संत निरंकारी मिशन : एक विश्वस्तरीय अध्यात्म-समाजसेवी संगठन

संत निरंकारी मिशन का आरंभ 25 मई, 1929 को सरल जीवन और निराकार ईश्वर में पूर्ण आस्था रखने वाले बाबा बूटा सिंह जी ने पेशावर (पाकिस्तान) में किया।…वर्ष 1980 से संत निरंकारी मिशन का बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में चौमुखी विकास हो रहा है। …आज मिशन की 2500 से भी अधिक शाखाएं हैं जिनमें से लगभग 200 विदेशों में हैं। …अध्यात्म एवं सेवा का यहां अनूठा संगम है।

मिशन का परिचय
आध्यात्मिक विचारधारा के रूप में संत निरंकारी मिशन का आरंभ 25 मई, 1929 को सरल जीवन और निराकार ईश्वर में पूर्ण आस्था रखने वाले बाबा बूटा सिंह जी ने पेशावर (पाकिस्तान) में किया। मिशन का तत्कालीन लक्ष्य भक्तों को यह बताना था कि ईश्वर की अनुभूति की जा सकती है और जब तक हम इस परम सत्य की अनुभूति नहीं करते तब तक हमारे द्वारा किए जा रहे कर्मकाण्ड निरर्थक हैं।

बाबा बूटा सिंह जी नश्वर शरीर को त्याग कर 1943 में ब्रह्मलीन हो गए। उनके उत्तराधिकारी बाबा अवतार सिंह जी, जो उनके साथ निरंतर रहा करते थे, ने वर्ष 1947 में पाकिस्तान से भारत आने के उपरांत मिशन को एक सुद़ृढ़ प्रबंध व्यवस्था प्रदान की। उन्होंने संत निरंकारी मंडल का पंजीकरण कराया जिसके फलस्वरूप मिशन द्वारा नियमित रूप से सत्संग आयोजित किए जाने लगे और मिशन की गतिविधियां सुचारू रूप से चलने लगीं। मिशन की विचारधारा की कुंजी जानी जाने वाली ‘सम्पूर्ण अवतार बाणी’ उनकी अनुपम एवं चिरस्थायी देन है।

वर्ष 1962 में बाबा अवतार सिंह जी ने एक साधारण प्रचारक के रूप में कार्य करने का निर्णय लिया और बाबा गुरबचन सिंह जी सद्गुरु के रूप में प्रकट हुए। बाबा गुरबचन सिंह जी मिशन को जनसाधारण और उनके दैनिक जीवन के अत्यंत समीप ले आए। इस प्रकार मिशन का न केवल विस्तार हुआ बल्कि वह अपने आध्यात्मिक संदेश के साथ-साथ साम्प्रदायिक सद्भाव, सामाजिक एकता तथा राष्ट्रीय स्थिरता की स्थापना के लिए एक सशक्त माध्यम के रूप में भी कार्य करने लगा।
वर्ष 1980 से संत निरंकारी मिशन का बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में चौमुखी विकास हो रहा है। सद्गुरु बाबा जी के अनुसार आध्यात्मिक जागरूकता मानव एकता, सहअस्तित्व तथा विश्व समृद्धि का एक अचूक साधन है। विश्व बंधुत्व यहां केवल स्वप्न ही नहीं है बल्कि प्राप्त करने योग्य लक्ष्य है। आज मिशन की 2500 से भी अधिक शाखाएं हैं जिनमें से लगभग 200 दूर देशों में हैं। इसी तरह विश्व में लगभग 650 सत्संग भवन हैं जहां नियमित रूप से सत्संग होता है।

मिशन
मिशन के अनुसार ‘एक पिता एकस के हम बारक’ के आधार पर सुंदर संसार की स्थापना के लिए मानव की लालसाओं और इच्छाओं को अनुशासित करके आध्यात्मिक मूल्यों और सिद्धांतों के आधार पर नियंत्रित करना होगा। एक परिपूर्ण समाज की स्थापना के लिए मानव की आध्यात्मिक एवं भौतिक आवश्यकताओं के बीच तालमेल और रचनात्मक, उत्पादक और आविष्कारिक कौशलता को बढ़ावा देना आवश्यक है।

