आस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप जीता भारत ने दिल

 

भारतीय महिला टीम टी20 वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में भले पांच बार की वर्ल्ड चैम्पियन से हार गई पर उनकी जिजीविषा ने हर किसी का मन मोह लिया। भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखकर लगता है कि भविष्य में भारत की टीम मजबूती से अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अपनी उपस्थिति दर्शाएगी और भविष्य में वर्ल्डकप जीतने का भी माद्दा रखती है।

महिला क्रिकेट की सर्वश्रेष्ठ टीम ऑस्ट्रेलिया ने छठी बार महिला टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया है। केपटाउन के न्यूलैंड में खेले गए फाइनल में आस्ट्रेलियाई टीम ने मेजबान दक्षिण अफ्रीका को 19 रनों से हरा कर यह ट्रॉफी अपने नाम की। पूरे टूर्नामेंट में आस्ट्रेलियाई टीम अजेय रही, यानी अगर हम अंक तालिका पर दृष्टि डालें तो टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलियाई टीम शुरू से लेकर फाइनल तक सभी छह मैच जीती और चैंपियन बनी। पर जीत हार के आंकड़ों के इतर एक कहानी और बनती है, क्योंकि बेशक  बिना कोई मैच हारे वे चैंपियन बनीं लेकिन पूरे टूर्नामेंट में खेले गए उसके मुकाबलों पर नजर दौड़ाएं तो स्पष्ट रूप से यह दिखता है कि इस दौरान एक ऐसा मौका भी आया जब कंगारुओं को नॉक आउट का डर सता रहा था। वह मौका था भारत के खिलाफ सेमीफाइनल का, जब भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर पिच पर डटी थीं। हमरनप्रीत दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गईं, उसके बाद भी ऑस्ट्रेलिया आसानी से मैच नहीं जीता बल्कि अंतिम ओवर में बमुश्किल पांच रनों के अंतर से जीत नसीब हो पाई।

उससे पहले आखिरी लीग मुकाबले में भारत ने आयरलैंड को डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर 5 रन से हरा दिया था। मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 156 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में आयरलैंड की टीम जब बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरी तो 8.2 ओवर के बाद बारिश के कारण खेल को रोक दिया गया। उस समय तक आयरलैंड ने 2 विकेट के नुकसान पर 54 रन बनाए थे। भारत ने उससे पहले अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तथा वेस्टइंडीज को भी धूल चटाई थी।

अपने ग्रुप मैचों में भारतीय टीम केवल इंग्लैंड से हारी थी। इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया को भले ही हार का सामना करना पड़ा था लेकिन तेज गेंदबाज रेणुका ने अपने शानदार प्रदर्शन से धमाल मचा दिया। रेणुका ने अपने चार ओवर के स्पेल में सिर्फ 15 रन खर्च कर पांच विकेट अपने नाम किए। शुरुआत के तीनों विकेट रेणुका के नाम रहे थे और पारी के आखिरी ओवर में भी उन्होंने लगातार दो विकेट लेकर हैट्रिक का मौका बना लिया। इसके साथ ही वह टी20 विश्व कप में भारत के लिए पांच विकेट लेने वाली पहली महिला तेज गेंदबाज भी बन गईं। इससे पहले प्रियंका राय ने भी 2009 के टी20 विश्व कप में यह कारनामा किया था लेकिन वह टीम के लिए स्पिन गेंदबाजी करती थीं।

विशेषज्ञ क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहते हैं और पिछले दो विश्व कप से फाइनल खेलने वाली भारतीय टीम सेमीफाइनल में इसका शिकार हो गई जब कप्तान हरमनप्रीत कौर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गई। उसके बावजूद भारतीय टीम ने आत्मसमर्पण नहीं किया बल्कि आखिरी तक मैच में बनी रही। शायद आस्ट्रेलियाई टीम का अनुभव भारी पड़ गया और वे फाइनल में पहुंच गई लेकिन एक समय मैच उनके हाथ से पूरी तरह फिसल चुका था।

