ब्रिटेन जैसी कार्रवाई भारत में कब?

पाकिस्तानी मुस्लिमों का गैंग, जिसे ‘ग्रूमिंग गैंग’ कहा जाता है, समूचे ब्रिटेन में गैर मुस्लिम लड़कियों का यौन शोषण कर रहा है। वहां की सरकारें जागी है और इन मामलों में तेजी से कार्रवाई कर रही है। भारत को भी ऐसे मामलों के लिए कड़ा कानून बनाना चाहिए।

भारत में जिस तरह लव जिहाद को एक वर्ग द्वारा काल्पनिक घटना बताया जाता है। कुछ ऐसा ही लम्बे समय तक यूके के अंदर भी होता रहा। वहां के लोगों ने ग्रूमिंग गैंग को गम्भीरता से नहीं लिया लेकिन अब वहां की सरकार कह रही है कि ग्रूमिंग गैंग के आतंक को खत्म करने के लिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं। वह अब इस बात पर यकीन करते हैं कि ग्रूमिंग गैंग ब्रिटेन के बच्चों और लड़कियों के साथ संगठित तौर पर यौन अपराधों में शामिल है। ब्रिटेन की सरकार के अनुसार वे ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई में राजनीति को आड़े नहीं आने देंगे। ग्रूमिंग गैंग के आतंक को खत्म करने के लिए प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने वहां पुलिस टास्क फोर्स का ऐलान कर दिया है। इसमें टास्क फोर्स के साथ नेशनल हॉटलाइन और डाटा एनालिटिक्स सेंटर स्थापित करने का भी प्रस्ताव है

क्या है ग्रूमिंग गैंग

ब्रिटेन के अंदर यह समुदाय विशेष का गिरोह है। जिसमें अधिक संख्या पाकिस्तानी मुस्लिम युवकों की है, जो गैर मुस्लिम लड़कियों को अपना निशाना बनाता है। डॉ. एला हिल नाम की एक पीड़िता का इंटरव्यू यू ट्यूब पर उपलब्ध है, जिसमें वह खुलासा करती हैं कि मुस्लिम गैंग ने 40 साल में कम से कम 5 लाख ब्रिटिश लड़कियों के साथ बलात्कार किया है।

बन गया टास्क फोर्स

ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ने अपने चुनावी सभाओं में इस बात का उल्लेख विशेष रूप से किया था कि महिलाओं से जुड़ी यौन हिंसा का राष्ट्रीय आपातकाल की तरह ही उपचार होना चाहिए। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया था कि वे ग्रूमिंग गैंग से सख्ती से निपटेंगे। उन्होंने ब्रिटेन की जनता से किया अपना वादा पूरा किया। प्रधान मंत्री सुनक ने टास्क फोर्स का ऐलान करते हुए कहा है कि ग्रूमिंग गैंग का आतंक खत्म करने के लिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं। बच्चों और लड़कियों के साथ हो रहे यौन अपराधों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सुनक ने कहा कि पिछले साल मैंने कहा था कि अगर मैं प्रधान मंत्री बनूंगा तो ग्रूमिंग गैंग को समाप्त करने के लिए कड़े फैसले लूंगा। मैं इसके लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाने का ऐलान करता हूं। इसमें विशेषज्ञ पुलिस वाले होंगे जो बच्चों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर रिपोर्ट करेंगे और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाएंगे। सुनक ने कहा, मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा, जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता है कि हमारे बच्चे ऐसे माहौल में बड़े हो रहे हैं जो पूरी तरह सुरक्षित हो। यही कारण है कि मैं ग्रूमिंग गैंग पर नकेल कसने के लिए सरकार द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू करने जा रहा हूं। इसको हमेशा के लिए खत्म करने के लिए जो कुछ भी करना होगा, हम करेंगे।

ऋषि सुनक ने गैंग द्वारा ‘बच्चों को शिकार’ बनाने वाली जिन घटनाओं का जिक्र किया उसमें टेलफोर्ड का विशेष रूप से नाम लिया। टेलफोर्ड एक लाख 70 हजार की आबादी वाला ब्रिटेन का एक छोटा सा शहर है जहां बीते साल जुलाई 2022 में एक रिपोर्ट सामने आयी थी। यह रिपोर्ट तीन साल की रिसर्च के बाद तैयार की गयी थी जिसमें बताया गया था कि चालीस साल में 1000 लड़कियों का सेक्सुअल एक्सप्लॉयटेशन किया गया। इन लड़कियों को जानबूझकर किसी योजना के तहत अपने प्रेमजाल में फंसाया गया और उनका जीवन बर्बाद कर दिया गया।

