हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
पधारो म्हारे राजस्थान

पधारो म्हारे राजस्थान

by पूजा बापट
in जुलाई २०१७, पर्यटन
0

 पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान सदैव अग्रसर रहा है| भौगोलिक विविधता, रोमांचकारी- अद्भुत इतिहास, ऐतिहासिक स्थल, प्राकृतिक सुंदरता, वैविध्यपूर्ण संस्कृति के कारण यह पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केन्द्र रहा है|

राजा महाराजाओं का स्थान राजस्थान है| कई युगों से राजस्थान में राजघरानों का निवास है| उनकी विरासत है| राजमहल, पटवारी लोगों की हवेलियां, ऊंचे बुर्ज, शानदार तरीके से बनाए गए किले, इन किलों में बने दीवान-ए-आम, दीवान -ए-खास, हाथी अन्दर आ जा सके ऐसे भव्य दरवाजे बेहद सुंदर हैं| इनके नाम भी हैं-हाथी दरवाजा, मयूर दरवाजा| यह सब देखने पर लगता है कि राजस्थान यानी इतिहास| राजस्थान का प्राचीन नाम राजपूताना है| यह राज्य भारत के प्राचीन इतिहास और ऐतिहासिक दुर्गों के लिए मशहूर है|

जनसंख्या के अनुसार राजस्थान भारत में तीसरे नंबर पर है| गर्म रेतीली जमीन, बारिश की कमी, पानी का अभाव होने के कारण खेती कम है|

राजस्थान के कुछ हिस्सों में पुरातन सिंधु संस्कृति विकसित हुई थी| सिंधु संस्कृति भारतीय संस्कृति का मूलाधार है| इस संस्कृति के कुछ शहर राजस्थान में हैं| सरस्वती नदी, जो सिंधु नदी की उपनदी थी, वह राजस्थान के मध्यभाग से होकर बहती थी| डांगी, राजपूत, यादव, जाट, गुज्जर, मीणा जैसे अनेक आदिवासी समूह या जातियां राजस्थान की निवासी हैं| राजा-रजवाड़ों, लड़ाइयों, बहादुर स्त्रियों ने तथा धार्मिक संतो, महात्माओं ने राजस्थान के इतिहास को अमर बनाया| राजस्थान के मेवाड़ और मारवाड़ जैसे दो विभाग हैं| महाराणा प्रताप जैसे बहादुर योध्दा ने समूचे राजस्थान का सपना देखा था, पर दुर्भाग्यवश वह पूरा न हुआ; आज भी राजस्थान दो हिस्सों बंटा है| वे हैं-मेवाड़ और मारवाड़|

पर्यटन के क्षेत्र में यह राज्य सदैव अग्रसर रहा है| भौगोलिक विविधता, रोमांचकारी- अद्भुत इतिहास, ऐतिहासिक स्थल, प्राकृतिक सुंदरता, वैविध्यपूर्ण संस्कृति के कारण यह पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केन्द्र रहा है| भारतीय पर्यटक बड़े गर्व के साथ राजस्थान जाते हैं| विदेशी लोग बड़े पैमाने पर राजस्थान देखने पहुंचते हैं| बड़ी उत्सुकता, जिज्ञासा लेकर वे राजस्थान देखने आते हैं|

