हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
समावेशी शिक्षा के माध्यम से नेतृत्व का पोषण

समावेशी शिक्षा के माध्यम से नेतृत्व का पोषण

by विशेष प्रतिनिधि
in दिसंबर -२०१५, व्यक्तित्व
0

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, ने अपनी ‘ग्लोबल रिस्क्स रिपोर्ट   २०१५’ द्वारा निम्न पांच श्रेणियों में भारत को २८वां स्थान प्रदान किया है। ये श्रेणियां हैं- अर्थिक, पर्यावरणीय, भूराजकीय, सामाजिक और तंत्रज्ञानीय। इससे स्पष्ट है कि हमें केवल प्रतिभाशाली नेतृत्व की आवश्यकता ही नहीं; बल्कि ऐसी विचारशील प्रतिभाओं की जरूरत पड़ने वाली है, जो नवसंशोधित उत्पादनों की डिजाइन की आवश्यकता को समझती हो। इनोवेटिव तरीके से सोच सके, लेकिन साथ में दूरदराज के देशों/ क्षेत्रोें की जरूरतों पर ध्यान दे कर इस तरह कार्यरत हो कि अधिक से अधिक लोग इन इनोवेटिव सोल्यूश्न्स का लाभ उठा सकें। इसके लिए आवश्यकता है युवा पीढ़ी को कॉरपोरेट लीडर्स और जिम्मेदार नागरिकों के रूप में विकसित करने की, जो वैश्विक परिप्रेक्ष्य, सामाजिक जागरूकता और साहसिक नेतृत्व की क्षमता रखते हों।

थशडलहेेश्र का प्रत्येक शैक्षणिक कार्यक्रम एक निर्धारित फ्रेमवर्क में है; जो कि अपने युवा विद्यार्थियों को ग्लोबल सिटीजन लीडर बनने के लिए इनोवेशन पर आधारित सोच की क्षमता प्रदान करता है, जिससे भारत ही नहीं पूरी दुनिया में उनके लिए अवसरों की अधिकता रहे; चाहे वह हैल्थकेयर हो, रिटेल हो, रूरल मैनेजमेंट हो, इ-बिज हो, या बिजनेस डिजाइन हो। टाइम्स ऑफ इण्डिया के ‘बेस्ट बी स्कूल सर्वे-२०१५‘ में दसवें स्थान पर रहे, थशडलहेेश्र का मानना है कि हमारा लक्ष्य भविष्य के लिए नागरिकों का विकास करना है, इसलिए शैक्षणिक संस्थाओं को चाहिए कि वे युवा विद्यार्थियों को कौशल के साथ शिक्षा प्रदान करने पर अपना ध्यान केन्द्रित करें; ताकि वे देश की नीति की पूर्ति साथ ही वैश्विकउद्योग तथा व्यापार में अपना योगदान दे सकें। क्योंकि वैश्विक व्यापार में भारत की भागीदारी वर्ष २०२० तक कई बिलियन तक पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है। वैश्विक व्यापार में कारोबार अधिकाधिक बढ़ने से भारत की समृद्धि होगी, आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, ऐसे में भारत के कॉरपोरेट क्षेत्र को इस प्रकार के मैनेजर्स की अधिक मात्रा में जरूरत होगी जो कि उनके बढ़ते हुए कारोबारी विस्तार का प्रबंधन कर सकें। इस दृष्टिकोण के मद्देनजर थशडलहेेश्र ने अपनी व्यवस्थापन शिक्षा द्वारा अंग्रेजी के ‘‘टी‘‘ आकार की शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया है जिसमें मार्केटिंग, फायनांस, ऑपरेशन्स, ह्मूमन रिसोर्स के साथ ही विशाल कारोबारी मसलों का उत्तरदायित्व, उसके परिप्रेक्ष्य तथा संगठनात्मक लक्ष्य को समझ पाने के काबिलियत भी शामिल की गई है। इसी प्रकार थशडलहेेश्र में ऑनलाइन एमबीए कार्यक्रम में तंत्रज्ञान का प्रयोग इस तरह किया जाता है कि एक तरफ निजी जिम्मेदारियां पूरी हों, नौकरी तथा कमाई में कोई खलल न पड़े और अच्छी शिक्षा पाकर करिअर में ऊंचाई पर पहुंचना आसान हो।

