हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
सकारात्मकता से होगा कोरोना पराजित

सकारात्मकता से होगा कोरोना पराजित

by इरफान अली
in जुलाई-२०२१, संघ, सामाजिक, स्वास्थ्य
0

इस उपक्रम को एक सुन्दर पहल बताते हुए डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि नानाविध मत पंथों के लोगों ने इस मंच से एक स्वर में कोरोना के खिलाफ आवाज बुलंद की है और लोगों के मन से भ्रांतियां और भ्रम को निकालने का काम किया है। इससे नए भारत के निर्माण का एक संकल्प उभरा है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदुस्तान फर्स्ट-हिन्दुस्तानी बेस्ट और भारत फर्स्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित त्रि-दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला में सम्मिलित विविध धर्मों के प्रमुख वक्ताओं ने कोरोना महामारी के खिलाफ़ लड़ाई में सकारात्मक वातावरण निर्मिती पर बल दिया। इस महामारी को पराजित करेने के लिए सकारात्मकता ही एकमेव कारगर हथियार सिद्ध होगा, ऐसा मत इन सभी वक्ताओं ने प्रकट किया।

दिनांक 12 से 14 जून तक आयोजित इस तरंग (ऑनलाइन) व्याख्यान श्रृंखला का उद्घाटन केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने किया। अपने सारगर्भित वक्तव्य में उन्होंने कहा कि सकारात्मकता हमारी सांस्कृतिक विरासत है और कोरोना की पहली और दूसरी लहर को पराजित करने में इस सकारात्मकता ने बहुत महत्व की भूमिका निभाई है। केवल भारत में ही नहीं दुनिया के विभिन्न देशों में भी इस सकारात्मकता के कारण ही इस महामारी का मुकाबला सफ़लतापूर्वक किया जा रहा है। हमारी यह मान्यता है कि मानव सेवा ही माधव सेवा हैं। हदीस-इ-उत्सी का सन्दर्भ देते हुए राज्यपाल महोदय ने स्पष्ट किया कि इस्लाम में भी इसी सेवा की भावना को महत्व दिया गया हैं। इसी सेवा की भावना से प्रेरित होकर हमारे डॉक्टर्स, नर्सेज़ और सफ़ाई कर्मचारियों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर कोरोना मरीजों की सेवा की।
देश की प्रगति के लिए स्वस्थ और निरोगी समाज की बहुत आवश्यकता होती है, यह स्पष्ट करते हुए खान ने आगे कहा कि हमारे धर्मग्रंथों में भी कहा है कि बलहीन व्यक्ति आत्मा की अनुभूति से वंचित रहता हैं (नायमात्मा बलहीनेन लभ्यः)। इसलिए सकारात्मकता को बढ़ावा देते हुए हमें स्वस्थ भारत की ओर अग्रसर होना है और अपनी मातृभूमि को विश्वगुरु के पद पर आसीन करना हैं।

क्रिश्चियन राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष और वरिष्ठ राजनेता टॉम वडक्कन ने अपने वक्तव्य में विपक्ष के नेताओं को आवाह्न किया कि वे इस महामारी से लड़ने के लिए सरकार का साथ दें और निम्न स्तर की राजनीति में न उलझकर सकारात्मकता का वातावरण निर्माण करने में सहयोग दें। किस प्रकार से ये राजनेता निम्न स्तर की राजनीति करते हैं, इसे उदाहरणों के साथ समझाते हुए उन्होंने आगे कहा कि इन नेताओं ने वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां फैलाईं और लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा की, जिससे कई लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई। इसी तरह से देश के ‘कर्मयोगी’ प्रधानमंत्री पर भी बहुत निम्न स्तर के लांछन लगा कर देश की छवि को बिगाड़ने की भी कोशिश इन नेताओं ने की हैं।

वडक्कन ने कहा कि हम सब पहले हिन्दुस्तानी हैं बाद में मुस्लिम, ईसाई या कुछ और हैं। इस एकता को हम व्यक्त करें और एकजुट होकर सकारात्मकता से इस कोरोना महामारी को पराजित करने में सरकार की सहायता करें।

