मुचकुंद की काल यात्रा
पुराणों का रचनाकाल अट्ठारह सौ से दो हज़ार वर्ष पूर्व का रहा होगा ऐसा अनुमान लगाया जाता है। प्रस्तुत राजा मुचकुंद की कथा का उल्लेख विष्णु पुराण के पंचम अंश के तेईसवें अध्याय व श्रीमद्भागवत के दशम स्कंद के इक्यावनवें अध्याय में है। टाइम डाइलेशन जैसी जटिल विज्ञान अवधारणा पर आधारित इस विज्ञान कथा को पढ़कर हम अपने पूर्वजों की प्रखर मेधा से चमत्कृत हो उठते हैं।