 भारतीय युवाओं को विश्व मानचित्र पर लाना

*थशडलहेेश्र सक्रिय रूप से सेंटर फॉर क्रिएटिव लीडरशिप (सीसीएल), जो एक वैश्विक संगठन है, से जुड़ा है। इसका लक्ष्य ऐसे विद्यार्थी तैयार करना है जो कि जागरूक और नवोन्मेशी हों। उन्हें वास्तविक सामाजिक चुनौतियों का अध्ययन करने के लिए प्रवेश दिया जाता है, ताकि वे सामाजिक लाभों के लिए समाधान खोज सकें। इस सृजनात्मक प्रयास से जो नतीजे आते हैं, वे ऐसे बिजनेस प्लान्स हैं जो शहरी और ग्रामीण आबादी की समस्याओं के लिए एक समाधान का काम करते हैं। शहरों में सुविधाओं से वंचित लोगों को आसान वित्तीय सेवा, जनसमूह के लिए सुधरी हुई यातयात, आपात आरोग्य सेवा, रेलवे स्टेशन्स पर साफ सफाई, ऐसे टूल किट्स का निर्माण, जिसके माध्यम से कई लोग आवश्यक सरकारी दस्तवोजों की खोज जल्द की जा सके।

*डिजाइन वर्कशॉप, २०१५ : थशडलहेेश्र ने एमआईटी मीडिया लैब (यूएसए) के सहयोग से इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन कायम किया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसार डिजाइन तैयार करने की विचारधारा को विकसित करने का प्रयत्न था। भारत के विभिन्न शैक्षणिक क्षेत्रों के छात्रों को एक साथ लाकर एक ऐसा अवसर प्रदान किया गया, जिससेवे अपने ज्ञान और क्षमता के सामूहिक प्रयास से सामाजिक लाभ के लिए सार्थक प्रोटोटाइप तैयार कर सकें।

*‘इण्डिया स्वीडन इनोवेशन एक्सीलरेटर (आईएसआईए): एक द्विपक्षीय कार्यक्रम है जो कि तन्त्रज्ञान हस्तांतरण में योगदान करता है तथा स्वीडिश क्लीनटेक कम्पनियों के लिए भारत में प्रवेश की राह प्रशस्त करता है। इसका ध्यान उनके तन्त्रज्ञान को स्थानीय संदर्भ में ढालने और आयोजित करने पर केन्द्रित है। इस अंतरराष्ट्रीय प्रकल्प के लिए स्वीडिश एनर्जी एजेंसी ने सहयोग का हाथ बढ़ाया था जो स्वीडिश सरकार से समर्थित है।साथ ही भारतीय नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय तथा ब्यूरो जो एनर्जी इफिशिएंसी के साथ ही सीआईआई तथा बिजनेस स्वीडन ने भी इस प्रकल्प में थशडलहेेश्र का सहयोग किया था।

*‘रिडिक्स-रिडिजाइनिंग डायग्नोस्टिक्स, २०१५: इसे कैमरा कल्चर ग्रुप, एमआईटी मीडिया लैब (यूएसए), हिन्दुजा हॉस्पिटल, आईआईटी बी और थशडलहेेश्र ने संयुक्त रूप से पेश किया था। जनसामान्य के लिए सस्ती आरोग्य सेवा प्रदान करने के लिए ऐसे उपकरण तैयार किए गए जिन्हें घर पर ही इस्तेमाल किया जा सके और अस्पताल पहुंचने से पहले रोगी को राहत दी जा सके।

      प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तय किए गए राष्ट्रीय उद्देश्यों से सम्बंध