ख्वाज़ा बंदानवाज़, गुलबर्गा, कर्णाटक के सैय्यद शाह ख़ुसरो हुस्सैनी साहब ने कहा कि सरकार ने कोरोना काल के लिए जो गाईडलाइन्स दी हैं उनका पालन करेंगे और वैक्सीन लगवाएंगे तो हम कोरोना को पराजित कर सकते हैं। अंतिम रसूल मोहम्मद साहब के ज़माने में जब ऐसी महामारी आई थी तो इसी प्रकार के नियमों का पालन करने की हिदायत दी गयी थी। इस पर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि यह सब हमारे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए हैं। हम स्वस्थ होंगें तो हमारा राष्ट्र स्वस्थ होगा और एक स्वस्थ राष्ट्र ही ऐसी महामारी का मुकाबला कर सकता हैं।

सब लोगों को, ख़ासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को वैक्सीन लेने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इस में कोई धोखा नहीं हैं। यह पूर्णतः सुरक्षित है और किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार में हमें विश्वास नहीं रखना चाहिए।

प्रख्यात कैंसर चिकित्सक डॉ. माजिद अली तालीकोटी ने अपने सन्देश में कहा कि कोरोना वायरस चीन के वुहान से सारे दुनिया में फैला और इस महामारी ने अभी तक 40 लाख लोगों की जान ली हैं पर भारत में यह मृत्यु दर दो प्रतिशत से भी कम हैं। हमारी सरकार और जनता ने इस महामारी का डटकर मुकाबला किया और पहले दौर में उसे परास्त किया।

उन्होंने सभी को वैक्सीन लेने का आह्वान करते हुए कहा कि इसके बारे में जो भी शंकाएं, गलतफ़हमियां और भ्रम हैं उसे मन से निकाल दें। जब भारत विश्वगुरु बनने के रास्ते पर चल पड़ा हैं तब हमें जनता के आरोग्य पर लक्ष्य केन्द्रित करना है। चीनी जैविक हथियार कोरोना को परास्त करने में वैक्सीन सब से प्रभावी शस्त्र है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफज़ल ने पहले दिन के कार्यक्रम का संचालन किया और प्रस्ताविक भाषण में इस व्याख्यान श्रृंखला का उद्देश्य स्पष्ट किया।

दूसरे दिन दिनांक 13 जून को इस व्याख्यानमाला का प्रारंभ करते हुए अजमेर दरगाह के सज्जादानशीन दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन ने लोगों से, विशेषकर मुसलमानों से अपील की कि वे किसी ग़लतफ़हमी का शिकार होने से खुद को बचाएं। कोरोना के बारे में और वैक्सीन के बारे में भ्रांतियां ़फैलाने वालों से सावधान रहें और सरकार के नियमों का पालन और वैक्सीन की सुविधा का लाभ लें। उसी प्रकार जगह-जगह पर कैंप लगवाकर लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

वैक्सीन या कोरोना का मज़हब से कोई ताल्लुक नहीं हैं। हम सब भारतवासी एक हैं और एकजुट होकर इस महामारी का मुकाबला करेंगे। इस देश की तरक्की में मुसलामानों का एक रोल रहा है और आगे भी रहेगा और वे इस ग़लतफ़हमी को दूर करने का प्रयास करेंगें।

जैन मुनि समर्पण सागर जी महाराज ने अपने उद्बोधन में इस उपक्रम की प्रशंसा की और कहा कि इस प्रकार की महामारी पहली बार नहीं आई है। सरकार ने इस महामारी का प्रबंधन ठीक तरीके से किया इसलिए हमारे देश में मृत्यु दर अन्य देशों के तुलना से कम रही।
उन्होंने कहा कि हम धर्म को मानने वाले लोग हैं। ‘जियो और जीने दो’ यह सभी धर्मों का सन्देश हैं। अपने-अपने धर्मगुरुओं की बातें हम ध्यानपूर्वक अपने जीवन में उतारें तो हम कोरोना महामारी से सफ़लतापूर्वक लड़ सकते हैं।