ब्रिटेन की गृह सचिव का भी आया बयान

ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने एक ब्रिटिश समाचार चैनल से साक्षात्कार में ग्रुमिंग गैंग के सम्बंध में खुलकर बात की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह ब्रिटिश पाकिस्तानियों का गैंग है, जो छोटी बच्चियों को ड्रग्स देता है और ब्रिटिश लड़कियों के साथ बलात्कार करता है। उन्होंने साक्षात्कार में बताया कि ब्रिटिश-पाकिस्तानी मुस्लिम यूके में बाल शोषण गिरोह चला रहे हैं। हम ब्रिटेन में जो देख रहे हैं, वह रूकने का नाम नहीं ले रहा, इसमें कमजोर, गोरी लड़कियों का ब्रिटिश पाकिस्तानियों के गिरोहों द्वारा पीछा किया जाता है। उनके आस-पास प्रेम जाल रचा जाता है और उनका बलात्कार किया जाता है। बाल शोषण वाले ग्रूमिंग गिरोह के लिए काम करने वाले पुरुष बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। ब्रिटेन के अंदर देखा गया है कि ऐसे अपराधों में शामिल पाकिस्तानी मुस्लिम गिरोहों को लेकर चुप्पी एक संस्कृति बन गई है। यह आज के समय में ब्रिटेन में देखे गए सबसे बड़े अन्यायों में से एक है। जिसे खत्म करने का संकल्प अब ब्रिटेन में लिया जा चुका है। जिस सक्रियता के साथ ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ ब्रिटेन सक्रिय है, सुनक सरकार की इस इच्छा शक्ति की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।

डॉ. एला हिल भी पाकिस्तानी ब्रिटिश मुस्लिम की शिकार बनी थी। जो उसकी जिंदगी में ब्वॉय फ्रेंड बनकर दाखिल हुआ था। ग्रूमिंग गैंग का पूरा आपरेशन ‘लव जिहाद’ से काफी मिलता जुलता है। भारत के अंदर लव जिहाद के सैकड़ों उदाहरण सामने आ चुके हैं। आधा दर्जन से अधिक उपन्यास इस समस्या को केंद्र में रख लिखे गए हैं। कई फिल्में बनी हैं। अब भारत में भी इसे लेकर एक सख्त कानून की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

पूरे ब्रिटेन में फैला है जहर

एक समाचार पत्र में ग्रूमिंग गैंग से जुड़ा यह प्रसंग प्रकाशित हुआ है। जिसमें बताया गया कि 16 साल की लूसी लोव अपने ही घर में मां और बहन के साथ मृत पाई गई। घर में लगी आग में तीनों झुलस गए थे। लूसी इस दौरान दूसरी बार प्रेग्नेंट थी। इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि इस नाबालिग को प्रेग्नेंट करने वाला अजहर अली महमूद है और उसी ने लूसी के घर पर आग लगाई थी। लूसी केस के बाद वेस्ट मरसिया पुलिस ने जब ‘ऑपरेशन चैलिस’ चलाया उसके बाद इस बात का खुलासा हुआ कि लूसी एक षड्यंत्र का शिकार हुई थी।

यह गैंग जहर की तरह पूरे ब्रिटेन में फैल चुका है। हजारों बच्चियां इसकी शिकार हुई हैं। गिनती के शहर बचे होंगे, जहां पर इस गैंग की कहानियां मौजूद नहीं हैं। ब्रिटेन की सरकार कह रही है कि 40 वर्षों में ब्रिटेन के अंदर लाखों लड़कियों का बलात्कार हुआ है, उनमें अधिक संख्या ब्रिटेन की स्थानीय और गोरे रंग की लड़कियों की हैं। जिन लड़कों ने इन्हें शिकार बनाया है, उनमें अधिक संख्या पाकिस्तानी मुस्लिमों की है।

गैंग की एक अन्य पीड़िता का साक्षात्कार दो साल पहले आया। उसका बयान इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला था। उसने बताया कि तीन साल के दौरान उसके साथ 150 लोगों ने बलात्कार किया। कई बार तो एक दिन में 10-12 लोग भी उसके साथ बलात्कार करते थे। वह मात्र 13 साल की उम्र में ग्रूमिंग गैंग की शिकार हुई थी।

