक करवट होता नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट से सभी पद छीन लिए है और अब वह मात्र एक विधायक है उधर सचिन ने यह भी ऐलान कर दिया है कि वह बीजेपी में नहीं शामिल होने वाले है फिर सचिन पायलट के पास सिर्फ दो ही रास्ते बचते है या तो वह कांग्रेस में बने रहे या फिर अपनी खुद की पार्टी शुरु करें। सचिन पायलट के विधायकों की बैठक में ना पहुंचने के बाद से पार्टी नेताओं की तरफ से लगातार हमला जारी है और आरोप लगाया जा रहा है कि सचिन पायलट ने पार्टी के अहम पदों पर रह कर भी पार्टी के खिलाफ राजनीति की है। 
 

अशोक गहलोत Vs सचिन पायलट
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लम्बे समय से चल रहा शीत युद्ध अब पूरी तरह से खुल कर सामने आ चुका है और दोनों की नेता अब खुलकर एक दूसरे पर हमला कर रहे है। अशोक गहलोत ने बुधवार को सचिन पायलट पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि उन्होने पार्टी के प्रमुख पदों पर रहने के दौरान पार्टी के खिलाफ राजनीति की और पार्टी का अपमान किया। गहलोत ने कहा कि सिर्फ अच्छे दिखने और अच्छी अंग्रेजी बोलने से ही सबकुछ अच्छा नहीं हो जाता आप के दिल में देश के लिए और पार्टी के लिए प्रेम होना चाहिए। गहलोत ने कहा कि थाली में रखी सोने की छूरी भले ही अच्छी दिखती हो लेकिन उससे किसी का पेट नही भरा जा सकता है उस सोने की छूरी के इस्तेमाल से सिर्फ किसी का बुरा हो सकता है भला नहीं, अशोक गहलोत ने अपने इस उदाहरण से यह साफ कर दिया कि सचिन पायलट के युवा और पढ़े लिखे होने से पार्टी को कोई फायदा नहीं बल्कि सिर्फ नुकसान हो रहा है। 
 
बीजेपी नेताओं से बंद करो बातचीत
उधर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरेजावाल ने कहा कि राजस्थान में जो भी हो रहा है वह जनता के लिए ठीक नही है। सुरजेवाला ने सचिन पायलट पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने पायलट को बहुत कुछ दिया और बहुत आगे भी बढ़ाया लेकिन सचिन पायलट ने पार्टी के प्रति ईमानदारी नहीं दिखाई। सुरजेवाल के मुताबिक सोनिया गांधी अभी भी सचिन पायलट की वापसी का इंतजार कर रही है और इस मामले को जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है। सुजरेवाला ने कहा कि विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को दो बार बुलाया गया लेकिन वह नहीं पहुंचे जिसके बाद से उनके खिलाफ फैसला लेना पड़ा और उन्हे पद से हटाना पड़ा। सचिन पायलट से निवेदन करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि अगर उन्हे बीजेपी में नहीं शामिल होना है तो वह बीजेपी नेताओं से बात करना बंद करें।    
 
सचिन पायलट की घर वापसी!
दिल्ली कांग्रेस के एक सूत्र की मानें तो सचिन पायलट को कांग्रेस में फिर से राष्ट्रीय स्तर पर ज़िम्मेदारी मिल सकती है लेकिन उसके लिए उन्हे कम से कम एक महीने तक इंतजार करना होगा क्योंकि जिस तरह के हालात पैदा हुए है उसके बाद तुरंत में पार्टी सचिन पर फिर से भरोसा नहीं कर सकती है। सचिन पायलट की बगावत की वजह भी यही है कि उन्हे पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं दिया गया है।

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