आज राजस्थान दो हिस्सों में बंटा हुआ है| उसी के अनुसार हम पर्यटन संबधी जानकारी लेंगे| सबसे पहले शुरू करते हैं मेवाड़ से, जो महाराष्ट्र के नजदीक है| माउंट आबू, जो महाराष्ट्र के करीब है और मेवाड़ में है| यह अरावली पर्वत पर स्थित है| माउंट आबू पहाड़ी स्थान है| गुरु शिखर माउंट आबू पर्वत का सबसे ऊंचा शिखर है जो समुद्री सतह से १७२२ मीटर ऊंचा है| इसी को रेतीले प्रदेश का नंदनवन कहा जाता है| माउंट आबू सर्वधर्म  समभाव वाला शहर है| यहां पर कई जैन मंदिर हैं| संगमरमर के पत्थरों में तराशा हुआ नक्काशीदार दिलवाड़ा मंदिर जगत विख्यात है| पास ही में मेवाड़ का राणा कुंभा द्वारा निर्मित अचलगढ़ है, जो देखने लायक है| यहां का नसी तालाब पर्यटकों का आकर्षण है| जैसे जैन मंदिर हैं, वैसे ही माउंट आबू में हिंदू मंदिर भी हैं| उदा. रघुनाथ मंदिर, अधरादेवी मंदिर, गुरुशिखर पर बसा श्री दत्तात्रेय मंदिर| इस प्रकार माउंट आबू रहकर हम आगे मेवाड़ की राजधानी याने उदयपुर की तरफ जाएंगे| जिसे महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदयसिंह ने स्थापित किया था| यहां पर उन्होंने कई झीलें बनाईं| इसे झीलों का शहर कहा जाता है| यहां की झीलों में राजमहल बनाए गए थे| इन राजमहलों को आजकल पर्यटकों के लिए होटलों में परिवर्तित किया गया है| उदयपुर का सिटी पैलेस तो बहुत ही दर्शनीय स्थल है| सबसे बड़ा महल के नाम से यह राजस्थान में विख्यात है| उसी प्रकार फतेह सागर, मोतीनगरी, सहेलियों की बाड़ी देखने लायक है|

उदयपुर से नजदीक है चित्तौड़गढ़, जो महाराणा की बहादुरी के कारण प्रसिद्ध है| अगर इसे नहीं देखा तो इतिहासकार पूछेंगे कि आपने राजस्थान के मेवाड़ में देखा ही क्या? भारत का सबसे विशाल दुर्ग है चित्तौड़गढ़| इस दुर्ग को २०१३ में युनेस्को द्वारा विश्‍व विरासत स्थल घोषित किया गया है| इस दुर्ग के सात दरवाजे हैं| यहां दरवाजे को पोल कहा जाता है| उनके नाम हैं-पाडन्न पोल, भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोड़ला पोल, लक्ष्मण पोल, रामपोल- इत्यादि|

आगे हम चलेंगे राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर की ओर| यह भी मेवाड़ में ही स्थापित है| इस शहर को गुलाबी शहर कहा जाता है| शहर का निर्माण पुरातन गुलाबी धम्यपुरी पत्थरों में हुआ है| भवन निर्माण सुंदर संरचना, कुशल अभियंताओं द्वारा निर्मित है| जयपुर के पर्यटन स्थल जैसे जंतर-मंतर, हवा-महल, सिटी पॅलेस, आमेर किला सब कुछ देखने लायक है| इस शहर का सिटी पैलेस जो शहर के मध्यभाग में स्थित है, यह राजस्थानी शैली और मुगल शैली का उत्कृष्ट नमूना है|

अभी हम धीरे-धीरे राजस्थान के मध्यभाग में आ गए हैं| अब शुरू होना है मारवाड़| मारवाड़ यानी रेतीला प्रदेश| अरावली पर्वत श्रृंखला के कारण राजस्थान के दो विभाग हुए| पर्वत के पश्‍चिम का भाग यानी मेवाड़, पूर्व का भाग मारवाड़| मारवाड़ में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले प्रमुख शहर हैं| बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, पुष्कर| मारवाड़ में दाखिल होते ही हम सबसे पहले जानकारी लेंगे बीकानेर जिले की| राजस्थान के पारंपारिक संस्थानों में से एक है बीकानेर| बीकानेर संस्थान की स्थापना १४६५ में हुई| इसके संस्थापक थे राठोड़| १९४७ के बाद ये भारतीय संघराज्य में शामिल हुए| राजस्थान की मरूभूमि का यह शहर स्वयं अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान लेकर पर्यटकों को आकर्षित करता है| लाल पत्थर लेकर बनाया गया लालगढ़ महल, भव्य प्रासाद (हवेली) गजनेर -महल जैसे दर्शनीय स्थल यहां हैं| बीकानेर शहर से ३२ किमी पर बसा करणी माता मंदिर चूहों के मंदिर के रुप में महशूर है| यह मंदिर देशपोक गांव में है|