गिरोह के सदस्य कैसे करते हैं काम

ब्रिटेन के एक राज्य वेस्ट यॉर्कशायर में गैंग के 20 सदस्यों को सजा सुनाई गई। इतनी बड़ी संख्या में ब्रिटेन के अंदर मौजूद गिरोह के सदस्य काम कैसे करते हैं? वे अपने काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए छोटी उम्र की कमजोर लड़कियों को चुनते हैं। पहले उपहार देकर उनसे दोेस्ती करते हैं। उन्हें अपने साथ खास महसूस कराते हैं। इस तरह उन बच्चियों के साथ रिश्ता बनाते हैं। उन्हें भरोसा देते हैं कि वे प्यार करते हैं, उनकी चिंता करते हैं। जब बच्चियां उन पर पूरी तरह विश्वास करने लगतीं हैं तो ये धीरे-धीरे उन्हें जाल में फंसाते हैं। उनका शोषण बढ़ जाता है। उसके बाद ये लड़कियां पार्टियों में जाती हैं। उन्हें शराब और ड्रग्स की लत लगाई जाती है। फिर उन्हें अलग-अलग लड़कों और आदमियों के साथ सम्बंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें शराब, ड्रग्स इसीलिए दिया जाता है, ताकि वे नशे में रहें और उन्हें नियंत्रित करना आसान हो। ये लड़कियां जब तक अपने यौन शोषण को समझ पाती हैं, बहुत देर हो चुकी होती है। कई बार उनकी तस्करी कर दी जाती है। उन्हें ब्रिटेन से बाहर बेच दिया जाता है।

जिन्हें शिकार बनाया जाता है, उन लड़कियों की उम्र आम तौर पर कम होती है लेकिन कई बार यह महज 11 साल ही होती है। यदि कोई लड़की इनके जाल से निकलना चाहे तो उसे मारा पीटा भी जाता है। परिवार को खत्म करने या बम से उड़ा देने की उन्हें धमकी दी जाती है। एक बार गू्रमिंग गैंग की शिकार जो भी लड़की हुई। वह उसके बाद सिर्फ सेक्स डॉल बनकर रह जाती है। वे बार-बार प्रग्नेंट होती हैं। उनका एबॉर्शन होता है। कुछ बच्चियों ने बलात्कार के बाद गर्भ ठहरने के पश्चात् अपने बच्चे को जन्म दिया है लेकिन उन्हें नहीं पता कि बच्चे का बाप कौन है? ऐसे गैंग पूरे ब्रिटेन में ही फैला हुए हैं, लेकिन रोशडेल, रॉदरहैम और टेलफॉर्ड में इनकी कहानियां और सक्रियता सबसे अधिक है।

सिख लड़कियां भी हुई शिकार

ब्रिटेन की सिख पुनर्वास चैरिटी की एक लगभग पांच साल पुरानी रिपोर्ट में यह कहा गया है कि ब्रिटेन में सक्रिय पाकिस्तानी गैंग द्वारा सिख महिलाओं का यौन शोषण किया गया। स्थानीय पुलिस ने राजनीतिक वजहों से इन शिकायतों को लगातार नजरअंदाज किया। जब समुदाय विशेष के खिलाफ शिकायत हो तो ब्रिटेन की पुलिस भी सतर्कता बरतती है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि लड़कियों को रिझाने के लिए सिख बहुल क्षेत्रों या स्कूलों में गैंग के सदस्य अच्छे कपड़ों और महंगे वाहनों से तफरीह करते हैं। उनके निशाने पर सिख लड़कियां होती हैं। सिख समुदाय के नेताओं का कहना था कि यह समस्या 1960 के दशक में शुरू हुई थी। लेकिन 2012 में इस गिरोह का एजेंडा जगजाहिर हो गया।

इस रिपोर्ट में इस बात का विशेष तौर पर उल्लेख मिलता है कि इसमें किसी भी व्यक्ति, समुदाय, संस्कृति या विश्वास को आहत नहीं किया गया है, लेकिन जो तथ्य  है वह सामने रखने का प्रयास किया गया हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि इस सत्य को समझे बिना इसका समाधान सम्भव नहीं है।

भारत में यह है ठोस कदम उठाने का सही समय

ग्रूमिंग गैंग की ही तरह भारत में भी लव जिहाद के सैकड़ों उदाहरण सामने हैं, जहां योजना बनाकर समुदाय विशेष के युवकों द्वारा किसी हिंदू, ईसाई, जैन या फिर सिख लड़की को प्रेमजाल में फंसाया गया है। इसके बाद उनके साथ अत्याचार की कहानियां भी सामने आती हैं। श्रद्धा वॉलकर का केस तो पूरे देश ने देखा और सुना है। ऐसी दर्जनों कहानियां और हैं।

साहित्य और मीडिया में इन मुद्दों पर थोड़ी खुलकर अब बात हो पा रही है। कुछ राज्यों में कानून भी बने हैं लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर कुछ ठोस प्रयास भारत में अब करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, जैसा ब्रिटेन में हो रहा है। अब भारत में भी इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर डाटा सेंटर, काउंसिलंग कार्नर, टास्क फोर्स जैसी व्यवस्था करने की जरूरत है। कब तक इस मुद्दे पर हम मजबूत इच्छाशक्ति परिचय नहीं देने से बचते रहेंगे, सिर्फ इसलिए क्योंकि इसमें अपराधी का पक्ष समुदाय विशेष से आता है।

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