जनसाधारण को समर्पित है भाजपा का संकल्प पत्र   

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भाजपा द्वारा इस संकल्प पत्र में जनता को मोदी की गारंटी दी गई है। गरीब परिवारों की सेवा- मोदी की गारंटी, मध्यम-वर्ग परिवारों का विश्वास, नारी शक्ति का सशक्तिकरण, युवाओं को अवसर, वरिष्ठ नागरिकों को वरीयता, किसानों का सम्मान, मत्स्य पालक परिवारजनों की समृद्धि, श्रमिकों का सम्मान, एमएसएमई, छोटे व्यापारियों और विश्वकर्माओं का सशक्तिकरण, सबका साथ सबका विकास, विश्व बंधु भारत,  सुरक्षित भारत, समृद्ध भारत, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा भारत, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, ईज ऑफ लिविंग, विरासत भी विकास भी, सुशासन, स्वस्थ भारत, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, खेल के विकास, सभी क्षेत्रों के समग्र विकास, तकनीक एवं नवाचार तथा पर्यावरण अनुकूल भारत- मोदी की गारंटी सम्मिलित है।

महावीर ने समाज में संस्कारों का किया बीजारोपण – नम्रमुनि महाराज

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तीर्थंकर जैसे महापुरुषों और माता-पिता के जो उपकार भूल जाता है उसका पतन होना तय है और जो स्मरण रखता है वह उन्नति के पथ पर आगे बढ़ता है. सम्पत्ति नहीं, अपितु संस्कार श्रेष्ठ है. जब पूरी दुनिया भौतिकता की ओर भाग रही थी तब महावीर ने अपना राजपथ छोड़कर त्याग का महत्व बताया और अपने शुद्ध आचरण एवं आदर्श से समाज में पुन: संस्कारों का बीजारोपण किया. यह उद्बोधन हिंदी विवेक प्रकाशित ‘तीर्थंकर भगवान महावीर’ विशेषांक के विमोचन समारोह के दौरान राष्ट्रसंत परम गुरुदेव नम्रमुनि महाराज साहेब ने दिया.

मोदी सरकार : कृषि नीति और बीज उद्योग

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खेती के तकनीक में एक और बड़ा परिवर्तन आया और वैज्ञानिकों ने बीज के बजाय पौधे के पत्ते या तनों के छोटे से टुकड़े के ऊतक (Tissue) का उपयोग करके पूरा पेड़ बना दिया, जिसमें मातृ पेड़ के सभी गुण मौजूद थे। यह तकनीक ऊतक संवर्धन (Tissue culture) कहलाती है। इसके बाद ऊतक संवर्धन के माध्यम से फलों और फूलों के नए-नए पौधे तैयार किए गए और किसानों को उगाने के लिए दिए गए। यह ऊतक संवर्धन के पेड़ धनवान किसानों में काफी पसंद किए जाते हैं। वातावरण नियंत्रित खेती (Controlled Condition Cultivation), Polly House, Green House, Net House में ऊतक संवर्धन के पेड़ का उपयोग करके नई तकनीक की खेती काफी बढ़ी। वातावरण नियंत्रित खेती में पैदा किए गए फूलों और सब्जियों का निर्यात किया गया। जिससे भारत का कृषि निर्यात बहुत बढ़ गया। बीजों का उत्पादन (2016-17) में इस प्रकार था ; भुसार माल 229.8, दालें 29.47, तेलिबिया 49.97, सूत की फसलें 2.17, आलू 0.38, अन्य 0.33, कुल बीज 311.43 लाख क्विन्टल। यह बाजार 2022-23 में कुल 6.3 अब्ज डालर का हो गया है। और अनुमान है कि यह 2028 तक बढ़कर 12.27 अब्ज डालर का हो जाएगा। यानी यह 12.45% के (Compound Annual Growth Rate - CAGR) रेट से बढ़ेगा। अर्थात बीज में केवल नया पौधा पैदा करने की क्षमता ही नहीं, तो देश की अर्थव्यवस्था बदलने की क्षमता भी  होती है। 

कृषि नीति : सॉइल हेल्थ कार्ड -‘e- कृषि किरण’

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आणंद कृषि विद्यापीठ ने लगभग पौने तीन करोड़ खर्च करके ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ का सॉफ्टवेयर तैयार किया। किसानों ने केवल अपना नाम, अपने गांव का नाम और अपने खेत का सर्वे क्र. बताया कि कम्प्युटर पर सॉईल हेल्थ कार्ड खुल जाता था। केवल ₹ 1/- में वह कार्ड किसान को दे दिया जाता था। उस कार्ड पर किसान को अपने खेत की मिट्टी में उपलब्ध प्रमुख पोषक तत्वों (Major Nutrients), जैविक कार्बन (Organic carbon), N, P, K, EC और pH का विवरण मिल जाता था। साथ ही उसने अपने खेत में कौन सी फसल उगाई तो फायदे में रहेगा, यह भी बताया जाता था। अभी जो फसल खेत में लगी हुई है, उस पर यदि रोग या कीड़ा लगा है तो कौन सी दवा छिडकनी चाहिए, यह भी बताया जाता था। किसान को ₹ 1 /- में पूरा पॅकेज मिल जाता था।

