उत्तर प्रदेश में लिखा जा रहा निवेश का नया अध्याय

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में इस बार निवेश का नया अध्याय लिखा जा रहा है।प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है और अपराधियों तथा हर प्रकार के छोटे बड़े गुडों और माफिया समूहों पर लमाग लगाई जा रही है जिसके कारण प्रदेश की छवि देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी सुधरी है जिसके कारण सभी भारतीय और विदेशी निवेशक अभूतपूर्व संख्या मेंउत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता और सतर्कता की इसमें बड़ी भूमिका है।

आगामी फरवरी माह में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वैश्विक निवेशक सम्मलेन (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) प्रस्तावित है। इसमें सरकार ने 17 लाख करोड़ रूपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा था और व्यापक स्तर प्रयास आरम्भ किए थे जिनका परिणाम अब धरातल पर दिखायी पढ़ने लगा है । प्रदेश में अगले माह प्रस्तावित ग्लोबल समिट के पूर्व ही अब तक 15 लाख करोड़ रूपए से अधिक के प्रस्ताव सरकार के स्तर से प्राप्त कर लिए गये हैं। विदेशों में सरकार के मंत्रियों का रोड शो संपन्न हो चुका है और अब स्वदेशी निवेशकों को आकर्षित करने का अभियान चलाया जा रहा है जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुम्बई दौरा चर्चा का विषय रहा। प्रदेश सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न राज्यों की राजधानियों व चुनिंदा शहरों में तो भव्य रोड शो करवा ही रही है, प्रदेश के जिला मुख्यालयों में भी निवेशकों को आकर्षित करने का अभियान चलाया जा रहा है।

निवेश अभियान के अंतर्गत सरकार की ओर से कुल 37 सेक्टरों को निवेश के लिए चिन्हित किया गया था इनमें से 23 सेक्टर में एमओयू की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।10 जनवरी तक पर्यटन विभाग ने 38 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू कर लिए हैं जबकि पर्यटन विभाग को 40 हजार करेड़ का लक्ष्य मिला था।ऊर्जा विभाग ने एक लाख करोड़ के संशोधित लक्ष्य के सापेक्ष 75 हजार से अधिक के एमओयू किये हैं। आईटी एंड इलेक्ट्रानिक विभाग और यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपेंट अथारिटी ने भी 57 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्राप्त कर लिए हैं।हैंडलूम व टेक्स्टाइल ने भी करीब 27 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्राप्त किये हैं।

मुख्यमंत्री ने अपनी मुम्बई यात्रा के दौरान ही शीर्ष औद्योगिक समूहों के साथ चर्चा कर पांच लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किये।रिलायंस, टाटा संस, अदाणी, गोदरेज, रिजला, पीरामल, वेदांता, पार्ली, हिंदुजा, लोढ़ा और रैंसकी सहित दो दर्जन से अधिक औद्योगिक समूहों के प्रमुखों से मुलाकात के दौरान इन निवेश प्रस्तावों पर सहमति बनी।मुख्यमंत्री ने मुम्बई दौरे के दौरान फिल्मी हस्तियो के साथ मुलाकात की और प्रदेश में बन रही फिल्म सिटी पर चर्चा के साथ ही सिनेमा जगत के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।इस दौरान कई फिल्मी हस्तियों ने उप्र सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की और यूपी को सबसे सुरक्षित बताया।फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा कि यूपी फिल्म सिटी का बेसब्री से इंतजार हो रहा है जबकि एक अन्य अभिनेता राजपाल यादव ने कहा कि यूपी में शूटिंग के लिए हर लोकेशन उपलब्ध है।

प्रदेश के मंत्रियों व अधिकारियों का दल तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई भी गया और दिल्ली में भी रोड शो का आयोजन हो चुका है। पंजाब से भी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रोड शो का आयोजन हुआ। चेन्नई के उद्यमियों ने काशी में आयोजित तमिल संगमम की सराहना की।उद्यमियों ने कहा कि यूपी में हाल के वर्षों में काफी विकास हुआ है और ऐसा पहली बार हो रहा है कि तमिलनाडु के उद्यमियों को विकास में साझीदार बनाने की पहल की गयी है।प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में पैटनर्स एनर्जी कंपनी के संचालक अमरनाथ ने कहा कि उनकी कंपनी मथुरा में नगर निगम के साथ मिलकर प्लास्टिक वेस्ट सॉल्यूशन के क्षेत्र मे काम कर रही है और योगी शासन में यूपी में कार्य करने का काफी सुखद अनुभव रहा है।

