राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख
सम्पूर्ण जीवन में अपनी देह को कष्ट दे देकर समाजजागरण करने वाले राष्ट्रऋषि नानाजी ने मृत्युपूर्व इच्छापत्र लिखकर अपनी मृत देह चिकित्सकीय अनुसंधान हेतु दधिची संस्थान हेतु दान कर दी थी। नानजी को पद्म विभूषण व भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। ये सभी सम्मान निश्चित ही हमारे राष्ट्र का उनके कृतित्व व व्यक्तित्व को कृतज्ञता ज्ञापन ही है, तथापि यह भी सत्य ही है कि उनके व्यक्तित्व को इन सम्मानों से नहीं मापा जा सकता है।