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काल के गर्भ में पंजाब का भविष्य

काल के गर्भ में पंजाब का भविष्य

by हिंदी विवेक
in अप्रैल -२०२२, राजनीति, विशेष, सामाजिक
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पंजाब चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक लेटर घोषित मुख्यमंत्री भगवंत मान के नाम जारी किया। पत्र के मुताबिक आम आदमी पार्टी को खलिस्तान समर्थकों का वोट और फंडिंग दोनों मिला है। यह फंडिंग अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के सिखों ने दी है।

पहलां दिल्ली बदली, हुण पंजाब बदलेगा’ के नारे के साथ पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। इन चुनाव परिणामों से साफ हो गया कि कांग्रेस पार्टी की दलित नीति, शिरोमणि अकाली दल की स्थानीय वाद की नीति और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन अपनी जीत सुरक्षित करने में या वोटो की संख्या बढ़ाने में विफल हुए हैं। आम आदमी पार्टी अभी तक केंद्र शासित राज्य में शासन कर रही थी, जिसे अब अपनी क्षमताओं और विकास के मॉडल को पूरी तरह से लागू करने का पूरा अवसर मिलने जा रहा है। केंद्र शासित राज्य यानी यूनियन टेरिटरी जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास पुलिस, जमीन और नौकरशाही का नियंत्रण नहीं है लेकिन पंजाब एक पूर्ण राज्य होने की वजह से हालात अलग होंगे।

अक्टूबर 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य के साथ हुआ था। पंजाब में भ्रष्टाचार खत्म करने में कितना सफल हो पाती है यह पार्टी, यह तो अभी काल के गाल में अदृश्य है। यह बात भी समझ लेना आवश्यक है कि जनता का यह साथ केवल मुद्दों या वादों की वजह से नहीं मिला है। पंजाब की जनता विकल्प की तलाश में थी जो उन्होंने आम आदमी पार्टी के रूप में देखा। कांग्रेस की नीतियों और अंतर्कलह का फायदा सीधे-सीधे आम आदमी पार्टी को मिला है। पंजाब के परिणाम इस बात की घोषणा अवश्य कर रहें हैं कि जिन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब है वहां आम आदमी पार्टी विकल्प की तरह उभरेगी खासतौर पर हिन्दी भाषी राज्यों में। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की वजह से पूर्व में भी क्षेत्रीय पार्टियों को अवसर मिला है, जैसे ममता बैनर्जी की टीएमसी ने कांग्रेस पार्टी के वोट को बंगाल में पूरी तरह से छीन लिया था। इसी तरह वाईएसआरसीपी के जगनमोहन रेड्डी के द्वारा भी आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के वोट को हथिया लिया गया था और अब यही पंजाब में आम आदमी पार्टी ने किया है।

अरविंद केजरीवाल का भाषण

चुनाव परिणामों के पश्चात् आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भाषण देते हुए कहा कि पंजाब वालों आपने इंकलाब कर दिया और यह इंकलाब अब पूरे देश में जाएगा इसका मतलब साफ है कि दिल्ली और पंजाब में सत्ता हासिल कर ली है, अब गुजरात में भी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। आम आदमी पार्टी की मंशा की स्पष्टता अरविंद केजरीवाल के भाषण के साथ-साथ पंजाब के सह प्रभारी और आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कर दी। जब चड्ढा ने निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि मैं देख रहा हूं कि आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय ताकत बन रही है। ईश्वर हमें और अरविंद केजरीवाल को आशीर्वाद दें। वह एक दिन देश का नेतृत्व करेंगे। आम आदमी पार्टी जो अब तक एक राज्य में सिमटी थी वह राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर अग्रसर हो रही है। अगर आप राष्ट्रीय पार्टी बनती है तो सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को होने की संभावना है।