उद्योग जगत व बैंकर्स भी यूपी के विकास और विजन की सराहना कर रहे हैं। व्यापारिक समुदाय का प्रदेश में विश्वास बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार का मुख्य फोकस विकास पर है। प्रदेश सरकार अपनी जीएसडीपी को बढ़ाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके लिए कृषि तथा कृषि आय को बढ़ावा देने के लिए भी सभी संभव प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार निवेशकों को स्टार्टअप के तहत भी आंमत्रित कर रही है। यह प्रदेश में लाजिस्टिक से जुड़े क्षेत्रों के लिए भी एक बेहतर अवसर है।प्रदेश में निवेश बढ़ाने के मुख्यमंत्री के प्रयासों का असर अब जिलों तक भी पहुंच गया है, बहराइच और बाराबंकी जैसे छोटे जिले इसका उदाहरण बन कर उभरे हैं। इन दोनों जनपदों में 2,600 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये हैं। बहराइच और बाराबंकी के माडल के तहत उद्यमियों से सीधा जुड़ने और उनकी सभी परेशानियों के समाधान के लिए हेल्प डेस्क बनायी गयी है जिससे सभी एमओयू को धरातल पर उतारा जा सके। इससे ज्यादा से ज्यादा निवेश को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी और फरवरी में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए ज्यादा से ज्यादा निवेशक प्रेरित होंगे।

बड़े जनपदों में राजधानी लखनऊ में भी एक दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया जिसमें लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 56,299 करोड़ रूपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। संगम नगरी में 35 हजार करोड़ के निवेश पर मुहर लगी है।यहां पर आयोजित समिट में प्रयागराज, कौशाम्बी और प्रतापगढ़ के उद्यमियों ने निवेश के लिए झोली खोल दी।निवेशक सम्मेलन में लगभग आठ सौ निवेशकों का पंजीकरण हुआ और 35,307 करोड़ रूपये के प्रस्ताव आये और एमओयू साइन भी किए गये।इन परियोजनाओं में 20 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।लखनऊ में ग्लोबल समिट के पूर्व आस्ट्रेलिया, सिंगापुर की कंपनियों से 24,560 करोड़ रूपये का निवेश करने का समझौता हुआ।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पार्टी के सांसदों और विधायकों के साथ बैठक में कह रहे हैं कि सभी सांसद और विधायक अपने जिलों में निवेश के एम्बेस्डर बनें जिससे प्रदेश 2027 तक दस खरब अमेरिकी डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा कर सके।मुख्यमंत्री का कहना है कि सभी सांसद और विधायक भी जिला स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर उसका नेतृत्व करें।मुख्यमंत्री अपने सभी सांसदों और विधायकों से एक जिला एक उत्पाद योजना का भी ब्रांड एम्बेस्डर बनने की सलाह दे रहे हैं जिससे जनप्रतिनिधियों का उत्साह बढ़ रहा है।

यदि निवेशकों के साथ हस्ताक्षरित सहमति पत्र मानक हैं तो उत्तर प्रदेश के नागरिकों को इस बात पर गर्व करना चाहिए कि जिस प्रदेश मे वह रह रहे हैं अब उसकी साख बढ़ रही है।नोएडा, ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण को तीन लाख करोड़ रूपये के निवेश का लक्ष्य मिला था।अब तक साढ़े चार लाख करोड़ रूपये के निवेश सहमति बन चुकी है।यह निवेश प्रदेश के लिए गर्व की बात है और यदि यह निवेश पूरी ईमानदारी के साथ धरातल पर उतर आता है तो प्रदेश के जनसामान्य की प्रगति और खुशहाली को कोई रोक नहीं सकता ।

तथापि प्रदेश की यह विकास यात्रा योगी जी के विरोधियों को रास नहीं आ रही है । एक ओर समाजवादी मुखिया अखिलेश यादव निवेश के दावों पर सवाल खड़े करते हुए कह रहे हैं कि सरकार पहले यह बताये कि इससे पहले निवेश के लिए जो एममोयू साइन हुए थे उनमें से कितना निवेश जमीन पर उतरा वहीं दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो बहिन मायावती निवेश आमंत्रण अभियान को महज नाटकबाजी कह रही हैं। ये सभी विरोधी दल आज सरकार पर तंज कस रहे हैं लेकिन ये नहीं बताते कि योगी सरकार से पूर्व के 25 वर्षो में प्रदेश में भारी राजनीतिक अस्थिरता, दंगे और कानून व्यवस्था की बदहाली के कारण प्रदेश में निवेश करने में निवेशकों को भय लगता था किन्तु 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश ने सुशासन और ईज आफ डुइंग बिजनेस के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया है बढ़ता हुआ निवेश इसी का परिणाम है ।

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