अद्भुत है भारतीय नववर्ष की संकल्पना

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विश्व भर में भले नववर्ष मनाए जाते हों पर भारतीय नववर्ष का स्वागत प्रकृति भी करती हुई प्रतीत होती है, परंतु विडम्बना यह है कि वर्तमान पीढ़ी 31 जनवरी की रात की मदिरा एवं नृत्य संस्कृति को सर्वोपरि मानती है। भारतीय संस्कृति के बढ़ाव के लिए उनके बीच हमारे नववर्ष…

सुनहरी किरण

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रात के सन्नाटे में जीप धांय-धांय उड़ी जा रही थी...किरण ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठी थी। कांस्टेबल ओम प्रकाश गाड़ी चला रहा थे। पीछे की सीट पर उसकी अन्य दो सहकर्मी निद्रालीन थीं। किरण की वैसे भी अनिद्रा से पुरानी यारी थी, सो वह आगे की सीट पर…

मजहबी बंदिशों में उलझी मुस्लिम महिलाएं

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एक तरफ विश्वभर में महिलाएं प्रगति की उड़ान भर रही हैं, दूसरी ओर मुस्लिम महिलाएं अभी भी उन्हीं बंदिशों में जीने के लिए विवश हैं। मोदी सरकार ने तीन तलाक जैसी अमानवीय प्रथा पर रोक लगाकर सार्थक कदम उठाया है परंतु मुस्लिम महिलाओं को भी आगे आकर आवाज उठानी चाहिए। …

किशोरावस्था की चुनौतियां और समाधान

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हमारे परिवार एवं समाज में किशोर वय लड़कों के थोड़े अजीब व्यवहार को लेकर कहा जाता  है कि, यह उम्र का असर है लेकिन लड़कियों के साथ ऐसा नहीं है। उनके शारीरिक परिवर्तन की वजह से होने वाली मानसिक परेशानियों को समझने के लिए कोई तैयार नहीं। परंतु कुछ घरों…

21वीं सदी और महिलाओं की स्थिति

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महिलाएं बहुत तेजी से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाती जा रही हैं लेकिन महिला विकास की गति कछुए की गति से चलायमान है। समाज और परिवार में जब भी कटौती की बात उठती है तो उसकी सबसे पहली शिकार महिला ही होती है। इसलिए जब तक महिलाओं की जागरूकता…

बिंदी सामाजिक बंधन या सशक्त अभिव्यक्ति?

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एक तरफ बुरके जैसे रूढ़िवादी परिधान को बचाए रखने के लिए देशभर में आंदोलन हो रहे हैं, वहीं वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कुंकू और बिंदी को लेकर अफवाहें फैलाई जाती हैं। बुरके में ढंकी महिला यदि महिला अधिकारों की बात करती भी है तो वह कितना हास्यास्पद लगेगा, जबकि माथे…

बदलते दौर में महिलाओं में आए परिवर्तन

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भारतीय संस्कृति में महिलाओं की स्थिति पुरुषों के समान ही रही लेकिन 11वीं सदी से लेकर 19वीं सदी के मध्य के संक्रमण काल में यहां महिलाओं की स्थिति अत्यधिक बुरी हो गई। एक बार फिर उसमें तेजी आई है लेकिन इसमें बढ़ाव की आवश्यकता है ताकि समाज की प्रगति में…

नागरिक उत्तरदायित्वों को स्पष्ट करती पुस्तक

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विश्व की हर भाषा में लोगों को मोटिवेट करने के लिए ग्रंथों की भरमार है। बहुत से लोग केवल लफ्फेबाजी करते हैं और उनकी बातें किसी ठोस कार्य का परिणाम नहीं होती। परंतु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने अनुभवों एवं कार्यों को किसी पुस्तक के शब्दों के…

मोदीराज में आधी आबादी की ऊंची उड़ान

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मोदी सरकार ने शुरुआत से ही महिलाओं की प्रगति पर विशेष ध्यान देना आरम्भ कर दिया था। आज उसके सुपरिणाम समाज में परिलक्षित होने लगे हैं। देश की महिलाएं उन्मुक्त भाव से राष्ट्र के विकास में अपने योगदान को प्रबल बना रही हैं। प्रधान मंत्री कई बार अपने भाषणों में…

तुर्किये में भूकम्प और भारत की मानवीय सहायता

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तुर्किये और सीरिया में आए भीषण भूकम्प ने वहां के जन-जीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारत अपने वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के तहत वहां बड़े पैमाने पर राहत कार्य कर रहा है, लेकिन तुर्किये की वर्तमान सियासत में कश्मीर मुद्दे को लेकर नकारात्मक द़ृष्टिकोण है। भारत की…

काश, मैं भी रेखा पार कर लेती!

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बहुत सारी महिलाओं के साथ यह समस्या रही कि यदि समय पर समाज की बेड़ियों को तोड़ने का प्रयास किया होता तो उन्होंने स्वयं के लिए, समाज के लिए और राष्ट्र के लिए बहुत कुछ किया होता। तब शायद इस विश्व की तस्वीर कुछ अत्यधिक उज्ज्वल होती। वे समाज द्वारा…

दोगुना शक्ति संचार मां-बेटी की सफल जोड़ियां

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समाज में महिलाओं की प्रगति के रास्ते बहुत कम दायरे में खुल पाते हैं इसलिए जब भी ये रास्ते कहीं खुल पाए हैं तो उसके पीछे एक दूसरी महिला, जो मां के रूप में आती है, का हाथ अवश्य रहता है। इसलिए यदि मां और बेटी दोनों सफल हों तो…

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