आगे हम चलते हैं जोेधपुर की ओर| राजस्थान राज्य का यह मारवाड़ प्रदेश का दूसरे नंबर का शहर है| रेगिस्तान का यह शहर बड़े बड़े महलों, हवेलियों, राजपुताना के इतिहास के लिए प्रसिद्ध है| यहां पर करीब साल भर ही सूरज दमकता रहता है, इसलिए इस शहर को सूर्यनगरी भी कहा जाता है| राजस्थान राज्य के हर शहर में राजा-महाराजाओं ने विविध रंगों के पत्थर इस्तेमाल कर बनाए और अपने शाही ठाठ-बाठ दिखा दिए| जयपुर में गुलाबी पत्थर, जोधपुर में नीले रंग के पत्थर से स्थापत्य कला विक्रमी हुई है| इससे इस शहर को नीलनगरी भी कहा जाता है| जोधपुर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाला पहला स्थल है मेहरानगढ़| मेहरानगढ़ किले के बराबर ऊपर (शिखर पर) मेहरानगढ़ बनाया गया है| कुल पांच मंजिला किला है| आजकल यहां पर्यटकों की सुविधा के लिए लिफ्ट भी लगाई गई है| इस किले में नक्काशीदार दीवारें हैं| जालीदार आौर बड़े-बड़े दरवाजे हैं| इसके हर प्रासाद का नाम मोनी-महल, फूल-महल, शीश-महल, सिलेह खाना, दौलत खाना जैसे हैं| जोधपुर का जसवंत थाज यानी सारा सफेद संगमरमर से बनाया शाही स्मारक पर्यटकों को आकर्षित न करे तो आश्‍चर्य| जोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस महाराजा उम्मेद सिंह ने १९४३ में बनाया| संगमरमर और बलुआ पत्थर से निर्मित यह महत्वपूर्ण संग्रहालय के तौर पर प्रसिद्ध है| जोधपुर में सारे त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं| मारवाड़ का मुख्य आकर्षण है जैसलमेर|

राजस्थान के हर शहर ने सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत पाई है| यहां की स्थापत्य कला जगविख्यात है| इस स्थापत्य कला से यहां की जनता की विचारधारा, चिन्तन, उनकी बुद्धि की प्रगल्भता ध्यान में आती है| १००० साल पहले का इतिहास जिन्हें प्राप्त है, ऐसे छोटे-छोटे दुर्ग इस शहर में हम देख सकते हैं| जैसलमेर में तीन प्रकार के प्रासाद देखे जाते हैं- वे हैं पटवारी की हवेली, दूसरी दीवान सलीमसिंह हवेली, तीसरी है दीवान नथमल की हवेली| पटवारी की हवेली नक्काशीदार काम और स्थापत्य-कला का बेहतर नमूना है| ये सारी हवेलियां पीले रंग के सैंड-स्टोन से निर्मित हैं| जैसलमेर का मशहूर सोनरगढ़ भी पीले सैंड-स्टोन से निर्मित है| इस शहर के करीबन सारे भवनों का निर्माण पीले सैंड-स्टोन से हुआ है| जैसलमेर का प्रमुख आकर्षण केंद्र है सैम सैंड डून्स| रंगीला रेगिस्तान और रेगिस्तान में चलनेवाला जहाज यानी ऊंट| ऊंट पर बैठ कर रेगिस्तान में सफारी करना राजस्थान का मुख्य आकर्षण है| सारे पर्यटकों को यह लुभाता है| शाम के समय रेतीले प्रदेश में जाकर सूर्यास्त देखने तथा वहां के मजे लूटने के लिए सारे पर्यटक व्याकुल रहते हैं| सुंदर-नरम पीली रेत, उसके छोटे-मोटे टीले, मीलों तक फैला हुआ रेगिस्तान यह सचमुच राजस्थानी शान है| भारत का यह राज्य भारतवासियों की शान है, गर्व है| आइए, चलिए,एक बार तो पूरा राजस्थान हो आते हैं|

 

Tags: biodivercityecofriendlyforestgogreenhindi vivekhindi vivek magazinehomesaveearthtraveltravelblogtravelblogger

पूजा बापट

Next Post
विश्‍व के अद्वितीय संगठन का सरल परिचय

विश्‍व के अद्वितीय संगठन का सरल परिचय

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0