बालाकोट एयर स्ट्राइक: वायु सेना का आतंकियों से 90 सेकेंड का बदला

26 फरवरी 2019 की रात पाकिस्तान कभी नहीं भूल सकता है क्योंकि इसी दिन पाकिस्तान की सरज़मी पर भारत की सेना ने ऐसा तांडव किया था कि पाकिस्तानी आतंकियों की जान पर बन आयी थी और वह अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे लेकिन इस ऑपरेशन की खास बात यह थी कि भारतीय वायु सेना के इस हैरतअंगेज़ कारनामों की भनक पाकिस्तान को नहीं लग पायी। भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की धरती पर जाकर आतंकियों का सफाया किया और वापस अपने देश भी लौट कर आ गये लेकिन पाकिस्तान को इसकी खबर नहीं लग सकी।

बालाकोट एयर स्ट्राइक भारत का उन आतंकियों और पाकिस्तानियों से बदला था जिन्होंने 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRPF की बस को बम से उड़ा दिया था जिसमें भारतीय सेना के 40 जवान शहीद हो गये थे। सीआरपीएफ का काफ़िले हर रोज की तरफ अपने कैंप से निकल कर अपनी अपनी ड्यूटी के लिए रवाना हो रहा था तभी एक कार ने आकर एक बस को टक्कर मार दी और फिर बहुत की तेज धमाका हुआ जिससे बस और कार दोनों के परखच्चे उड़ गये। इस हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गये। पुलवामा में हुए हमले की ज़िम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली थी। इस घटना के बाद से पूरे देश में शोक और प्रतिशोध की लहर तेज हो गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगों ने बदले का आग्रह किया। हर तरफ सोशल मीडिया पर पाकिस्तान को सबक सिखाने का संदेश आने लगा। शायद केंद्र सरकार को भी लोगों का सुझाव पसंद आया और सरकार ने भी बदला लेने का मन बना लिया।

25 फरवरी की शाम तक सब कुछ ठीक था किसी को भी कोई भनक नही थी मीडिया में भी शांति का माहौल था। सूत्रों तक को यह नहीं पता था कि 26 फरवरी को कुछ होने वाला है। केंद्र सरकार भी शांति से अपने कामों को अंजाम दे रही थी लेकिन सरकार ने बिना समय गवाएं मात्र 12 दिन में बदला लेने के लिए वायु सेना के जवानों को तैयार कर लिया। वायु सेना के जवानों को 26 फरवरी को सुबह तड़के ही जब आतंकी अपनी गहरी नींद में थे तभी बमबारी शुरु कर दी। सेना के मुताबिक पूरा मिशन मात्र 90 सेकेंड में पूरा कर लिया गया और सेना सही सलामत भारत की सीमा में वापस लौट आयी। सेना के इस 90 सेकेंड के ऑपरेशन ने बालाकोट स्थित जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन में करीब 250 से अधिक आतंकी मारे गये थे।

वायु सेना के इस ऑपरेशन की दो खास बात यह थी पहली यह कि मात्र 12 दिन में इतने बड़े मिशन को तैयार कर लिया गया जबकि ऐसे किसी मिशन पर जाने के लिए महीनों की ट्रेनिंग की जरुरत होती है जबकि दूसरी कि इस ऑपरेशन को लेकर किसी को भी कुछ नहीं पता था यहां तक कि जिस पायलट को जाना था उसके भी परिवार को नहीं पता था कि ऐसा कुछ ऑपरेशन होने वाला है। इस मिशन की गोपनीयता की वजह से ही शायद यह पूरी तरह से सफल हो पाया है।

26 फरवरी 2019 को सुबह सुबह 12 मिराज़ 2000 पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए और 90 सेकेंड तक लगातार बम की वर्षा। इस बम वर्षा से बालाकोट की पूरी धरती थर्रा उठी। बालाकोट के निवासियों ने बताया कि जब सेना बम गिरा रही थी तो लगा कि धरती भट रही हो। हर कोई जाग गया और पूरी रात भय से सो नहीं पाया। उधर भारतीय वायु सेना के जवान लगातार 90 सेकेंड तक बम की वर्षा करने के बाद अपनी सीमा में सुरक्षित वापस आ गये और बालाकोट के सभी आतंकी शिविर शमशान में तब्दील हो गये।

बालाकोट ऑपरेशन हमारे लिए एक बड़ी सफलता है और सरकार ने इस ऑपरेशन के बल पर जो दम दिखाया उसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही है क्योंकि दुश्मन को उसकी ही भाषा में जवाब दिया जाता है तो वह उसे जल्दी समझ आता है। पाकिस्तान को भी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि भारत जवाबी कार्रवायी करेगा क्योंकि इससे पहले भी भारत में कई आतंकी हमले हुए है लेकिन तब भारत की तरफ से कोई जवाबी कार्रवायी नहीं हुई है।

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