समाज कल्याण
संत निरंकारी मिशन का मुख्य उद्देश्य तो आध्यात्मिक जागरूकता के माध्यम से श्रद्धालु भक्तों के जीवन में सुंदरता लाना ही है। परंतु फिर भी यह अपनी मुख्य गतिविधियों में से कुछ साधन बचा कर समाज कल्याण के कार्य करता है। सन 2010 से मिशन की सभी समाज कल्याण की गतिविधियां संत निरंकारी चैरिटेबल फाउन्डेशन द्वारा समाज कल्याण विभाग तथा मिशन की विभिन्न शाखाओं के सहयोग से संपन्न की जाती हैं।

संत निरंकारी सेवादल के भाई-बहन मिशन की धारणा, कि मानवता की सेवा ईश्वर भक्ति का एक अनुपम माध्यम है, का एक प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इसलिए सेवा दल की वर्दी पहने ये महिलाएं और पुरूष समागमों और सत्संग कार्यक्रमों के दौरान ही व्यवस्था नहीं करते बल्कि देश में प्राकृतिक आपदाओं के समय में भी अन्य श्रद्धालु भक्तों के साथ मिल कर राहत कार्यों में योगदान देते हैं।

स्वच्छता अभियान एवं वृक्षारोपण
हर वर्ष 23 फरवरी को सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के जन्म दिवस पर संसार भर में वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं। हाल ही में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेषन ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हरित दिल्ली अभियान में भाग लिया जिसमें मिशन के 30,000 सेवादारों ने, जो कि कुल प्रतिभागियों का 75 प्रतिशत थे, एक दिन में एक लाख पौधे लगाए। सन 2015 के सितम्बर माह से मुंबई के नैशनल पार्क में एक लाख पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी फाउंडेशन ने ली है। एक स्थानीय विधायक द्वारा महाराष्ट्र सरकार के सामुदायिक विकास के लिए स्वीकृत किए गए विधायक फंड से इस अभियान का प्रारंभ किया गया है। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत देश भर में अनेक गांव-खेड़े, बस्तियां, दवाखाने, रेल स्थानक, पाठशालाएं, स्मषान घाट इत्यादि अनेक सार्वजनिक स्थलों की सफाई हर वर्ष की जा रही है।

स्वच्छ रेल- स्वच्छ भारत अभियान
मिशन के अनुयायियों में मानवता की सेवा के प्रति उत्साह की सराहना करते हुए माननीय रेल मंत्री ने सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को पत्र लिखकर 2 अक्टूबर, 2015 को ‘स्वच्छ रेल – स्वच्छ भारत’ अभियान में भाग लेने का आग्रह किया। सद्गुरु बाबा जी ने इसे स्वीकृती प्रदान करते हुए देश के 46 रेल स्थानकों को न केवल 2 अक्टूबर को ही सफाई अभियान चलाने का जिम्मा लिया बल्कि उसके उपरांत भी साल भर महीने में एक बार सफाई करने का संकल्प लिया जो अब तक जारी है।

प्राकृतिक आपदाओं में राहत एवं पुनर्वास कार्य
प्राकृतिक आपदाओं एवं मानवनिर्मित बम विस्फोटों जैसी दुर्भाग्यपूर्ण आपदाओं के समय संत निरंकारी मिशन के सेवादार राहत कार्य में हमेशा अग्रसर रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व गुजरात के भुज में आए हुए भूकंप के दौरान मिशन द्वारा जहां राहत कार्य किया वहां पुनर्वास के तौर पर एक रिहायशी कालोनी बना कर दी। महाराष्ट्र के लातूर जिले में आया भूकंप हो, चेन्नई में आई सुनामी की आफत हो या उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर में आए बाढ़ की आपदाएं हों, अथवा आंध्र प्रदेश में आए हुए चक्रवात तुफ़ान हो, संत निरंकारी मिशन ने हर अवसर पर राहत एवं पुनर्वास कार्यों में अपना सराहनीय योगदान दिया है। मुंबई के बम विस्फोट की आपदा के समय मिशन के सेवादारों ने विशेष रक्तदान शिविर लगा कर आपदाग्रस्तों की सहायता की है।

