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KOO: टिकटॉक के बाद अब टूटेगा ट्विटर का घमंड

KOO: टिकटॉक के बाद अब टूटेगा ट्विटर का घमंड

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, देश-विदेश, विशेष, सामाजिक
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विश्व जब कोरोना महामारी से जूझ रहा था तब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की थी, कि आप इस आपदा को अवसर के रुप में बदलने की कोशिश करें, कुछ लोगों ने पीएम मोदी की बात पर विचार किया और सच में नये अवसर के साथ खड़े हो गये। पीएम मोदी के आपदा को अवसर में बदलने की बात का सीधा मतलब यह था कि भारत का हर नागरिक आत्मनिर्भर बने और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सके। लॉकडाउन के बाद काफी हद तक यह देखा भी गया कि लोग आत्मनिर्भर हो गये और नौकरी को छोड़ खुद का व्यापार शुरु कर लिया।

भारत अपने पड़ोसी देश चीन से तमाम क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में आयात करता था लेकिन लॉकडाउन के दौरान चीन के साथ हुए खूनी हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार ने भी चीन को सबक सिखाने की ठानी और उसमें सफल भी रहे। सरकार ने सभी से अपील करते हुए कहा कि जो भी सामान चीन से निर्यात किया जाता है वह भारत में तैयार किया जाए। मोबाइल के एप में भी चीन की अच्छी पकड़ थी जिससे चीन करोड़ों का कारोबार करता था। भारत सरकार ने 100 से अधिक चीनी ऐप को बैन कर दिया जो चीन के लिए एक बड़ा झटका था। भारत सरकार ने यह भी तय किया कि अब इस्तेमाल होने वाले सभी ऐप भारत में तैयार किए जाये इसके लिए मोदी ने देश के करोड़ो छात्रों से संवाद किया और उनसे सहयोग भी मांगा।

चीनी ऐप टिक टॉक का इस्तेमाल करने वाले सबसे ज्यादा भारतीय लोग थे इसलिए इसके बैन होने से चीन को करारा झटका लगा और उसने इसे फिर से चालू करने के लिए लाख कोशिश की लेकिन वह पूरी तरह से फेल हो गया, उधर भारत में टिकटॉक की कमी को पूरा करने के लिए जल्द ही टिकटॉक जैसे कई ऐप तैयार हो गये इन ऐप ने ना सिर्फ आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया बल्कि देश में रोज़गार के अवसर भी पैदा कर रहे है।

पिछले कुछ समय से ट्विटर और सरकार के बीच भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ट्विवर कुछ ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहा है जो भारत के लिए ख़तरा है और देश की शांति भंग करना चाहते है। देश में चल रहे कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्विटर का गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है जिसकी सुरक्षा एजेंसियों ने ट्विटर को सूचना भी दी थी लेकिन ट्विटर ने इन सभी आरोपों को मानने से इंकार कर दिया और इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी बता दिया। सरकार की तरफ से यह दावा किया गया है कि करीब 70 से अधिक ट्विटर अकाउंट कृषि बिल के खिलाफ ट्वीट कर किसानों को भड़काने का काम कर रहे है और देश की छवि भी बिगाड़ रहे है।

हालांकि यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी सरकार ट्विटर के रवैये से खुश नही है क्योंकि वह अपनी रोटी सेंकने के लिए भारत को बदनाम करने की कोशिश करने वालों का साथ दे रहा है इसलिए भारत ने फिर से ट्विटर का तोड़ निकाल लिया है और इसके जैसा एक नया सोशल हैंडल तैयार किया गया है जिसका नाम है ‘कू’। मार्च 2020 में कू ऐप को तैयार किया गया था जो अब धीर धीरे लोगों के बीच चर्चित हो रहा है। वहीं इस ऐप की खास बात यह है कि कू ऐप डिजिटल इंडिया व आत्मनिर्भर भारत इनोवेटिव चैलेंज का विजेता रहा है। पीएम मोदी ने अपने मन की बात में भी इस ऐप का जिक्र किया है और खबर यह भी है कि जल्द पीएम मोदी अपना अकाउंट इस पर बनाने वाले है।

फिलहाल पूर्ण स्वदेशी कू ऐप भारत सरकार के कई मंत्री अपना अकाउंट बना चुके है जिसमें पीयूष गोयल और रविशंकर प्रसाद नाम शामिल है। वहीं कुछ सरकारी संस्थानों और मंत्रियों के जुड़ने के बाद से लोग तेजी से इससे जुड़ रहे है। एक आंकड़े के मुताबिक करीब 24 घंटे में 35 लाख से अधिक लोग इससे जुड़े है। अगर कू ऐप और ट्विटर की तुलना की जाए तो कू ऐप ज्यादा सुविधाजनक नजर आता है। कू ऐप में संदेश लिखने के लिए 400 शब्दों की सुविधा है जबकि ट्विटर में 280 शब्दों का ही संदेश लिखा जा सकता है। कू पर लिखने के दौरान किसी भी गलती को सुधारा जा सकता है जबकि ट्विटर पर एडिट की सुविधा नहीं है। कू ऐप की सबसे बड़ी और अच्छी खासियत यह है कि इस पर अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा बंगाली, गुजराती, तेलगू, कंन्नड़, पंजाबी, मराठी, उड़िया और असमिया भाषा में भी संदेश लिखा जा सकता है।

ट्विटर के गलत और हठ भरे रवैये की वजह से ही उसके जैसे किसी ऐप की खोज करनी पड़ी और नतीजा अब ट्विटर से लोग दूरी बना रहे है। भारत सरकार के मंत्रियों के अलावा भारतीय डाक विभाग, माई गवर्नेंमेंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा ली है। कू ऐप को भारत की आत्मनिर्भरता से जोड़ कर देखा जा रहा है और इसलिए ही इसे एक मजबूत समर्थन भी मिल रहा है। कू ऐप ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि भारत की जनता अब आपदा को अवसर में बदलना सीख गयी है।

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