हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
रा.स्व.संघ प्रतिनिधि सभा बैठक

रा.स्व.संघ प्रतिनिधि सभा बैठक

by हिंदी विवेक
in अप्रैल -२०१४, संघ
0

राष्ट्रजीवन के विभिन्न क्षेत्रों में जनशक्ति को संस्कारित, संगठित करते हुए सर्वांगीण उन्नति के संकल्प में सहभागी होने वाले कार्यकर्ताओं का जमघट प्रति वर्ष अनुभव होता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि की सभा के अवसर पर! इस वर्ष 7 से 9 मार्च तक बंगलुरू के निकट थणीसंद्र परिसर के राष्ट्रोत्थान परिषद के शिक्षा संकुल में इसकी अनुभूति हुई।

इस वर्ष संघ शाखाओं में दो हजार से अधिक शाखाओं की वृद्धि दर्ज की गई। वर्तमान में संघ की 44982 दैनंदिन शाखाएं, 10146 साप्ताहिक मिलन और 7387 पाक्षिक या मासिक संघ मंडली इस तरह कार्य की स्थिति है। इस वर्ष भर में प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के कुल 68 वर्ग सम्पन्न हुए और उसके जरिए 14019 कार्यकर्ता प्रशिक्षित हुए। प्रति वर्ष तीन सप्ताह या अधिक अवधि के वर्गों से प्रशिक्षित होने के लिए आने वाले युवा ही संघ को यह सफलता दिलाते हैं। इस वर्ष इस तरह के 73 वर्गों की रचना हुई है। संघ संचालित सेवा कार्यों में भी इसी तरह 5217 प्रकल्पों की वृद्धि हुई है।

पिछले दो वर्षों से 16 दिसम्बर युद्ध विजय के दिन संघ की शाखाओं में ‘प्रहार यज्ञ’ का आयोजन किया जाता है। इस दिन दो लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने विभिन्न शाखाओं में आठ करोड़ अट्ठाईस लाख से अधिक प्रहार किए। इसमें सहभागी स्वयंसेवकों में से दो-तिहाई स्वयंसेवक 45 वर्ष से कम उम्र के अर्थात युवा थे यह उल्लेखनीय है। एक रोचक विवरण भी बताया गया कि 37006 स्वयंसेवकों ने एक हजार से अधिक प्रहार किए। इस तरह की शक्ति पूजा से पूरे समाज का बल बढ़ता है, यह सच है। दूसरा उपक्रम बौद्धिक विषयों का था। इसमें संघ प्रार्थना का अभ्यास, उच्चारण शुद्धि, याद करना और बौद्धिक वर्ग इस तरह सप्ताह भर चली उपक्रम मालिका थी। इसमें भी लगभग तीन लाख स्वयंसेवकों का सहभाग था। शक्ति और बुद्धि की द्वि-पूजा से ही समाज का बल और समझदारी बढ़ती है।

इस वर्ष इंटरनेट के माध्यम से लगभग 31 हजार नए युवा संघ को खोजते हुए संघ में आए और सहभागी हुए।
देश भर के प्रांतों के संघ के विशेष कार्यक्रमों की सूचनाएं भी उत्साहवर्धक थीं। महाकौशल प्रांत के ‘संकल्प महाशिविर’ में 34,668 युवकों की उपस्थिति, चित्तोड़ प्रांत में सवा लाख से अधिक संख्या का हिंदू सम्मेलन, जम्मू प्रांत में सवा चार हजार युवाओं का ‘हिंदू शक्ति संग्राम’, असम के तेजपुर में हुआ तीन हजार युवाओं का ‘नवभारत युवा शक्ति संगम’ उल्लेखनीय है।
राष्ट्र सेविका समिति के साथ ही स्त्री शक्ति और विविध जन संगठनों की महिला प्रतिनिधि उपस्थित थीं। समिति की 2215 शाखाएं और 18072 अन्य केंद्रों के अलावा 871 सेवा कार्यों से भी स्त्री शक्ति का आविष्कार बढ़ता दिखाई दे रहा है।

विविध सेवा कार्यों में से आगामी वर्ष में स्वर्ण जयंती मनाने वाली विश्व हिंदू परिषद का विशेष निवेदन पेश किया गया। वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से स्पर्धा परीक्षाओं की तैयारी करवा लेने वाला ‘निर्माण’ तथा भारतीय शिक्षा मंडल ने इस वर्ष वरिष्ठ विचारक धर्मपाल के साहित्य का अनुवाद प्रकाशित किया और पहला संस्करण समाप्त भी हो गया। अ.भा. विद्यार्थी परिषद की 22 लाख की सदस्य संख्या और विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्राप्त सफलता विशेष उल्लेखनीय है। विद्या भारती का 13209 स्कूलों के जरिए और 9948 एकल विद्यालयों से चलने वाले कार्य और इससे 143512 आचार्यों के मार्गदर्शन से विद्या के क्षेत्र में अनुगमन करने वाले 33 लाख छात्रों का उल्लेख भी जरूरी है।

बेंडी डोनिगर नामक अमेरिकी महिला की The Hindus An Alternative History नामक पुस्तक के कुहेतु को ध्यान में लेकर प्रकाशक पेंग्विन प्रकाशन की स्थिरपद प्रकाशन संस्था को अदालत में खेंचने वाले और झुकने के लिए बाध्य करने वाले शिक्षा संस्कृति पुनरुत्थान न्यास का निवेदन जागरूकता की पहचान दिलाने वाला था। अरुणाचल प्रदेश में इटानगर में चीन के साथ हुए संघर्ष हुतात्मा हुए वीरों को ‘स्वरांजलि’ देने वाला संस्कार भारती का निवेदन भी यश को रेखांकित करने वाला ही था।

विश्व भारती, संस्कृत भारती, भारतीय इतिहास संकलन योजना, किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच आदि 35 निवेदन प्रतिनिधि सभा में पेश किए गए। भारतीय जनता पार्टी का भी निवेदन पेश किया गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने देश की राजनीतिक स्थिति का विवेचन किया।

संघ के सरकार्यवाह मा. भैयाजी जोशी ने आरंभ में अपने प्रतिवेदन में देश की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए देश की असुरक्षित सीमाओं, विवाहेतर रिश्तों ओर समलैंगिकता को अदालतों से मिल रहे समर्थन से हिंदू जीवन शैली के समक्ष उपस्थित चुनौतियों, अल्पसंख्यक- बहुसंख्यक की भूमिका लेते हुए जैन समाज को अल्पसंख्यक समाज के रूप में दी गई सरकारी मान्यता, इससे देश की एकात्म समाज रचना के समक्ष उपस्थित होने वाली समस्याओं और अगले लोकसभा चुनाव में अकार्यक्षम तथा राष्ट्रहितदक्ष में विफल सत्ता केंद्र में परिवर्तन के लिए समाज जागरण व प्रबोधन जैसे अनेक विषयों के बारे में संघ की भूमिका प्रतिपादित की।

प.पू. सरसंघचालक मा. मोहनजी भागवत के प्रबोधन से प्रतिनिधि सभा का समापन हुआ। उन्होंने आंदोलन की अवधि में भी विवेक को सम्हालने और परस्पर आत्मीयता ही संघ कार्य का प्राण होने का सब को स्मरण दिलाया।
————–

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: mohanbhagvatrashtriyarsssanghभगवाध्वजभारतीय इतिहासहिंदुधर्महिंदुराष्ट्र

हिंदी विवेक

Next Post
झूलेलाल का अवतार

झूलेलाल का अवतार

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0