राष्ट्रीय योगदान
जब जब भी देश पर संकट के बादल मंडराने लगे तब तब निरंकारी मिशन ने अपनी राष्ट्रभक्ति का परिचय देते हुए अपना योगदान दिया है। भारत-चीन के युद्ध के समय जब स्वयंसेवी संस्थाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में योगदान देने का आह्वान किया गया तब मिशन द्वारा निधि प्रदान की गई। इसी प्रकार से कारगिल के युद्ध में घायल सैनिकों के वैद्यकीय चिकित्सा के लिए अत्याधुनिक उपचार करने वाला एक उपकरण मिशन द्वारा दिया गया है जो निरंतर सेना के जवानों की सेवा में योगदान देता रहेगा।

संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा विशेष सलाहकार का दर्जा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिशन के समाज कल्याण कार्यों को देखते हुए एवं मानव जीवन का स्तर बढ़ाने में मिशन के द्वारा दिए जा रहे असाधारण योगदान केकारण गैर-सरकारी संगठन के रुप में संत निरंकारी मंडल को सन 2012 में विशेष सलाहकार का दर्जा प्रदान किया गया है।

रक्तदान में देश का अग्रणी संगठन
संत निरंकारी मिशन आज भारत की स्वेच्छा से रक्तदान करने वाली अग्रिम संस्थाओं में से एक है। मिशन द्वारा पहला रक्तदान शिविर नवम्बर, 1986 में दिल्ली में आयोजित किया गया। वर्ष 1987 से इन शिविरों का आयोजन बाबा गुरबचन सिंह जी और मिशन के सैकड़ों अन्य श्रद्धालु भक्तों, जिन्होंने सत्य, प्रेम, शांति और मानव एकता हेतु जीवन का बलिदान दिया, की याद में अप्रैल माह में ‘मानव एकता दिवस’ के अवसर पर किया जाता है। वर्ष 1997 से यह शिविर अप्रैल से सितम्बर तक गर्मियों के महीनों में आयोजित किए जाने लगे क्योंकि इस अवधि में ब्लड-बैंकों में रक्त की प्राय: कमी होती है। वर्ष 2009 से ये शिविर 24 अप्रैल से आरंभ हो कर साल भर आयोजित किए जाते हैं। मिशन के द्वारा अब तक 4426 रक्तदान शिविर लगाए जा चुके हैं जिनमें 7,71,107 युनिट रक्तदान किया गया है।

उल्लेखनीय है कि 7 जनवरी, 2014 के दिन जे जे महानगर रक्तपेढी में आयोजित समारोह में जिन 10 प्रमुख रक्तदाता संस्थाओं को सम्मानित किया गया उनमें संत निरंकारी मिशन का नाम प्रथम स्थान पर था। महाराष्ट्र के माननीय मुख्य मंत्री जी की उपस्थिति में मिशन को एक ट्रॉफी द्वारा गौरवान्वित किया गया।

संत निरंकारी रक्तपेढ़ी
गौरतलब है कि मिशन की अपनी संत निरंकारी रक्तपेढी हाल ही में संत निरंकारी सत्संग भवन, विलेपार्ले, मुंबई में शुरू की गई है जिसका लोकार्पण निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के करकमलों द्वारा 26 जनवरी, 2016 के दिन 67वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया गया। यह रक्तपेढ़ी हर जरूरतमंद के लिए खुली होगी। इसमें हर माह 500 युनिट रक्त संचय की सुविधा के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।

स्वास्थ्य
मिशन 4 अस्पताल और 144 धर्मार्थ औषधालय चला रहा है। अस्पताल दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, और आगरा में हैं जबकि औषधालय देश भर में फैले हुए हैं। मिशन के द्वारा दिल्ली में 1250 बिस्तरों वाला एक सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल बनाया जा रहा है जिसे संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेषन संचालित करेगा।

मिश्ीन समय-समय पर नेत्र चिकित्सा, मोतियाबिंद आपरेशन, स्वास्थ्य जांच, हृदय रोग जांच, रक्त की कमी की जांच शिविरों का आयोजन करता है।

महिलाओं को स्वावलम्बी बनाना
विधवा एवं अन्य जरुरतमंद महिलाओं के लिए मिशन द्वारा 91 सिलाई-कढ़ाई केन्द्र देश भर में चलाये जा रहे हैं।

शिक्षा
शिक्षा के क्षेत्र में मिशन सोहना (हरियाणा) में एक कॉलेज तथा दिल्ली और अन्य स्थानों पर 24 स्कूल चला रहा है। इसी तरह से मिशन द्वारा 9 पुस्तकालय भी चलाए जा रहे हैं।

