भारत और चीन के बीच 3488 किमी लंबी सीमा क्षेत्र है जिसका 1597 किमी लद्दाख में, 1126 किमी अरुणाचल प्रदेश में, 345 किमी उत्तराखंड, 220 किमी सिक्किम और हिमाचल में 200 किमी की सीमा लगती है और इसी सीमा को लेकर विवाद हमेशा से चला आ रहा है। भारत और चीन के बीच युद्ध भी हो चुका है लेकिन चीन की विस्तारवादी सोच की वजह से यह झगड़ा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जून 2020 में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच फिर से झड़प हुई थी जिसमें भारत की तरफ से 20 सैनिक शहीद हुए है जबकि चीन की तरफ से सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 4 सैनिकों की मौत की पुष्टि की गयी थी लेकिन भारत सरकार की तरफ से उसी समय यह दावा किया गया था कि चीन की तरफ से भी करीब 40 सैनिकों की मौत हुई है लेकिन चीन की सरकारी मीडिया ने इससे इनकार कर दिया था।
भारत चीन सीमा झड़प के करीब 1.5 साल बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की तरफ से एक खुलासा किया गया और यह दावा किया गया कि इस झड़प में चीन के 38 सैनिक गलवान नदी में बह गए थे। ऑस्ट्रेलियाई अखबार ‘द क्लैक्सन’ में प्रकाशित इस रिपोर्ट ने दुनिया के सामने चीन की पोल खोल दी है।ऑस्ट्रेलियाई अखबार की तरफ से एक टीम तैयार की गयी थी जिसने भारत चीन झड़प पर करीब डेढ़ साल तक रिसर्च किया और एक रिपोर्ट तैयार की जिसे ‘गलवान डिकोडेड’ नाम दिया गया था। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि झड़प के दौरान दोनों तरफ से गोली चली और सैनिकों के बीच में हाथापाई भी हुई थी जिसमें चीन के करीब 38 सैनिक नदी में ही गिर गये जिससे उनकी मौत हो गयी।
पूरी दुनिया को यह बात पता है कि चीन की तानाशाही के चलते वहां की मीडिया सरकार के द्वारा ही मैनेज होती है इसलिए चीन की वह कोई भी सच्चाई जो उसके खिलाफ होती है उसे दबा दिया जाता है। भारत चीन झड़प के दौरान भी चीन की तरफ से ऐसा ही किया गया और पूरी अपनी हार को दबाने के लिए चीन की तरफ से यह दावा किया गया है कि इस झड़प में सिर्फ 4 लोगों की ही मौत हुई है जबकि सच्चाई 38 सैनिकों की मौत हुई थी। झड़प के बाद चीन के कुछ सोशल मीडिया पर 38 सैनिकों के मारे जाने की पोस्ट डाली गयी थी लेकिन उसे बहुत जल्द ही हटा भी लिया गया जिससे यह सच्चाई सभी के सामने नहीं पहुंच सकी। ऑस्ट्रेलियाई अखबार में यह भी दावा किया गया है कि चीन के 38 सैनिकों में से कुछ की मौत गलवान नदी में डूबने से हुई है क्योंकि उस रात तापमान शून्य डिग्री था।
दरअसल अप्रैल 2020 से ही ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाके में चीन ने सैनिकों की संख्या बढ़ाना शुरु कर दिया था सीमा पर हालात बिगड़ते देख भारत की तरफ से भी सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गयी चीन को यह बात रास नहीं आई और चीनी सैनिक आक्रामक होने लगे और अंत में 15 जून 2020 को चीनी और भारतीय सैनिक आमने सामने आ गये, गोली भी चली और धक्का मुक्की भी हुई, बताया जाता है कि चीन की तैयारी पहले से थी तो उन्होंने कटीले तारों से बना डंडा भी तैयार रखा था जिससे हमले किए। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।