सेमीफाइनल के मैच को इस लिहाज से भी देखने की जरूरत है कि दोनों टीमों ने कुल 339 रन बनाए जो इस टूर्नामेंट के किसी भी मैच में दोनों टीमों के बनाए कुल रन के योग से बहुत अधिक है। यानी मैच कभी भी एकतरफा नहीं रहा। एक नजर ऑस्ट्रेलिया के ग्रुप मैचों के नतीजों पर डालें तो उसने बांग्लादेश को 8 विकेट तो श्रीलंका को 10 विकेट से हराया। वहीं दक्षिण अफ्रीकी टीम 21 गेंद रहते 6 विकेट से हार गई तो न्यूजीलैंड को ऑस्ट्रेलिया ने 97 रन से हराया। इससे ये जाहिर है कि अकेली भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कीं, वो भी सेमीफाइनल के उस मुकाबले में जिसे हारने पर एक टीम का नॉकआउट होना तय था। यानी कंगारू टीम भले ही चैंपियन बन गई है, लेकिन उसे ये अच्छी तरह पता है कि भारतीय टीम के साथ हुआ मैच ही वो एकमात्र मुकाबला है जहां उस पर हार का ख़तरा मंडरा रहा था। यहां यह भी बता दें कि भारत ही वो एकमात्र टीम है जिससे पिछले साल एक मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम हारी थी।

इस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय महिलाओं ने बेजोड़ प्रदर्शन किया लेकिन कुछ के अद्भुत प्रदर्शन की चहुंओर प्रशंसा हुई। इसमें सबसे पहला और बड़ा नाम देश की स्टार खिलाड़ी स्मृति मंधाना का आता है। टी20 वर्ल्ड कप में एक मैच में पाकिस्तान की अली सिद्दीकी (102 रन) के सर्वाधिक स्कोर के बाद स्मृति मंधाना का 87 रन दूसरा सबसे बड़ा स्कोर रहा। स्मृति मंधाना टी20 क्रिकेट में अब तक 2800 से अधिक रन बना चुकी हैं। देश में शुरू हो चुके पहले महिला आईपीएल में वे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का नेतृत्व कर रही हैं और महिला आईपीएल के पहले संस्करण की सबसे महंगी महिला क्रिकेटर भी हैं। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी हर नाजुक मौके पर अपनी टीम को सम्भालने का कार्य किया। वर्ल्ड कप में अगर भारत सेमीफाइनल में जीत के मुहाने पर पहुंचा तो उसका कारण हरमनप्रीत की विस्फोटक बल्लेबाजी ही थी। भारतीय कप्तान हमरनप्रीत टी20 क्रिकेट में तीन हजार से अधिक रन बना चुकी हैं। रेणुका सिंह ठाकुर और दीप्ति शर्मा ने भी अपने प्रदर्शन से टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनके अलावा भी कई महिला क्रिकेटर्स हैं जिनके खेल पर आगे भी नजर रहेगी। जैसे ऋचा घोष, शेफाली वर्मा, जेमिमा रॉड्रिग्स।

टी20 वर्ल्ड कप के बाद अब भारत में महिला इंडियन प्रीमियर लीग (डब्ल्यूआईपीएल) शुरू होने हो चुका है। यहां ऑस्ट्रेलिया की विश्व विजेता टीम की वे सभी महिला क्रिकेटर कहीं भारतीय खिलाड़ियों के साथ तो कहीं आमने-सामने होंगी। यानी (घरेलू समेत सभी) भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए यह एक बेहतरीन मौका होगा जब वे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स को करीब से देख कर उनकी तरह ही प्रोफेशनल बनने की कोशिश कर सकेंगी। इसमें फिटनेस भी अहम होगा क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम वर्ल्ड कप जीत की दो हैट्रिक बना चुकी है तो इसके पीछे जहां बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग तीनों ही क्षेत्रों में उनकी मजबूती है, वहीं इसमें बड़ी भूमिका उनके खिलाड़ियों की फिटनेस की भी है।

– आनंद मिश्र

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