हिंदी विवेक द्वारा मुंबई के यशवंत भवन में प्रतिनिधि बैठक का आयोजन 19 फरवरी 2023 को किया गया, जिसमें हिंदी विवेक के मुंबई सहित सम्पूर्ण महाराष्ट्र तथा कुछ अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में कोंकण प्रांत के सह प्रांत प्रचारक विपिन कुमार भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। हिंदी विवेक पत्रिका का दायरा बढ़े, घर-घर तक पत्रिका पहुंचे, तथा आर्थिक रूप से हिंदी विवेक प्रगति की ऊंची उड़ान भरे, इसी उदेश्य को लेकर सामूहिक प्रतिनिधि बैठक का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर रा.स्व. संघ, कोंकण प्रांत के सह प्रांत प्रचारक विपिन कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि, मीडिया के द्वारा लाखों-करोड़ों लोगों तक सकारात्मक विचार पहुंचाए जाते हैं, जिनसे समाज में जागरूकता आती है और राष्ट्रीय चेतना का निर्माण होता है। नैरेटिव युद्ध के दौर में वैचारिक सेवा का महत्व बढ़ गया है और हिंदी विवेक पत्रिका वैचारिक सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रही है। विमर्श युद्ध के इस आधुनिक दौर में वैचारिक सेवा का अत्यधिक महत्व है, यह बात लक्ष्मीपुत्रों को भी समझानी होगी। हिंदी विवेक मासिक पत्रिका समाज को विचारों से समृद्ध करने का सराहनीय कार्य कर रही है, इसलिए हिंदी विवेक पत्रिका का प्रचार-प्रसार करना आवश्यक है।
हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर ने अपनी प्रस्तावना में उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि, सामर्थ्यवान नेटवर्क स्थापित करने हेतु प्रतिनिधियों को अपनी टीम का विस्तार करना चाहिए। हिंदी विवेक के कार्य से जुड़कर ‘मैं राष्ट्रीय उत्कर्ष का कार्य कर रहा हूं’, यह भाव प्रतिनिधियों में होना आवश्यक है। इसी अनन्य भाव से जुड़े विविध क्षेत्रों के युवाओं को प्रतिनिधि अपने साथ जोड़ें और ‘एक से भले दो, और दो से भले तीन’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ें। ‘हम लेने नहीं, बल्कि देने आए हैं’ यह विश्वास प्रतिनिधियों के मन में सदैव होना चाहिए। हिंदी विवेक का मुख्य कार्य अच्छे विचार देना है जिससे परिवार, समाज और राष्ट्र का उत्कर्ष हो।
हिंदी विवेक की कार्यकारी सम्पादक पल्लवी अनवेकर ने सम्पादकीय विषयों से सभी को अवगत कराते हुए कहा कि, सभी यह जानते हैं कि हम अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन समाज में 10 मुख वाले रावण भी हैं जो तरह-तरह की बातें करते हैं। अतः हमें देवी अष्टभुजा की तरह कार्य करने की आवश्यकता है। ‘बोलो कम और करो अधिक’ का मंत्र देते हुए उन्होंने प्रतिनिधियों को पूर्ण मनोयोग से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इसके बाद दत्ता शेडगे ने पंजीयन वृद्धि, भोला बैरागी ने पुस्तक ग्रंथ विक्री, प्रशांत मानकुमरे ने विज्ञापन के संदर्भ में मार्गदर्शन किया। साथ ही प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार प्रकट किए। नितिन बिबिकर ने स्वागत गीत गाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, जबकि सूत्र संचालन प्रशांत मानकुमरे ने किया।
इस दौरान हिंदी विवेक की योजनाओं को पूरा करनेवाले विजेता प्रतिनिधि विलास मेस्त्री (वसई-विरार) का विपिन कुमार के हाथों विजित धनराशि का चेक, शॉल, स्मार्ट वॉच, बैग, आदि साहित्य देकर सम्मान किया गया।
इसके साथ ही विजयी प्रतिनिधियों गुरुराज कुलकर्णी (नवी मुंबई), नितिन बिबिकर (नासिक), राजाराम बारागाड़े (इचलकरंजी), गणपत रहाटे (अंधेरी), गजानन डोंगरे (गडचिरोली), भरत दामले (पुणे) को भी विपिन कुमार ने शॉल, स्मार्ट वॉच, बैग, आदि साहित्य देकर सम्मानित किया।