हमारी धारणा ुश ळी ींहश पशु ख हमारी विभिन्न पहलों में स्पष्ट होती है जिससे हम राष्ट्रीय उद्देश्यों से जुड़े हैं और युवाओं की भागीदारी से सामाजिक परियोजनाओं में भाग लेकर एक समावेशी समाज का निर्माण करने का प्रयत्न करने में जुटे हुए हैं।

*‘स्मार्ट सिटी: डिलीवरी ऑफ सर्विसेेज: थशडलहेेश्र में विगत दिनों विज्ञान भारती के साथ मिल कर एक परिषद का आयोजन किया गया। यह वास्तव में इस बात का प्रतिबिंब थी कि भारत क्या सोच रहा है और उसकी क्या आशाएं हैं, क्योंकि इसमें विभिन्न सरकारी और अर्द्ध सरकारी एजेंसियों, बहुराष्ट्रीय एवं भारतीय कम्पनियों, एनजीओ तथा कई भागीदारों को एक साथ बैठने का अवसर मिला और उन्होंने ‘स्मार्ट सिटी‘ से सम्बन्धित मसलों पर चर्चा की थी जो ‘शहरवासियों को नागरिक सेवाओं का वितरण‘ विषय पर विशेष रूप से केन्द्रित थी।

 *कुंभथॉन २०१५:  नासिक को एक स्मार्ट सिटी के रूप में कुम्भ मेले के दौरान परिवर्तित किया, जिसमें थशडलहेेश्र के छात्रों ने कुंभथॉन में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूएसए) का सहयोग किया था। ‘अन्नदान’, ‘ऑल-शॉप्स-ऑनलाइन‘, ‘रेन्ट-माय-होम‘ यह एप्स तथा ‘ स्मार्ट डस्टबिन‘ और ‘पॉप अप होम्स’ इनमें शामिल हैं, जो कि ग्राहक केन्द्रित व्यापारिक अवसर हैं जो ऐसे धार्मिक, पर्यटन स्थलों के स्थानीय प्रशासन को जनता को सुविधा प्रदान करने में सहायोगी हो और भविष्यकाल में अन्य शहरों को  भी स्मार्ट सिटी बनाने में सहयोग करेंगे।

*स्वच्छ भारत: राष्ट्र  को एक साफ-सुथरे ढांचे में बदलने के  एक राष्ट्रीय अभियान से संकेत लेते हुए, थशडलहेेश्र ने एक एजेंडा तैयार किया और विभिन्न भागीदारों के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया। इन भागीदारों में कॉरपोरेट्स, स्थानीय प्रशासन, एनजीओज, शिक्षकगण एवं कर्मचारी और सबसे महत्वपूर्ण हमारे विद्यार्थियों ने इसमें जोरशोर से भाग लिया। थशडलहेेश्र के मुंबई परिसर में बायो गैस संयन्त्र की स्थापना की गई। यह हमारे एमबीए छात्रों के प्रयासों से संभव हो सका जिन्होंने इसके लिए चार माह का विशेष अध्ययन किया था, जो स्वीडिश इनोवेटिव कम्पनियों के लिए तन्त्रज्ञान हस्तान्तरण और भारत में बाजार प्रवेश के लिए बिजनेस मॉडल बना। यह बायो गैस संयन्त्र इकाई हमारे पर्यावरण के प्रति हमारे दायित्व का प्रतीक है, जिससे हम हमारे कैम्पस के ठोस कचरे का व्यस्थापन आसानी और कुशलता से कर पाएंगे, एलपीजी सिलेण्डर्स का उपयोग भी कम होगा, साथ ही शहर के वातावरण को डम्पिंग के खतरों से भी बचाया जा सकेगा।

*महिलाओं का सशक्तिकरण: विश्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि भारत लिंगानुपात (जेण्डर गैप) में विश्व में खराब स्थिति पर है, जबकि महिलाएं हमारे श्रमिक बल का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। थशडलहेेश्र अपने मैरिट बेस्ड, जेण्डर-न्यूट्रल प्रवेश प्रक्रिया द्वारा और हमेशा एक स्वस्थ पुरुष:महिला अनुपात का अनुसरण किया है इससे कैम्पस के परिसर में पर्यावरण सदैव सतेज और स्पर्धात्कम बना रहता है।

