पाकिस्तान में – बिजली बन्द तो बच्चे बन्द

हमारे 24*7 चैनलों का जब राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खबरों से भी पेट नहीं भरता तो वे रात 10 बजे बाद पाकिस्तान की तरफ कूच कर देते हैं। हम सभी के लिए पाकिस्तान वैसे ही खबरों का जखीरा है जैसे नापाक चैनलों के लिए हिंदुस्तान की खबरें। हालांकि वहां के खबरचियों को भारत बहुत अच्छा भला लगता है वहां के नागरिकों की ही तरह।

तो खबरों के जखीरे से ताजा खबर यह आई है कि पाकिस्तान में अब से रात 8 बजे बाजार बन्द कर दिए जाएंगे क्योंकि वहां संकट विकराल हो चला है। इसलिए बिजली की खतना बेहद जरूरी है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने फरमान जारी किया है कि बाजारों की बिजली गुल करने से 62 अरब की बिजली की बचत तो होगी ही पाकिस्तान की बढ़ती भुखमरी आबादी पर भी कन्ट्रोल होगा।

उनके इस फरमान से ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री पर भारत से अपनी रक्षा करने के अलावा पाकिस्तान में कंट्रोल यानी परिवार नियोजन यानी फैमिली प्लानिंग की जिम्मेदारी भी आ गई है। अब पाकिस्तान में नया फतवा नया नारा गली गली गूंजेगा बिजली बन्द तो बच्चे बन्द… अभी बिजली बन्द तो रेल बन्द के हालात तो पैदा हो गए हैं वहां पर। मतलब बगैर बिजली के रेल के चक्के थम जाएंगे। अब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा जी के मुताबिक पाकिस्तान में बिजली संकट के चलते गृहस्थी के चक्के भी जाम करने की तैयारी है।

खाकसार को ख्वाजा जी का यह तर्क समझ ही नहीं आया कि बिजली गुल कर देने से बच्चे पैदा होना कैसे रुकेगा। जब हमारे हिन्दुस्तान के गांवों में बिजली नहीं हुआ करती थी तब न रेडियो होते थे न टेलीविजन। न ये मुआ मोबाइल। तब हमारे पास मनोरंजन का इकलौता साधन नारी ही हुआ करती थी। मनोरंजन में जनसंख्या वृद्धि भी जाहिर है शामिल थी। बिजली आई तो रेडियो/टीवी/मोबाइल/कम्प्यूटर/लैपटॉप आए। परिवार नियोजन का इन माध्यमों से खूब प्रचार प्रसार हुआ।इससे इन्सान अपने घरेलू मनोरंजन के साधन छोड़कर इनमें मुब्तिला हो गया।

तो पाकिस्तान में बिजली गुल कर गुल गुलशन गुलफामों को बगैर परिवार नियोजन के साधनों (वहां तो इन पर सख्त मुमानियत है)के पाकिस्तानी मर्दों से कैसे बचाया जा सकेगा। और ख्वाजा साहब आप ही बताएं न कि बच्चे पैदा करने से रोशनी/उजाले/बिजली का क्या सम्बन्ध। जब बच्चे अल्लाहताला की देन हैं तो बिजली गुल करने से इन्हें जमीन पर आने से कौन रोक सकेगा। बड़ी दूर की कौड़ी लाए हैं ख्वाजा आसिफ। काश ऐसी क्रांतिकारी सोच सारी दुनिया की हो जाए तो दुनिया की सारी समस्याएं ही दूर हो जाएं।

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