आखिर हिन्दुओं का ही कन्वर्जन क्यों ?

बच्चा जब मां के पेट में आता है तभी से उसका धर्म भी निश्चित हो जाता है कि वह किस धर्म में जन्म लेने वाला है जो पूरे जीवन काल में कभी नहीं बदलता है। प्राचीन काल में भी धर्म को कभी नहीं बदला जाता था जबकि कर्म के अनुसार उसे जाति या वर्ण व्यवस्था में परिवर्तित कर दिया जाता था। वर्तमान में धर्म परिवर्तन का काम बहुत जोरों से चल रहा है और इसको कुछ राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिल रहा है जिससे यह पूरे भारत में तेजी से बढ़ रहा है।कन्वर्जन के लिए सिर्फ हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। मुस्लिम और ईसाई दोनों ही हिन्दुओं को निशाना बना उनका धर्म परिवर्तन करवा रहे है जिसकी जानकारी सभी को है लेकिन तमाम समाजसेवी और विद्वान इस पर चुप बैठे है।    


उत्तर प्रदेश में कन्वर्जन का तेजी से चल रहा है जिसका भंडाफोड़ योगी सरकार ने किया है और इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। गिरफ्तार लोगों से पता चला कि इस काम में उनका कई गिरोह एक साथ लगा हुआ है और पूरे देश में कन्वर्जन का काम किया जा रहा है। कन्वर्जन के लिए हिन्दू दलितों, गरीबों और जरूरतमंद को कुछ लालच के साथ अपना शिकार बनाया जा रहा है। दरअसल इस कन्वर्जन के गिरोह को विदेश से पैसों की फंडिंग हो रही है और यह लोग देश के अलग अलग शहरों में कन्वर्जन का काम कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के नोएडा में इसकी शिकायत काफी समय से पुलिस को मिल रही थी जिसके बाद एटीएस ने इस मामले दो लोगों मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक यह लोग मूक बधिर बच्चों और महिलाओं को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाते थे। 
 
नोएडा में हो रहे इस कन्वर्जन रैकेट के द्वारा करीब एक हजार से अधिक लोगों को इसका शिकार बनाया गया है और उन्हें बहला फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया गया है। यह सब तब हो रहा है जब उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले ही लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया था। शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए योगी सरकार ने यह कानून तैयार किया लेकिन बावजूद इसके कन्वर्जन का काम कानून की नजरों से छुपा कर चला रहा था और अगर बीजेपी की सरकार नहीं होती तो शायद इसका खुलासा भी नहीं होता क्योंकि इतिहास से यह पता चलता है कि किसी भी दूसरी सरकार में ऐसे किसी मामले को उजागर नहीं किया जाता है क्योंकि बाकी दलों को वोट की राजनीति करनी होती है और ऐसे मामले उठाने से मुस्लिम समुदाय का वोट कम होने का डर होता है। 
 
भारत में कन्वर्जन को बहुत ही बड़ी संख्या में किया जा रहा है और इसके लिए गरीब और पिछड़े लोगों को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि यह लोग आसानी से पैसों की लालच में आ जाते है। पूरे देश का अधिकतर हिन्दू समाज समपन्न है लेकिन वह निचले स्तर के लोगों का ध्यान नहीं देता है और ना ही किसी मदद करता है जिसका फायदा कन्वर्जन करने वालों को मिलता है और वह धर्म परिवर्तन का काम तेजी से करने में सफल होते है। 
 
अब सवाल यह है कि आखिर धर्म परिवर्तन क्यों कराया जाता है? आखिर इससे क्या फायदा होता है। देश का अल्पसंख्यक समुदाय लगातार कन्वर्जन पर जोर दे रहा है। क्या वह इससे अपनी जनसंख्या बढ़ाना चाहते है? अगर हां तो फिर इसके लिए वह अपने समुदाय के बच्चों की संख्या भी तो बढ़ा सकते है लेकिन सवाल यह है कि इससे उन्हे क्या फायदा होगा। भारत जैसे शांति प्रिय देश में सभी को चैन और सूकून मिल रहा है और किसी भी अल्पसंख्यक को प्रताड़ित नही किया जाता है जबकि पड़ोसी देश पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं को परेशान किया जाता है और उनकी बेटियों का जबरन निकाह और कन्वर्जन कराया जाता है। भारत में अगर सब कुछ ठीक चल रहा है तो फिर कन्वर्जन जैसा पाप क्यों किया जा रहा है जिससे देश का माहौल खराब हो रहा है। भारत को धार्मिक चश्में से देखें तो यहां पर करीब हिन्दुओं की संख्या 79.8 प्रतिशत, मुस्लिम 15.23 प्रतिशत, बौद्ध 0.70 प्रतिशत, ईसाई धर्म 2.3 प्रतिशत और सिख 1.72 प्रतिशत की तादात में है।

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