रोजगार देने में सक्षम हो रहा उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश का युवा पढ़ाई के बाद एक बैग लेकर किसी भी बड़े शहर की तरफ निकल जाता था और वहां से नौकरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। दिल्ली, मुंबई, गुजरात सहित सभी राज्यों में यूपी और बिहार के लोगों की इज्जत ‘ना’ के बराबर थी। युवाओं को अपने ही देश में गैरों की नजरों से देखा जाता था। इन्हें नीचा दिखाने के लिए अलग अलग शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता था। जरुरत या मजबूरी कोई भी नाम दे सकते हैं लेकिन यूपी के युवाओं ने अपनी कोशिश जारी रखी। कुछ समय के बाद शिक्षा में उत्तर प्रदेश का स्तर बढ़ा और उच्च पढ़ाई करने वालों की संख्या अधिक हो गयी लेकिन उच्च पढ़ाई के बाद भी दिल्ली और मुंबई का ही रुख करना पड़ता था। यह एक प्रकार का चलन बन चुका था कि डिग्री हासिल करने के बाद उन्हें किसी बड़े शहर जाना होगा। कुछ तो ऐसे थे जो अपने मां बाप को अकेले ही छोड़ कर चले जाते थे।

2014 में केंद्र की सरकार में परिवर्तन हुआ और 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता बदली, इसके बाद से राज्य में भी परिवर्तन का दौर शुरु हो गया। बीमारू राज्य कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश अब ठीक होने लगा। कोरोना महामारी के बाद भी राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होने लगे और दूसरे शहरों से पलायन भी शुरू हो गया। बड़े शहरों में छोटी नौकरी करने वाले लोग अब धीरे धीरे अपने घरों को वापस लौटने लगे। योगी सरकार ने एक विश्वास दे दिया कि राज्य में भी रोजगार मिलेगा और अगर आप में कोई प्रतिभा है तो आप खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं जिसके लिए सरकार की तरफ से आप को मदद दी जाएगी। सरकार ने युवाओं पर विश्वास किया और आज उत्तर प्रदेश का युवा दूसरों को नौकरी दे रहा है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा निवेश और रोजगार उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य बन गया है।

उत्तर प्रदेश की सफलता के पीछे योगी आदित्यनाथ का सबसे बड़ा योगदान है उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में यूपी को 14वें से दूसरे पायदान पर ला दिया। राज्य में पहली बार 4 लाख 68 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव आया है जिसमें से करीब 3.5 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव जमीनी स्तर पर लागू हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में व्यवस्था सुधारने के साथ यह निवेशकों की पहली पसंद बनती जा रही है इसके साथ ही योगी सरकार ने कागजी कामकाज को कम कर दिया है जिससे निवेशकों का समय बर्बाद ना हो और निवेश की प्रक्रिया को जल्दी शुरू किया जा सके। MSME के अपर मुख्य सचिव डाक्टर नवनीत सहगल ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में PMEGP में 110 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। एक साल में 1464 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और इससे 11107 इकाइयों को स्थापित किया गया है जिससे करीब 96 हजार लोगों को रोजगार मिला है। पीएमईजीपी में राष्ट्रीय स्तर पर 91 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है जबकि उत्तर प्रदेश में 110 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है।

केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत नया रोजगार शुरू करने पर 35 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है। अधिकतम 25 लाख पर 8 लाख 25 हजार तक सब्सिडी मिल जाती है। अगर व्यवसाय तीन साल तक सही से चल जाता है तो पुनः प्रोजेक्ट को बढ़ाने के लिए एक करोड़ तक का लोन ले सकते है जिस पर 15 फीसदी तक सब्सिडी सरकार की तरफ से मिलती है। सरकार की इस व्यवस्था ने युवाओं का मनोबल बढ़ा दिया जिससे अब उत्तर प्रदेश का युवा दूसरों को रोजगार दे रहा है।

 

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