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क्योंकि, खतरे भी हाइटेक हैं

क्योंकि, खतरे भी हाइटेक हैं

by रामेन्द्र सिन्हा
in जून २०२२, देश-विदेश, विशेष, सामाजिक
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हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात में मिल रहे अवैध हथियारों से देश में अशांति का वातावरण फैलाने की पूरी तैयारी की जा रही है।

ड्रोन के जरिये अवैध हथियारों, गोला-बारूद और मादक पदार्थों की तस्करी तथा क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। यही नहीं, गुजरात के सौराष्ट्र में कथित रूप से भारत में बने हथियारों और जालना में होने वाली राज ठाकरे की जनसभा के पहले महाराष्ट्र के धुले में भारी मात्रा में तलवारों की खेप की धर-पकड़ ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी। दूसरी ओर, हरियाणा के करनाल में चार संदिग्ध आतंकियों के हथियार, गोला-बारूद के साथ पकड़े जाने के बाद खबर है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) भारत में खालिस्तान आंदोलन के विस्तार की कोशिश कर रहा है।

दरअसल, देश में जयचंदों की कमी नहीं। हाल ही में अपराधियों को अवैध हथियार सप्लाई करने के आरोप में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में एक डिस्क जॉकी और एक पहलवान शामिल है, जिनके पास से 27 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौलें बरामद की गईं। पिछले सवा साल में पाकिस्तान से एके-47, पिस्टल, सब मशीन गन (एसएमजी), फॉल राइफल, एकेएम राइफल, 303 गन, 7.5 सेगा राइफल, पीएजी एमके राइफल, मैगजीन, कारतूस, विस्फोटक, ग्रेनेड, टियर स्मोक ग्रेनेड व स्टिकी बम इत्यादि हथियार और मादक पदार्थ सीमा पार से देश में भेजे गए। हथियारों और नशे की तस्करी में प्रयुक्त दस किलो की भार क्षमता के साथ 23 किलो तक वजनदार चीन निर्मित ड्रोन पाकिस्तान सीमा से पकड़े जा रहे हैं।

हरियाणा पुलिस ने हाल ही में करनाल में एक स्पेशल ऑपरेशन चलाकर 4 खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनकी गाड़ी से हथियार, कारतूस और आरडीएक्स जैसे विस्फोटक बरामद किए। पुलिस के अनुसार ये चारों आतंकवादी, आतंकी संगठन बब्बर खालसा के हैं और हथियारों की ये खेप तेलंगाना के आदिलाबाद ले जा रहे थे। पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह संधू रिंदा ने आईएसआई की सरपरस्ती में इन हथियारों को ड्रोन से बॉर्डर पार पहुंचाया था। मादक पदार्थों की बात करें तो पिछले साल बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे की गिरफ्तारी ने सुर्खियां बटोरी थीं। इससे पहले, बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को नशीली दवाओं से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार होने के बाद लगभग एक महीने जेल में बिताना पड़ा था। 2019 की एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 23 मिलियन ओपिओइड उपयोगकर्ता थे, जिनमें 2.8 मिलियन आश्रित उपयोगकर्ता शामिल थे।पिछले सितंबर में गुजरात में एक बंदरगाह पर लगभग 2.7 अरब डॉलर मूल्य की लगभग तीन टन हेरोइन जब्त की गई थी। दो कंटेनर ईरान से होते हुए अफगानिस्तान के कंधार से मुंद्रा बंदरगाह पहुंचे थे। दरअसल, नशीले पदार्थों का व्यवसाय दुनिया के सबसे सफल अवैध उद्यम के रूप में शुमार है, जिससे लगभग 200 अरब अमेरिकी डॉलर से 300 अरब अमेरिकी डॉलर का वार्षिक लाभ होता है। ध्यान देने योग्य है कि आईएसआई ने अफगानिस्तान और भारत के पंजाब तथा कश्मीर सहित विभिन्न मोर्चों पर विद्रोही-आतंकी गतिविधियों के भारी-भरकम खर्चों को पूरा करने के लिए भारी मात्रा में धन शोधन के साधन के रूप में नशीली दवाओं की तस्करी को बढ़ावा दिया। इसके अतिरिक्त, अमेरिका और यूरोप से भारत में कोकीन की तस्करी में वृद्धि हुई है।भारत की भौगोलिक स्थिति दक्षिण एशिया में मादक पदार्थों के दो सबसे बड़े स्रोतों के बीच है- उत्तर-पश्चिम में गोल्डन क्रिसेंट (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान) और उत्तर-पूर्व में कुख्यात गोल्डन ट्राएंगल (म्यांमार, थाईलैंड और लाओस)। वास्तव में, गोल्डन क्रिसेंट और गोल्डन ट्राएंगल का यह संगम विद्रोही-आतंकी समूहों, हथियार डीलरों और नार्को-आतंकवादियों के बीच एक मजबूत शैतानी गठजोड़ बनाने का काम करता है।

