सेवा विवेक : स्वावलम्बन, रोजगार और ग्रामीण विकास

विवेक समूह द्वारा संचालित सेवा विवेक संस्था आदिवासी महिलाओं के स्वावलम्बन की दिशा में व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। संस्था के कार्यों के विषय में प्रधान मंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में गौरवगान किया था।

सेवा विवेक सोशल सोसाइटी आदिवासी वन महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए पालघर जिले में आदिवासी महिलाओं को बांस शिल्प प्रशिक्षण प्रदान करती है।

आज पालघर जिले के बांस के हस्तशिल्प से बने उत्पाद विश्व बाजार में बिक रहे हैं। पालघर जिले के कई गांवों में अमेजॉन, फ्लिपकार्ट पर दिखने वाला बांस, वीटा का पेन स्टैंड, बांस से बनी राखी, मोबाइल होल्डर, मेकअप बॉक्स या कई छोटे-बड़े सामान बनते हैं। कई उत्पाद जो आदिवासी भूमि पर उत्पादित होते हैं और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए उपयोगी होते हैं, अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

सेवा विवेक के माध्यम से पालघर जिले के विभिन्न गांवों में उत्पादित सामान भी ऑनलाइन बाजार में उपलब्ध हैं। विवेक संस्था ने बांस से कई उपयोगी और सजावटी सामान बनाने में आदिवासी महिलाओं को प्रशिक्षण सेवाएं प्रदान की हैं। सेवा विवेक सामाजिक संगठन में प्रशिक्षित 10 से 12 महिलाएं और फिर प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित सैकड़ों आदिवासी महिलाओं को इन वस्तुओं को बनाने का प्रशिक्षण दिया।

सेवा विकास संस्थान ने 2014 से अपना काम शुरू किया, इस विचार से प्रेरित होकर कि महिलाएं सशक्त हैं और परिवार और समाज सशक्त हैं, समाज सशक्त है और राष्ट्र सशक्त है। आदिवासी महिलाओं को रोजगार मिलने से ही कुपोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा की समस्या खत्म होगी। इस विचार से रोजगार सृजित करने का प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्र के सशक्त होने के लिए आदिवासी अंतिम तत्व हैं और आदिवासी महिलाओं को भी सशक्त होना चाहिए। इसी उद्देश्य को लेकर संगठन आगे बढ़ रहा है।

सेवा विवेक सामाजिक संस्था कई वर्षों से महिला सशक्तीकरण के लिए पहल की है। ऐसी महिलाओं को बांस हस्तशिल्प का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। पालघर जिले की आदिवासी महिलाओं को बांस हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और अब तक सैकड़ों से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। संस्था द्वारा माल बनाने के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराया जाता है, जबकि तैयार माल की बिक्री के लिए बाजार तैयार किया गया है और आदिवासी महिलाओं को माल की बिक्री से अच्छी आमदनी हो रही है।

अब ये सामान ऑनलाइन बाजार में उपलब्ध होने से इन वनवासी आदिवासी महिलाओं को काफी रोजगार मिलेगा। इस मांग का सीधा असर पालघर जिले की आदिवासी महिलाओं के रोजगार सृजन पर पड़ा है और प्रशिक्षण के बाद उन्हें घर के दैनिक कामकाज की देखरेख के बाद बांस का काम कर रोजगार का बेहतरीन अवसर मिला है. जैसे-जैसे महिलाओं को अच्छा रोजगार मिल रहा है, वे घर की जिम्मेदारी उठा रही हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हैं।

पिछले वर्ष सेवा विवेक के कार्यों की पूर्व राष्ट्रपति एवं महामहिम राज्यपाल ने सराहना की थी। हस्तकला में प्रशिक्षित आदिवासी महिलाओं को पूर्व राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया था। इससे आदिवासी समाज में महिलाओं का विश्वास बढ़ा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संस्था के कार्य का गौरव ‘मन की बात’ कार्यक्रम में किया, फिर खुद ट्विट करते हुए संस्था के कार्यों का गौरव किया है।

                                                                                                                                                                                              निर्मला दांडेकर 

 

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