पंजाब राज्य पर लगभग 2.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है पर भगवंत मान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए भव्य इंतजाम किए गए। शपथ ग्रहण समारोह के लिए 100 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया गया। 5 लाख लोगों के आने की उम्मीद के साथ 50 एकड़ में मेन इवेंट तो वहीं 50 एकड़ में पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। महत्त्वपूर्ण यह है कि यह पूरी जमीन के अधिकतर हिस्से में गेहूं की हरी फसल लगी हुई है जो बर्बाद हो रहीं हैं। किसानों को कहा गया है कि वे अपनी खड़ी फसल हटा लें और उसके बदले उन्हें प्रति एकड़ करीब 46 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

भाजपा के लिए पंजाब की सियासत 

वहीं पंजाब चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक लेटर घोषित मुख्यमंत्री भगवंत मान के नाम जारी किया। पत्र के मुताबिक आम आदमी पार्टी को खालिस्तान समर्थकों का वोट और फंडिंग दोनों मिला है। यह फंडिंग अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के सिखों ने दी है। आगे चेतावनी देते हुए लिखा खालिस्तान आंदोलन को रोकने की कोशिश में गोलियां चलवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह को साल 1995 में मौत के घाट उतार दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी खालिस्तान आंदोलन को रोकने की कोशिश की तो उनके राजनीतिक करियर को ही खत्म कर दिया गया। भगवंत मान अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों से कुछ सीखें। खालिस्तान सिखों के लिए एक जरूरी मुद्दा है। आप हमारी इस लड़ाई में पक्षकार मत बनिएगा। साथ ही खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह में सहयोग भी करिए। खैर आम आदमी पार्टी का खालिस्तानी आतंकवादियों के प्रति नरम रवैया पहले भी कई दफा देखने को मिला है।

भारतीय जनता पार्टी को भी इस परिणाम के बाद कार्यशैली बदलने की आवश्यकता है। भाजपा का चुनाव प्रबंधन और मुद्दों को चहुंओर स्वीकार्यता मिल रही है तो वहीं पंजाब में स्वीकृति नहीं मिली। जहां किसान आंदोलन ने भारी नुकसान पहुंचाया तो वहीं भाजपा संगठन केंद्र सरकार की अंत्योदय की योजनाओं को जमीन पर उतारने में विफल रहा है। बता दे कि 2017 में भाजपा को 5.43 प्रतिशत वोट मिले थे तो वहीं 2022 विधानसभा चुनाव में 6.60 प्रतिशत वोट मिले हैं यानी एक प्रतिशत वोट बढ़ा है लेकिन यह भाजपा के लिए सुखद नहीं माना जा सकता। यह उम्मीद लगाई जा सकती है कि 2027 विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच होना है क्योंकि कांग्रेस की जमीन हर तरफ खिसकती दिख रही हैं।

आम आदमी पार्टी को वर्तमान में 42 प्रतिशत वोट मिला है, जो 2017 में 18 प्रतिशत था। यह आंकड़ा बदल भी सकता है और बढ़ भी सकता है। दोनों ही संभावनाएं कार्य और पहुंच पर निर्भर करती हैं इसलिए पंजाब में भाजपा को कार्यकर्ता और कार्य पद्धति पर अधिक जोर देना होगा, जो सामूहिक, सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी हो। एक राजनीतिक दल होने के नाते आवश्यक है कि अपनी योजनाओं और निर्णयों को अपनी कुशलता से अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करें जिससे की अंत्योदय के दर्शन को सीमावर्ती राज्य पंजाब में भी साकार किया जा सके। भाजपा पंजाब में कभी भी बहुमत में नहीं रही है। शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में ही पंजाब में सरकार में रही है।

पंजाब की जनता ने जिस विश्वास के साथ आम आदमी पार्टी को विकल्प के रूप में चुना है उसमें वर्तमान सत्ताधारी दल कितना सफल हो पाएगा यह तो काल के गर्भ में है लेकिन यह तय है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब को नौका बनाकर पूरे देश में पहुंचना चाहते हैं। इस राजनीतिक भूख में बस इतनी ही उम्मीद की जा सकती है कि पंजाब की जनता को छला नहीं जाना चाहिए।

                                                                                                                      रोहन गिरी 

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Tags: aam admi partyaaparwind kejriwalbhagvant mannelectionhindi vivekkhalistankhalistani terrorist

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