केंद्र और राज्य सरकारों का और कोरोना योद्धाओं का अभिनन्दन करते हुए उन्होंने कहा कि तीसरी लहर आने के पहले अगर हम जाग जाएं तो उसे आसानी से परास्त कर सकेंगे।

अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह ने कोरोना को ‘छुपा दुश्मन’ बताते हुए कहा कि जैसे हमने इसके पूर्व की लड़ाईयां समाज की एकता के बल पर जीती थीं, उसी प्रकार इस महामारी के विरुद्ध इस लड़ाई को भी हम जीतेंगें। प्रधानमंत्री के प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वैक्सीन प्रोडक्शन पर ज़ोर दिया और देश में वैक्सीन बना कर लोगों को मुहैया कराई। उन्होंने सबसे वैक्सीन लेने की अपील की। सरकार ने सभी को मुफ्त में वैक्सीन देने का वादा किया है। उसका लाभ हम सब लें, ऐसी अपील भी उन्होंने की।

निष्काम सेवा यही हमारे जीवन का मक़सद हो क्योंकि सेवा का माध्यम सबसे अच्छा हैं। इसके साथ हमें अपने चारित्र्य पर भी ध्यान देना चाहिए। अग़र हम अपने देश को अच्छा मानते हैं तो वैक्सीन के बारे में ग़लत जानकारी नहीं फैलाएंगे और लोगों में भ्रम की स्थिति नहीं निर्माण करेंगे। हम अपने धार्मिक ग्रंथों को मानते हुए देश के लिए आगे बढ़ेंगे। समर्पण भाव से अगर हम काम करे तो हम इस कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रो़फेसर महताब आलम रिज़वी ने दूसरे दिन के कार्यक्रम का संचालन किया। इस कार्यक्रम में मंच के मार्गदर्शक डॉ. इन्द्रेश कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे। इस उपक्रम को एक सुन्दर पहल बताते हुए डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि नानाविध मत पंथों के लोगों ने इस मंच से एक स्वर में कोरोना के खिलाफ आवाज बुलंद की है और लोगों के मन से भ्रांतियां और भ्रम को निकालने का काम किया है। इससे नए भारत के निर्माण का एक संकल्प उभरा है।

व्याख्यानमाला के समापन में अपना उद्बोधन देते हुए डॉ. इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि सकारात्मक वातावरण से ही भारत और दुनिया से कोरोना महामारी को भगाया जा सकता है इसलिए हमें अपने आसपास सकारात्मकता का वातावरण निर्माण करना होगा।

डॉ. इन्द्रेश कुमार जी के पहले महाबोधि सोसायटी के भंते शिवले, इंग्लैंड से डॉ. खुर्शीद आलम और मौलाना कौकब मुजतबा इन्होंने अपने विचार रखे और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की इस अनूठी पहल के लिए प्रशंसा की।

भन्ते शिवले जी ने अपने उद्बोधन में सभी देशवासियों को एकजुट होकर कोरोना का मुकाबला करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा उठाये गए क़दमों का स्वागत करते हुए उन्होंने सभी को वैक्सीन लेने की अपील की।

डॉ. खुर्शीद आलम ने कहा कि हम दुनिया के किसी भी कोने में रहते होंगे, पर हम सर्वप्रथम हिन्दुस्तानी हैं और हिंदुस्तान के लिए जीना यह हमारा प्रथम कर्तव्य है। एकजुट रहकर और सकारात्मकता के साथ हम कोरोना महामारी को हरा सकते हैं। भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए डॉ. खुर्शीद ने कहा कि देश को विश्वगुरु बनाने के लिए देश के नागरिकों का स्वास्थ्य ठीक रहना आवश्यक है।

डॉ. इन्द्रेश कुमार जी ने अपने समापन भाषण में सकारात्मकता के वातावरण की निर्मिती पर बल देते हुए कहा कि यह कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में हमारा सुरक्षा कवच होगा। सभी धर्मों में सद्भाव, सदिच्छा रहे और मानवता के कल्याण के लिए सभी साथ में काम करें।
यह वायरस चीन द्वारा उसकी वुहान प्रयोगशाला से दुनिया पर छोड़ा हुआ एक जैविक हथियार है, जिसने बड़े पैमाने पर जान और माल का नुकसान किया है। दुनिया के देश चीन से माफ़ी की मांग कर रहे हैं और हम भी इसी प्रकार की मांग करते हैं।

