भारत सरकार के द्वारा 2000 रुपए के नोट वापस लिए जाने के फैसले के बाद से ही देश के अंदर करप्ट राजनेताओं के खेमे में हड़कंप मच गया है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के तहत आने वाले एक सरकारी इमारत के अलमारी के अंदर से 2 हजार रुपए के करीब 7,298 नोट यानी एक करोड़ 45 लाख 96 हजार रुपये बरामद होने का समाचार मिला है। इसके अलावा, 500 के 17 हजार 107 नोट मिले, जिनका मूल्य 85 लाख 53 हजार 500 रुपये है। साथ ही एक किलो वजनी सोने की एक सिल्ली भी मिली, सिल्ली पर ‘मेड इन स्विट्जरलैंड’ लिखा है। ये इतिहास का ऐसा पहला मामला है जब किसी सरकारी इमारत के अंदर से इतनी बड़ी रकम पकड़ी गई है।
इस घटना से समझ में आ जाता है कि किन लोगों ने 2 हजार के नोट जमा कर रखे हैं और क्यों रबीश कुमार एंड कंपनी लगातार 2 हजार रुपए के नोट बंद होने पर आंसू बहा रही है।
दरअसल नोटबंदी के वक्त सरकार ने 2 हजार रुपए के 6 लाख 60 हजार करोड़ रुपए की कीमत के नोट छापे थे। साल 2018 में भारत सरकार ने 2 हजार के नोट छापने बंद कर दिए और बैंकों को ये निर्देश दिया गया कि 2 हजार रुपए के नोट बैंक जमा तो करेगा लेकिन किसी को भी जारी नहीं करेगा। इस तरह एटीएम से भी 2 हजार रुपए के नोट निकलने बंद हो गए तब भी देश के अंदर इस पर काफी चर्चा हुई थी।
यानी 6 लाख 60 हजार करोड़ की कीमत के 2000 रुपए के नोट सरकार ने जारी किए थे और 3 लाख करोड़ रुपए के नोट बैंकों में जमा हो गए। लेकिन 3 लाख 60 हजार करोड की कीमत के 2000 रुपए के नोट इस वक्त देश के करप्ट लोगों की तिजोरी में मौजूद है।
अब सरकार ने ये कहा है कि बैंक सिर्फ 2000 रुपए के 10 नोट यानी सिर्फ 20 हजार रुपए ही एक बार में बैंक में जमा करवा सकते हैं अगर कोई बार बार 2000 रुपए के नोट जमा करवाने आ रहा है तो ये जांच होगी कि आखिर इतना पैसा आया तो कहां से आया ?
एक सवाल ये भी उठाया जा रहा है कि जब 2000 रुपए के नोट बंद करने थे तो फिर आखिर 2000 के नोट सराकर ने क्यों छापे थे। दरअसल जब नोटबंदी की गई तो देश के अंदर कैश की कमी हो गई थी यही वजह है कि कैश क्रंच दूर करने के लिए 2 हजार के नोट छापना मजबरी हो गई थी लेकिन अब सही मौके पर इस बड़े नोट को वापस लिया गया है।
एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि इसी साल नवंबर और दिसंबर में कई राज्यों में अहम चुनाव होने जा रहे हैं। और इन चुनावों में 2000 रुपए के नोटों का इस्तेमाल होने जा रहा था। अभी कर्नाटक में कांग्रेस पर ये आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने 2000 रुपए के नोट देकर एक एक वोट खरीद लिया। तो अब 2000 के नोट की वापसी से नोट के बदले वोट पर भी हंटर चलेगा।
साल 2017 में यूपी के अंदर बीजेपी को मिले ऐतिहासिक बहुमत में 2016 की नोटबंदी का भी योगदान बहुत बड़ा था क्योंकि तब यूपी के भ्रष्ट नेताओं कि तिजोरियां खाली हो गईं और वो ना वोट खरीद सके और ना ही शराब बांट पाए।