समाज सुधार (नशाबंदी एवं सादी तथा सामूहिक शादियां)
यद्यपि अध्यात्म के द़ृष्टिकोण से मिशन की मान्यता है कि मानव का खान-पान जलवायु पर निर्भर है और इसका आत्मा से कुछ भी सम्बंध नहीं है परंतु यह अपने भक्तों को मादक पदार्थों के सेवन से संकोच करने को कहता है क्योंकि उनका सेवन सामाजिक बुराइयों को जन्म देता है। आज देश-विदेश में रह रहे लाखों निरंकारी भक्त नशामुक्त जीवन जी रहे हैं।
मिशन शादियों तथा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के अवसर पर मितव्ययता बरतने पर बल देता है। दहेजमुक्त शादियों को प्रोत्साहित करने के लिए मिशन समय-समय पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम भी आयोजित करता रहता है। मुंबई में तो सामूहिक विवाह वार्षिक समागम का एक नियमित अंग बन चुके हैं। प्रति वर्ष समागम के अगले दिन सामूहिक विवाह आयोजित किए जाते हैं।

निरंकारी सरोवर काम्प्लेक्स (अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल)
संत निरंकारी मिशन द्वारा यहां निरंकारी सरोवर, बुराड़ी रोड, निरंकारी चौक निर्मित ’एकत्व का फव्वारा’ दिल्ली सरकार द्वारा एक पर्यटन स्थल घोषित किया गया है। यह फव्वारा दर्शकों के लिए प्रत्येक शुक्रवार, शनिवार व रविवार को सायं 6.30 बजे से 7.30 बजे तक खुला रहता है जिसमें ध्वनि, प्रकाश और जल पर आधारित आधे घण्टे का कार्यक्रम दो बार दिखाया जाता है। इसमें ध्वनि तथा संगीत अंश द्वारा महापुरुशों की वाणी विषेशतया निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी के विचारों के अंश प्रस्तुत किए जाते हैं जबकि प्रकाश ब्रह्मज्ञान तथा जल प्रेमरूपी अमृत को दर्शाता है। फव्वारे के गिर्द चार रास्ते भिन्न-भिन्न धर्मों, संस्कृतियों और भाषाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि फव्वारा उन सभी के एक स्थान पर मिलन का प्रतीक है। जिन मानव कृतियों के हाथ शिल्प कला द्वारा परस्पर जुड़े हुए दिखाए गए हैं वे विश्व में प्रेम, नम्रता और भाईचारे की भावना को दर्शाती हैं। इसी कॉम्प्लेक्स में निरंकारी सरोवर बना हुआ है जहां श्रद्धालु भक्त पवित्र स्नान करते हैं जबकि मिशन का मानवता का संदेश प्रस्तुत करने वाली ‘दिव्य यात्रा’ नामक प्रदर्शनी भी इसी कॉम्प्लेक्स में स्थित है जो देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का कारण बन चुकी है।

उल्लेखनीय है कि मुंबई के वासरी हिल स्थित महानगरपालिका के गार्डन प्लॉट में मिशन द्वारा ‘निरंकारी गार्डन‘ का निर्माण किया गया है जो स्थानीय नागरिकों के लिए टहलने एवं विश्राम करने का स्थान बन चुका है।

अ‍ॅवॉर्डस्
मिशन के मानव सेवा के महान कार्यों की प्रशंसा करने वाले अनेक पुरस्कार राज्य, राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से मुख्य रूप से महात्मा गांधी ग्लोबल फैमिली अवार्ड, महात्मा गांधी पुरस्कार-2013 एवं यू.के. में दिए गए क्वीन्स गोल्डन जुबली अवार्ड विशेष उल्लेखनीय हैं।

प्रकाशन एवं पत्र-पत्रिकाएं
मिशन के द्वारा देश-विदेश की विभिन्न भाषाओं मेें सैंकड़ों की संख्या में आध्यात्मिक पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है। संत निरंकारी मासिक पत्रिका 11 भाषाओं में प्रकाशित हो रही है जबकि एक नज़र पाक्षिक 3 भाषाओं में छपता है। बच्चों के लिए हंसती दुनिया पत्रिका 4 भाषाओं में प्रकाशित होती है जबकि युनिवर्सल टार्गेट यह त्रैमासिक पत्रिका अंग्रेजी में यू.के. से प्रकाशित होती है।

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