
‘माइग्रेन या अधकपारी’ यह आधुनिक युग की एक समस्या है और देश की एक बड़ी जनसंख्या इससे प्रभावित भी है। इससे ऑफिस जाने वाले या कहें कि खास कर वह लोग ज्यादा प्रभावित है जो कम्पयूटर या फिर लैपटॉप का इस्तेमाल ज्यादा करते है हालांकि कुछ ऐसे भी लोग इससे परेशान है जो सिर्फ घरों में रहते है। कुल मिलाकर इससे प्रभावित लोग अलग अलग क्षेत्र से है और उनकी दिनचर्या भी बिल्कुल अलग है इसलिए यह कहना गलत होगा कि यह किसी एक वजह से हो रहा है।

माइग्रेन क्या है ?
इस समस्या के दौरान शरीर के मस्तिष्क के आधे भाग में दर्द होता है वह कम भी हो सकता है और तेज या फिर बहुत तेज दर्द हो सकता है। यह दर्द सिर के किसी भी भाग में हो सकता है और दर्द कम से कम 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक हो सकता है। माइग्रेन से प्रभावित व्यक्ति को उल्टी होना या फिर जीमचलाना आम बात है लेकिन इन सभी के साथ शरीर में दर्द भी बढ़ जाता है।
माइग्रेन से एक बड़ी जनसंख्या पूरे विश्व में प्रभावित है इसलिए विज्ञान ने इनकी दवाओं की खोज कर ली है लेकिन यह दवाएँ माइग्रेन से तो आराम दिला देती है लेकिन इन दवाओं का शरीर पर दुष्प्रभाव भी पड़ता है। अगर आप माइग्रेन से अत्यधिक पीड़ित है तो आप अंग्रेजी दवाओं के सेवन से खुद को दर्द से बाहर कर सकते है लेकिन इसका लाभ तभी तक आप को मिलेगा जब तक आप दवा का सेवन करते रहेंगे लेकिन योग के द्वारा माइग्रेन को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है और इसका शरीर पर कोई दुष्परिणाम भी नहीं होगा।

योग से माइग्रेन का इलाज
माइग्रेन में कई तरह के होते है किसी को हल्का दर्द होता है जबकि कुछ लोग इससे बुरी तरह से प्रभावित होते है और उन्हे दवा की जरुरत होती है। अगर आप हल्का दर्द अनुभव करते है तो आप अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और भस्त्रिका का नित्यप्रति उपयोग करें आप को सिर दर्द से राहत मिलेगी और मन भी शांत होगा। इसके अलावा कुछ और भी आसन है जिससे माइग्रेन में मदद मिल सकती है।
शवासन
शवासन अर्थात अपने शरीर को मृत अवस्था के अनुरुप बना लेना यानी कि मन को शांत करना, शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ देना। इस स्थिति में शरीर तनाव मुक्त होता है और मन शांत होता है जिससे यह माइग्रेन जैसी बिमारी में लाभदायक होता है।
पद्मासन
इस आसन के दौरान हम एक पैर को दूसरे पैर पर चढ़ाकर बैठ जाते है हमारे दोनों हाथ खुले और पैरों पर होते है। इस अवस्था को पद्मासन कहते है इस आसन में बैठने पर मन शांत होता है।
अधोमुखश्वानासन
इस आसन के दौरान हमारे दोनों पैर और हाथ जमीन पर होते है और हमारा चेहरा नीचे की तरफ होता है, कमर उपर की तरफ खिंची हुई होती है। इस अवस्था में सांस को धीरे से अंदर लेते है और बाहर छोड़ते है जिससे यह सिर दर्द में बहुत लाभकारी होता है।
पश्चिमोतानासन
पश्चिमोतानासन की अवस्था में हमारे दोनों पैर आगे की तरफ खुले होते है और हाथों से पंजो को पकड़ कर सिर नीचे की तरफ झुकाते है। इस अवस्था में रहने के दौरान हमारे शरीर की तंत्रिकाओं में खिचाव होता है जिससे मस्तिष्क शांत होता है और विभिन्न प्रकार के सिरदर्द से छुटकारा मिलता है।
मर्जरासन
यह आसन भी अधोमुखश्वानासन से मिलता जुलता होता है। इस आसन के दौरान भी हम पेट के बल होते है लेकिन जमीन पर हमारा हाथ और पैर का घुटना स्पर्श होता है बाकी शरीर का भाग उपर उठा होता है। इस आसन के दौरान मन शांत होता है और शरीर तनाव मुक्त होता है।
शिशुआसन
यह बहुत ही आरामदायक आसन है जिसमें शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ देते है। इस दौरान मन शांत और तनाव मुक्त होता है। इस योग से शरीर के तमाम तरह के दर्द से छुटकारा मिलता है।
हस्तपदासन
किसी भी समतल स्थान पर खड़े हो जाए और आगे की तरफ झुककर अपने पैरों को छुएं। इस आसन के शरीर में रक्त संचार तेजी से होता है जिससे शरीर के सभी भागों तक रक्त पर्याप्त मात्रा में पहुँचता है। सिर नीचे होने की वजह से मस्तिष्क में भी रक्त संचार की आपूर्ति होती है जिससे मस्तिष्क से संबंधित तमाम बिमारियों में लाभ मिलता है।
सेतुबंधासन
यह आसन मर्जरासन के बिल्कुल विपरीत होता है। इसमें हम पीठ के बल लेट जाते है और फिर पैरों को आधा मोड़ कर कमर को उपर की तरफ उठा लेते है जिससे हमारा सर नीचे की तरफ हो जाता है। इस आसन से मस्तिष्क में रक्त संचार जरूरी मात्रा में होता है जिससे माइग्रेन जैसे दर्द से छुटकारा मिलता है।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार को तमाम आसनों का पिता कहा गया है। इस एक आसन के करने से शरीर के तमाम रोगों से छुटकारा मिल सकता है। सूर्य नमस्कार आसन किसी एक फायदे के लिए नहीं बल्कि हजारों फ़ायदों के लिए जाना जाता है। यह आसन भी माइग्रेन में लाभदायक होता है।