चलो नाना-मामा के घर
साल भर पढ़ाई के बोझ से लदे हुए बच्चों को गर्मी की छुट्टियों का इंतजार रहता है। कब परीक्षाएं समाप्त हो और हम फ्री होकर अपने ननिहाल जा सके। बच्चे ही नहीं उनकी मम्मियों को भी बच्चों से ज्यादा इंतजार रहता है कि जल्दी से मायके जाने का। बच्चों को उनकी मां यह लालच देकर पढ़ाती हैं कि फटाफट पढ़ लो परीक्षा के बाद तुमको नाना-नानी के घर लेकर चलूंगी।