इसी तरह थशडलहेेश्र में निमंत्रित अतिथियों का फूलों से स्वागत करने की परम्परा को बंद दिया गया है, और उस पर व्यय होने वाली राशि से अदिवासीे जनजाति की बालिकाओं को शैक्षणिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। ‘प्रयास’ मध्यमवर्गीय महिलाओं में उद्योगशीलता को प्रोत्साहित करने के की पहल है। ‘सक्षम’ नाम से एक प्रशिक्षण वर्कशॉप शहर के पुलिस बल की महिलाओं के लिए अक्षरा फाउण्डेशन के साथ मिल कर चलाई जा रही है, ‘सेफ वुमन सेफ नेशन‘ यह एक ऐसी पहल है जिसके तहत आज की महिलाओं की रक्षा के लिए चर्चा सत्र का आयोजन किया गया ताकि वे अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकें। इस दिशा में यह हमारे कुछ सहयोगात्मक प्रयास हैं।

*जांबाजों की देखभाल : सिर्फ कॉरपोरेट्स को प्रबन्धकीय प्रतिभा का प्रशिक्षण देने के साथ ही थशडलहेेश्र (जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर्स (जेसीओज) भारतीय थल, जल एवं नभ सेना में कार्यरत अन्य रैंक के अधिकारियों के लिए २४ सप्ताह का उद्योग प्रबंधन कार्यक्रम भी संचालित कर रहा है। यह कार्यक्रम इस प्रकार तैयार किया गया है कि सेना के ये अफसर संचार, कार्यात्मक और नेतृत्व कौशल विकसित कर सकें; ताकि वे सेवानिवृत होने के बाद अपना दूसरा कैरियर निजी, सरकारी या अन्य क्षेत्रों में शुरू कर सकें या फिर उद्योगपति के रूप में स्वरोजगार शुरू करने में उन्हें कोई परेशानी न हो।

 एक दिल जो धड़कता है मुंबई शहर के लिए

*माटुंगा (मरे) रेलवे स्टेशन की देखभाल : स्मार्ट सिटीज के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए थशडलहेेश्र ने रुइया एवं पोद्दार कॉलेज के साथ मिल कर माटुंगा(सीआर) स्टेशन की देखभाल का जिम्मा लिया; ताकि यहां आने वाले हजारों विद्यार्थी, यात्री जो कि आस-पास के क्षेत्रों से यहां कारोबार के सिलसिले में आते हैं, इसका लाभ उठा सके। इस परियोजना का लक्ष्य है बुनियादी सुविधाओं से कुछ अधिक देना, सामूहिक रूप से ऐसा डिजाइन तैयार करना ताकि स्टेशन के उपयोगकर्ता को एक बेहतर अनुभव हो सके तथा स्थान का पर्यावरण संतुलन भी बना रहे।

*एमयूएनआईजेएएन (मुंबई यूनिवर्सिटी न्यू इनिशिएटिव फॉर ज्वाइंट एक्शन नाउ) इस महत्वपूर्ण घटना का आयोजन मुंबई यूनिवर्सिटी द्वारा गांधी जयन्ती के अवसर पर किया जाता है जिसमें विद्यार्थियोंे को एक मंच प्रदान किया जाता है जिसके माध्यम से वे सामाजिक विकास के बारे में अपने विचार प्रकट कर सकें; साथ ही उन्हें इन विचारों को इस यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कॉलेजों में क्रियान्वित करने का अवसर भी पा सकें। थशडलहेेश्र की महिलाओं की ‘टीम संजीवनी‘ ने इस प्रतियोगिता में इस वर्ष अव्वल स्थान प्राप्त किया। इसका लक्ष्य झुग्गियों, ग्रामीण इलाकों और पिछड़े इलाकों में रह रही आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूक करना था। यह युवा टीम अब शहर के अन्य हिस्सों में भी इस बाबत महिलाओं के लिए वर्कशॉप्स आयोजित कर रही है।

