पहला जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल.
दूसरा इटली का पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी.
और तीसरा फ्रांस का पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकोइस मिट्रेंद.
यह तीनों की घोर सेकूलर और वामपंथी विचारधारा के थे. इसमें एंजेला मर्केल का गुनाह यह था कि उन्होंने यूरोपियन यूनियन पर दबाव डालकर सभी देशों का एक रिफ्यूजी कोटा बनवाया.
यूरोपियन यूनियन के देश अपने यहां अधिक रिफ्यूजी को रखेंगे उन्हें पालेंगे और उन्होंने जर्मनी को पूरी तरह से एक धर्मशाला बना दिया.
यह एंजेला मर्केल का ही निर्णय था कि कोई भी ईयू देश रिफ्यूजी को मना नहीं करेगा.
आज जर्मनी के लोग एंजेला मर्केल को गालियां देते हैं कि वह लेडी ने जर्मनी को बर्बाद कर दिया. जर्मन कल्चर और जर्मनी की मूल संस्कृति को खत्म कर दिया.
इटली का वामपंथी पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी एक नंबर का ऐय्याश था. इसे भी हाइपर सेक्स मेनिया की बीमारी थी जो बीमारी एनडी तिवारी को थी. 78 साल की उम्र में भी ये कम उम्र की लड़कियों के साथ प्रधानमंत्री आवास में पड़ा रहता था और बकायदा स्वीकार करता था कि हां लड़कियां मेरी कमजोरी है.
इसने भी अपने शासनकाल के दौरान इटली को लीबिया सीरिया और बांग्लादेश से आए शांति दूतों से भर दिया .
आज हर इटालियन इसको देखते ही गालियां देता है .आज भी यह मिलान में अपने बंगले में पड़ा रहता है और इसे हर रोज तीन चार लड़कियां चाहिए.
फ्रांस के वामपंथी विचारधारा के फ्रैंकोइस मित्रएंड लगभग 17 सालों तक फ्रांस के राष्ट्रपति थे और उन्होंने पूरे फ्रांस को अल्जीरिया सोमालिया जैसे देशों के शांति दूतों से भर दिया. आज हालात ऐसे हैं कि फ्रांस के फुटबॉल खिलाड़ी ने सारे के सारे अल्जीरियन मूल के हैं 20 परसेंट से ज्यादा फ्रांस अल्जीरियन मूल के शांति दूतों से भर गया है और दूसरे देशों के भी तमाम शांतिदूत फ्रांस में भर गए. आज जो एक डेलिकेट फ्रेंच कल्चर था वह इस्लाम के आगे गायब हो चुका, खत्म हो चुका.
इन तीनों के पाप की वजह से आज यूरोप में घूर दक्षिण पंथ का उदय हो रहा है. पोलैंड हंगरी और इटली में दक्षिण पंथ की सरकार बन चुकी है. कुछ साल पहले ऑस्ट्रिया में भी दक्षिणपंथी पार्टी की सरकार थी. स्वीडन में दक्षिणपंथी पार्टी का जीतना लगभग तय हो चुका है. अब धीरे-धीरे यूरोप के लोग समझ चुके हैं यह इस्लाम उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है.