दूध में मिलावट की 30 सेकंड में होगी जांच

शुद्ध आहार के लिए दूध बहुत महत्वपूर्ण है। फिर भी यह दुनिया में सबसे अधिक मिलावटी खाद्य पदार्थ है। भारत, पाकिस्तान, चीन और ब्राजील जैसे विकासशील देशों में दूध में मिलावट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। मिलावटी दूध के सेवन से गुर्दे की समस्या, नवजात बच्चों की मौत, पेट संबंधी कई समस्याएं, डायरिया और यहां तक ​​कि कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-मद्रास) के शोधकर्ताओं ने कागज आधारित एक 3डी पोर्टेबल डिवाइस बनाया है जिससे 30 सेकंड में दूध की मिलावट का पता लगाया जा सकता है। इसके जरिये घर पर ही आसानी से दूध की शुद्धता का पता लगाया जा सकता है। दूध में आमतौर पर यूरिया, डिटर्जेंट, साबुन, स्टार्च, हाइड्रोजन पेरोक्साइड, सोडियम-हाइड्रोजन-कार्बोनेट और नमक जैसे पदार्थों की मिलावट की जाती है जिसका पता यह डिवाइस लगा सकता है।

दूध की शुद्धता की जांच करने के लिए पारंपरिक प्रयोगशाला-आधारित विधियों के विपरीत यह नई तकनीक सस्ती है और इसमें समय भी बहुत कम लगता है। पानी, ताजा रस और मिल्क शेक जैसे अन्य तरल पदार्थों में मिलावट की जांच करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। मिलावट की जांच के लिए किसी भी तरल पदार्थ का केवल एक मिलीलीटर नमूना ही उपयोग किया जा सकेगा।

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