सामाजिक-पारिस्थिति का संतुलन बनाए रखते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के क्रम में,थशडलहेेश्र ने कई अनुकरणीय कदम उठाए हैं। इनका लक्ष्य पूरे राष्ट्र के युवा वर्ग के लिए, चाहे वह गतिमान व्यापार क्षेत्र हो या देश का सामाजिक वातावरण हो, एक चेंज मेकर्स के रूप में उनकी क्षमता का प्रदर्शन करना है। उत्तर पूर्व के लोग, विशेषकर युवा वर्ग, भारत के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए काफी महत्वाकांक्षी होकर इस बदलाव में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहते हैं। और इस बहु-संस्कृति, बहु-नस्लीय राष्ट्र में सह-अस्तित्व का जीवन जीने जीने के लिए उत्सुक हैं। इस दिशा में एक विनम्र शुरूआत थशडलहेेश्र पहले से ही ‘प्रोजेक्ट नेतृत्व‘ के अन्तर्गत कर चुका है, जहां ऐसी पार्श्वभूमि के युवाओं को एक बी स्कूल वातावरण में प्रबंधकीय कौशल को आत्मसात करने के लिए प्रशिक्षण का अवसर दिया गया और उन्होंने अपने साथियों, शिक्षकगण तथा कॉरपोरेट्स के समर्थन और सहयोग से अपने कैरियर का मार्ग प्रशस्त कर लिया है, और यह हमारे लिए बड़े गौरव की बात है।

 देश एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है

‘मेक इन इण्डिया‘, ‘स्किल इण्डिया‘, ‘डिजीटल इण्डिया‘, ‘स्मार्ट सिटी‘ के साथ में युवा अविष्कारकों, आउट ऑफ द बॉक्स विचारकों, टेक्नो मैनजर्स, उत्साही तथा जोशपूर्ण युवा नेताओं के लिए सही समय है जब वे अपने जमीनी स्तर की उद्यमिता के सपनों को साकार कर नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। यह मूल्याधारित शिक्षा द्वारा समान अवसर पाने का भी समय है। जिस तरह से आर्थिक परिदृश्य बदला है, शैक्षणिक संस्थाओं को चाहिए कि वे अपने दृष्टिकोण में नया परिवर्तन लाएं और उच्च कौशल के विकास को  प्रोत्साहन दे, न केवल नवीन शैक्षणिक प्रयत्नों से अपितु सभी को सीखने का अवसर दें ताकि वे कुशल बने और समाज में सही स्थान पा कर देश के विकास में अपना उचित योगदान दें। यह अक्सर कहा जाता है कि, हर एक को शिक्षा देकर विकास की प्रक्रिया में शामिल कर लेना काफी महंगा है, कुछ आलोचकों का तो यह भी कहना है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव है, लेकिन एक सृजनात्मक आत्मविश्वास रखने वाले शिक्षक के नाते हमारी यह जिम्मेदारी है कि पीड़ितों के दर्द, संघर्ष एवं कम लाभान्वितों की कुण्ठाओं को ध्यानपूर्वक सुनें। उन्हें शिक्षा प्रदान करें और भविष्य में आशा की किरणों का प्रसार करने के लिए एकजुट होकर प्रयत्न करें।

चलो हम सब एक साथ मिल कर भारत की तस्वीर को बदलें और वैश्विक संदर्भ में इस परिवर्तन और प्रगति के भागीदार बनें।

Tags: hindi vivekhindi vivek magazinepersonapersonal growthpersonal trainingpersonalize

विशेष प्रतिनिधि

Next Post
दिसम्बर उपभोक्ता दिवस पर विशेष जागरूक उपभोक्ता बनें

दिसम्बर उपभोक्ता दिवस पर विशेष जागरूक उपभोक्ता बनें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0