मुचकुंद की काल यात्रा

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पुराणों का रचनाकाल अट्ठारह सौ से दो हज़ार वर्ष पूर्व का रहा होगा ऐसा अनुमान लगाया जाता है। प्रस्तुत राजा मुचकुंद की कथा का उल्लेख विष्णु पुराण के पंचम अंश के तेईसवें अध्याय व श्रीमद्भागवत के दशम स्कंद के इक्यावनवें अध्याय में है। टाइम डाइलेशन जैसी जटिल विज्ञान अवधारणा पर आधारित इस विज्ञान कथा को पढ़कर हम अपने पूर्वजों की प्रखर मेधा से चमत्कृत हो उठते हैं।

तेईसवीं शताब्दी में एक दिन

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Happy Man in Bed
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उठो आज ऑफिस नहीं जाना है क्या? माधुरी रमन को झिंझोड़ कर उठा रही थी। अब तक वह उसे तीन बार उठा चुकी थी पर हर बार रमन चादर में मुंह घुसा कर सो जाता था।

श्री जयंत सहस्रबुद्धे का देहावसान

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भारत में विज्ञान के प्रचार प्रसार और विशेषत: भारतीय विज्ञान परम्परा के निर्वहन के आग्रह हेतु उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। विज्ञान संचार के क्षेत्र में श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे जी ने बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य किया। वे समाज जीवन में वैज्ञानिक चेतना पैदा करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। उनकी सहज, आत्मीय और बौद्धिक स्मृति हमेशा हमें संबल देती रहेगी। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति और सद्गति प्रदान करें, हिंदी विवेक परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। ऊं शांति, शांति शांति:

गाय मानवता के लिए वरदान है

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‘बाचा: द राइजिंग विलेज’ को मिली सराहना के बाद हमारे समूह का उत्साह बढ़ा। अब हम नये वृत्तचित्र के लिए नयी कहानी खोज रहे थे। एक कार्यक्रम के निमित्त भोपाल स्थित शारदा विहार आवासीय विद्यालय जाना हुआ। वहां कई कहानियां थीं, जिन्हें हम सुना सकते थे। भौतिकी की खुली प्रयोगशाला…

खगोलशास्त्री आर्यभट : गणित एवं खगोल के हिमालय

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खगोलशास्त्र का अर्थ है ग्रह, नक्षत्रों की स्थिति एवं गति के आधार पर पंचांग का निर्माण, जिससे शुभ कार्यों के लिए उचित मुहूर्त निकाला जा सके। इस क्षेत्र में भारत का लोहा दुनिया को मनवाने वाले वैज्ञानिक आर्यभट के समय में अंग्रेजी तिथियाँ प्रचलित नहीं थीं।  अपने एक ग्रन्थ में…

महिला वैज्ञानिकों का योगदान और भविष्य

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संक्रमण काल में महिलाओं की शिक्षा को लेकर पनपी उदासीनता के कारण हर क्षेत्र की तरह वैज्ञानिक शोधों के क्षेत्र में भी महिलाओं की संख्या नगण्य है, जबकि वे कम संख्याबल के बावजूद उन क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य कर रही हैं। भारत सरकार भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा…

प्रोग्रेसिव कामरेडों की वैज्ञानिक सोच का सच

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उनका प्रिय सवाल आपने न सुना हो, ऐसा तो नहीं हो सकता! चाहे आप किसी भी क्षेत्र में प्रगति की बातें कर लें, ये नारेबाज गिरोह का प्रिय सवाल आएगा ही। आप मंगलयान कहेंगे तो वो पूछेंगे, इससे ग़रीब को रोटी मिलेगी क्या? आप शिक्षा के क्षेत्र में नए विषयों…

हिंदुत्व की सबसे बड़ी देन ‘बौद्धिक स्वतंत्रता’

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Galileo Galilei (1564-1642) before members of the Holy Office in the Vatican in 1633, 1847. Found in the Collection of Musée du Louvre, Paris. (Photo by Fine Art Images/Heritage Images/Getty Images))
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सन् 1633 यानि ईसा के सलीबीकरण के 1600 साल बाद मिनर्वा, रोम का एक कॉन्वेंट। घुटनों पर बैठ जाओ और माफी मांगो उन अपराधों की जो तुमने अपनी अज्ञानता में की है। मजहबी अधिकारियों की आवाज़ आते ही एक अपराधी घोषित किये जा चुके शख्स को सिपाहियों ने जबरन उसके…

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