इस त्रि-दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला में सभी प्रमुख मत-पंथों के विद्वान सम्मिलित हुए और उन्होंने सकारात्मकता का सन्देश दिया, यह एक ऐतिहासिक घटना है और इसके अच्छे परिणाम भविष्य में नजर आएंगें, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया।

सकारात्मकता के अभाव में मनुष्य हिंसक, क्रूर और भ्रष्टाचारी बन जाता है। कोरोना के काल में कैसे कुछ लोग दवाईयां, ऑक्सीजन आदि की कालाबाज़ारी में लिप्त हुए थे, यह हमने देखा है। उसी प्रकार मुरादाबाद के डॉक्टर हसन ने ‘शरिया को न मानने से कोरोना फैला हैं’ ऐसा वक्तव्य दिया और उधर आई. एम. ए. के अध्यक्ष डॉ. रोज़ ऑस्टिन जयलाल ने ‘ईसा मसीह की प्रार्थना करने से कोरोना से मुक्ति मिल सकती हैं’ ऐसा कह कर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया है।

उक्त दोनों ही मॉडर्न मेडिसिन के डॉक्टर हैं और उन्होंने इस प्रकार का वक्तव्य देकर मानवता का अपमान किया हैं। अगर वे यह कहते कि ‘सब लोग अपने-अपने धर्म, मत, और पंथ के अनुसार प्रार्थना करें तो कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ने में हमें शक्ति मिल सकती है’ तो ठीक होता परन्तु, ऐसा न करते हुए उन्होंने विशिष्ट धर्मों का हवाला दिया, यह बहुत ही निंदनीय हैं। आई. एम. ए. ने ऐसे वक्तव्य के लिए उनकी निंदा करनी चाहिए।

उसी प्रकार कुछ राजनेता भी नकारात्मकता ़फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। कभी वो कोरोना वैक्सीन को ‘मोदी वैक्सीन’ नाम से बुलाते हैं तो कभी ‘बीजेपी वैक्सीन’ कहते हैं और ऐसा कह कर देश में एक राजनितिक असहिष्णुता ़फैलाने की कोशिश करते हैं। कुछ नेताओं ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर राजनीति करने की कोशिश की और वातावरण विषाक्त करने का प्रयास किया। ऐसे सभी नेताओं की निंदा करते हुए उन्होंने कहा की वे इस नकारात्मकता को त्याग दें।

आने वाले 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है इसकी याद दिलाते हुए डॉ. इन्द्रेश कुमार जी ने सभी को अपील की कि वे अपने-अपने स्थान पर 15-20 लोगों को साथ लेकर योग दिवस मनाएं और उसे अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। इससे धार्मिक कट्टरता और हिंसा के वायरस का मुक़ाबला करने में हम कामयाब हो सकेंगे।

आरएसएस, बीजेपी और मुसलमानों के बीच सकारात्मक संवाद की पहल करने वाली पुस्तक मीटिंग ऑफ़ माइंडस का विशेष उल्लेख करते हुए डॉ. कुमार ने कहा कि इस पुस्तक में लेखक डॉ. ख्वाज़ा इफ्तिख़ार अहमद ने अर्थपूर्ण और सकारात्मक संवाद की पुरजोर पैरवी की है। इस पुस्तक का लोकार्पण आरएसएस के पु.सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत 4 जुलाई को दिल्ली में करेंगे। यह विचारों की सकारात्मकता के दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हैं।

भारत फर्स्ट के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट शिराज कुरैशी ने तीसरे दिन के कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन किया।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: rashtriyarsssanghभगवाध्वजभारतीय इतिहासहिंदुधर्महिंदुराष्ट्र

इरफान अली

Next Post
वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की एक झलक

वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की एक झलक

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0