इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत…क्या बात!

वित्तीय वर्ष की अंतिम दिवस को इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हुई और इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिये एक नया क्रिकेट उत्सव शुरु हो गया। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस क्रिकेट उत्सव का इंतजार किसी धार्मिक पर्व त्योहार के समान ही हर कोई करता है।कहना नहीं होगा कि इसका आर्थिक लाभ क्रिकेटरों के अलावा प्रायोजकों, भारतीय क्रिकेट बोर्ड को भी प्राप्त होगा। सभी मालामाल होंगे। इस लीग का एक और सबसे बड़ा एक लाभ यह होगा कि फिर से देश के कोने-कोने में छिपी प्रतिभायें सामने आयेंगी। यह और बात है कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में आने के लिये दो-तीन लीग खेलने ही होते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि  कई असफल स्टार  खिलाड़ी अपनी खोयी प्रतिष्ठा पाने के लिये संघर्षरत होते हैं।

कुछ  सफल स्टार खिलाड़ी अपनी प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिये टीम में चयनित होते हैं। जीत पाने का दबाव इतना अधिक कि टीम मैनेजमेंट दोनों प्रकार के खिलाड़ियों को पहली वरीयता देता है। नये खिलाड़ियों के साथ त्रासदी यह है कि वो उपरोक्त दोनों प्रकार की खिलाड़ियों की तरह बहुत कम दोहराये  जाते हैं। इसके बावजूद एक लाभ जो सबसे बड़ा यह होता है कि उन्हें पारिश्रमिक के रूप में एक बड़ी राशि मिलती है। विदेशी खिलाड़ियों की बात की जाये तो  विदेशों से केवल नामचीन खिलाड़ी ही आते हैं। आलम यह कि जो विदेशी खिलाड़ी अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुये भारत का दौरा करते हैं तो उन्हें यहां की खान-पान…आबोहवा में अभ्यस्त होने की बड़ी समस्या होती है। लेकिन यही खिलाड़ी जब भारत में इंडियन प्रीमियर लीग खेलने आते हैं तो बड़े मजे से लगभग दो महिने गुजार लेते हैं। खूब पसीना भी बहाते हैं और रात में ग्लैमरस पार्टियों का दिल खोलकर आनंद भी उठाते हैं।

यह कहा जाये कि वो भारतीय वातारवरण और दर्शकों के मिजाज से बेहतर तालमेल बिठा लेते हैं तो कतई गलत न होगा।इस वर्ष सभी टीमों में स्टार खिलाड़ियों की परंपरागत भरमार है। कुछ इधर से उधर हो गये हैं तो कुछ उधर से इधर आ गये हैं। पेशेवर दृष्टिकोण  का आलम यह कि मैदान पर जबर्दस्त प्रतिद्वंदिता देखने को मिलता है। कुछ वैसा ही जैसा भारत-पाकिस्तान या आस्ट्रेलिया –इंगलैंड के मैचों में देखने को मिलता है। एक ही देश के लिये खेलते हैं  लेकिन नीलामी के बाद अलग-अलग टीमों में स्थान पाकर खेलते हुये मैदान में जिस प्रकार की शारिरीक भाव-भंगिमा दर्शाते हैं उस पर यकीन नहीं होता कि ये खिलाड़ी एक ही देश के लिये खेलते आये हैं।

इस बार भी दस टीमों यथा गुजरात टायटंस, चेन्नाई सुपरकिंग्स,रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर,कोलकाता नाईट राईदर्स, सनराईजर्स हैदराबाद,देल्ली कैपीटल्स,मुंबई इंडियंस,लखनऊ सुपर जियांट्स,पंजाब किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच भिड़ंत होगी। इन टीमों के बीच कुल मिलाकर फाईनल सहित लगभग 71  मैच चिदंबरम स्टेडियम, एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम , ईडेन गार्डेन ,राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम,अरूण जेटली स्टेडियम,वानखेड़े स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम,एकाना स्टेडियम,आई एस बिंद्रा स्टेडियम,सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले जायेंगे। हर टीम का अपना होमग्राउंड है जहां के दर्शक अपनी टीम का जबर्दस्त समर्थन करते दिखायी देंगे। हालांकि अपने होम ग्राउंड पर होम टीम की जीत का रेकार्ड देखेंगे तो आप पायेंगे कि चेन्नाई सुपर किंग्स का सबसे बेहतर रेकार्ड है जिसने  होम ग्राउंड में अब तक खेले गये अपने 56 मैचों में केवल 40(71.42%) में जीत हासिल की है।

वैसे, इंडियन प्रीमियर लीग शुरु होने से  एक और महत्वपूर्ण बात यह हुई कि सबसे बड़ी राहत भारतीय क्रिकेट टीम को मिली । जिसने अभी हाल ही में आस्ट्रेलिया के हाथों बुरी हार का सामना किया। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच एक दिवसिय मैचों की सीरीज शुरु हुई तो भारतीय क्रिकेट टीम से बहुत उम्मीदें लगायी गयी थी। पहले एक दिवसिय मैच में आस्ट्रेलिया ने मानों आत्मसमर्पण कर दिया और उनकी शर्मनाक हार से सीरीज की शुरुआत हुई। उसके बाद जबर्दस्त तरीके से आस्ट्रेलिया ने वापसी की और मानों कंगारूओं ने भूखे शेर की तरह भारतीय टीम पर हमला किया और उन्हें हर विभाग में  पराजित करने में सफल हुई। समाप्त हुई और इसी के साथ भारतीय बल्लेबाजों की पोल खुल गयी।

कागज पर भारतीय टीम क्रिकेट के हर क्षेत्र (क्षेत्ररक्षण, बल्लेबाजी और गेंदबाजी ) में आस्ट्रेलिया से बीस दिखाई दे रही थी। माना जा रहा था कि यह भारतीय टीम बेहद मजबूत  है और आस्ट्रेलिया का जमकर मुकाबला करेगी। एक तो हमारी जमीन,हमारे दर्शक भारतीय टीम के साथ अर्थात हर तरफ से भारतीय टीम को पूरा समर्थन भारतीय टीम को और क्या चाहिये था ! दूसरी तरफ आस्ट्रेलिया टीम भी मजबूत तो थी ही, बस उन्हें स्थानीय दर्शकों का समर्थन नहीं था। यह मेजबान देश को अपने देशवासियों का समर्थन मिलना एक स्वाभाविक सी बात होती है।यह कहा जाये कि इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों की बरसात में  भारतीय टीम की हार धुल गयी, तो गलत नहीं होगा। खैर, इंडियन प्रीमियर लीग में अपने देश की सरहदों को पार करके आये विदेशों और अपने देश के क्रिकेट योद्धाओं , आपका हार्दिक स्वागत है।

–  राजीव रोहित

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