इसलिए लगती है ओपिओइड की लत

ओपिओइड अर्थात् एक मादक दवा जिसमें अफीम या अफीम व्युत्पन्न (हेरोइन, मॉर्फिन आदि) होते हैं। इन दवाओं के सेवन से कृत्रिम एंडोर्फिन  उत्पन्न होती है जो दर्द-पीड़ा को कम करने में मदद करती है। शरीर को अच्छा महसूस होता है। ओपिओइड  लेने वाले व्यक्ति पर इतनी मस्ती छाती है कि व्यक्ति इसका दीवाना बन जाता है और फिर यह लत में बदल जाती हैं। ऐसे व्यक्ति को ओपिओइड उपयोगकर्ता कहते हैं। इन उपयोगकर्ताओं से लेकर जो मित्र-परिचित या अन्य कंज्यूमर्स ओपिओइड का सेवन करते हैं, उन्हें आश्रित उपयोगकर्ता कहते हैं। 2019 में भारत अफीम बरामदगी मामले में दुनिया में चौथे और मॉर्फिन तथा हेरोइन बरामदगी मामले में सातवें नंबर पर था। भारत में, ओपिओइड लत  को लेकर सालाना 1 मिलियन से अधिक मामले  दर्ज किये जाते हैं, जिसमें तेजी से वृद्धि हो रही है। सबसे ज्यादा प्रभावित 10-75 आयु वर्ग की (2.1%) आबादी है। यह दुनिया भर में नशीली दवाओं के उपयोग की व्यापकता दर (0.7%) और एशियाई औसत (0.5%) से चार गुना से अधिक है। हालांकि, भांग, कोकीन और एम़्फैटेमिन  जैसी उत्तेजक अन्य दवाओं के लिए भारतीय प्रसार दर एशियाई और वैश्विक औसत दोनों की तुलना में बहुत कम है।

2018 में अफीम के गढ़ मंदसौर नीमच से लगभग 250 किमी दूर इंदौर में अवैध फार्मा कंपनी का भंडाफोड़ हुआ था। खुफिया एजेंसी ने तीन लोगों के साथ करीब 10.9 किलो फेंटानिल पाउडर पकड़ा था। तब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 110 करोड़ रुपए आंकी गई। इसकी थोड़ी सी मात्रा जानलेवा हो जाती है। त्वचा में यह आसानी से अवशोषित हो जाती है या सांस के जरिए शरीर में फैल जाती है। फेंटानिल की केवल 2 मिलिग्राम की मात्रा किसी शख्स को मारने के लिए पर्याप्त है। बताया जाता है कि अमेरिकी में 2016 में 20,000 से ज्यादा लोगों की मौत फेंटानिल के ओवरडोज के कारण हुई थी। पहले यह ड्रग चीन में बनाई जाती थी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा दिसंबर 2021 में जारी एक रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों (एनडीपीएस) की अवैध तस्करी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों (मादक आतंकवाद) को वित्तपोषित कर सकती है। मादक पदार्थों की तस्करी न केवल अपने आप में एक अपराध है, बल्कि आतंकी समूहों के लिए धन का एक संभावित स्रोत और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक संभावित खतरा है। कुछ मामलों में हथियारों की जब्ती इस संभावना की ओर इशारा करती है कि ड्रग डीलर भी हथियारों की तस्करी और समुद्री आतंकवाद में शामिल हैं। 1993 के मुंबई धमाके इस बात का गवाह हैं। इस साल जनवरी में, एक और बड़ा खुलासा हुआ जिसने क्रिप्टोकरेंसी और टेरर फाइनेंसिंग के बीच सांठगांठ पर प्रकाश डाला। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 2019 में पश्चिमी दिल्ली के एक व्यवसायी की 4 करोड़ रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी चोरी हो गई थी। क्रिप्टो को विभिन्न निजी वॉलेट के माध्यम से भेजा गया था और हमास, अल-कसम ब्रिगेड के सैन्य विंग द्वारा उपयोग किया गया था। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी पिछले दिनों संसद में चौंकाने वाला खुलासा कर चुके हैं कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और सीमा शुल्क द्वारा किये गए भंडाफोड़ में मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित मामलों में भुगतान के रूप में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग की ओर संकेत करते हुए लिंक का पता लगा है। हालांकि, इस बीच केंद्र ने क्रिप्टोकरेंसी पर अपना शिकंजा कस दिया है। उसने आभासी मुद्रा के उपयोग को रोकने के लिए सभी आवश्यक युक्तियां अपनायी हैं।

नशीली दवाओं की लत, व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य जोखिमों के अतिरिक्त, विशेष रूप से परिवारों और बड़े पैमाने पर समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। भारत में मादक पदार्थों की लत के कारण प्रति दिन लगभग 10 आत्महत्याएं होती हैं। इसके अतिरिक्त, नशीली दवाओं का अवैध व्यापार आतंकवाद सहित अन्य अपराधों को वित्तपोषित करता है, और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

 

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