सेवा विवेक : स्वावलम्बन, रोजगार और ग्रामीण विकास

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विवेक समूह द्वारा संचालित सेवा विवेक संस्था आदिवासी महिलाओं के स्वावलम्बन की दिशा में व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। संस्था के कार्यों के विषय में प्रधान मंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में गौरवगान किया था।

परिवर्तन का शिल्पकार विहिप का तलासरी प्रकल्प

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विपरीत परिस्थितियों के बीच कार्य करने की जिजीविषा और समाज के लिए कुछ सकारात्मक करने की दृढ़ इच्छा का परिणाम है, विहिप का तलासरी प्रकल्प। यहां से निकलकर हजारों बच्चे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। यह प्रकल्प वनवासी बच्चों में पारम्परिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए जीवन पथ पर आगे बढ़ने के कौशल का निर्माण कर रहा है।

अंधेर नगरी चौपट राजा

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पालघर जिला उन सभी नागरिक समस्याओं से त्रस्त है, जिनसे देश का कोई आम पिछड़ा और विकासशील जिला ग्रसित होता है। इनके समाधान के लिए किए जाने वाले प्रशासनिक प्रयास ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ साबित हो रहे हैं।

नालासोपारा में प्रति शनि शिंगणापुर

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पालघर जिला अपने ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों के लिए विख्यात है। कई प्राचीन मंदिरों के अलावा यहां पर बहुतेरे महात्माओं के सिद्ध स्थल भी हैं। यहां के मनोरम वातावरण और धार्मिक भाव से भरे माहौल ने हर युग में लोगों की आध्यात्मिक पिपासा को पूर्ण किया है। कोंकणी और केरल…

मूलभूत सुविधाओं का अकाल

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एक लम्बे संघर्ष के बाद ठाणे जिले का विभाजन कर पालघर बना। तब लोगों को लगा कि क्षेत्र के आदिवासी लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो जाएगा, लेकिन वहां की स्थिति जस की तस बनी हुई है। अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण लोग दुखी हैं। कई वर्षों के संघर्ष…

भाजपा और मिशन 2024

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आपसी गुटबाजी और बाहरी लोगों को कमान देने के कारण पालघर में भाजपा की यह स्थिति हुई है। निर्णय लेने के सूत्र एक जाति विशेष में सिमट कर रह गए हैं। इस पर व्यापक तरीके से ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि वहां पर फिर से भगवा लहरा सके। भारतीय…

प्रदूषित होता पालघर

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बाहर से देखने पर पालघर जिला हरियाली से भरा लगता है, परंतु बढ़ती जनसंख्या और वृक्षों की कटाई के कारण यह जिला भी बड़ी तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है। इस दिशा में व्यापक पहल किए जाने की आवश्यकता है। पालघर जिले में वन क्षेत्र है। पहाड़, नदी, समुद्र…

जल संकट से कब मिलेगी मुक्ति?

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पालघर जिला अपनी खुबसूरत छटा के लिए तो प्रसिद्ध है ही, धार्मिक स्तर पर भी इस जिले की काफी मान्यता है। यह जिला जल संकट का सामना कर रहा है। साथ ही, वृक्षों की अनियमित कटाई के कारण पर्यावरण पर खतरा मंडराने लगा है। वसई-विरार शहर मनपा क्षेत्र की जनसंख्या…

कुपोषण के शिकार आदिवासी बच्चे

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मुंबई से सटे पालघर जिले के जनजातीय क्षेत्र में कुपोषण एक गम्भीर समस्या है। इसका सर्वप्रमुख कारण महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार न मिल पाना है। इस दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को जन-जन तक पहुंचाना अत्यावश्यक है। महाराष्ट्र सबसे अमीर भारतीय राज्य है। हालांकि…

मुख्यालय जरूरी या जिला अस्पताल?

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पालघर जिले में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए आलीशान भवन बनाए गए हैं, जबकि जिले में एक कायदे का जिला अस्पताल तक नहीं बन पाया है। एक तरफ देश की स्वतंत्रता के 75 साल हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर यहां के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मुंबई या गुजरात…

औद्योगिक विकास की राह पर अग्रसर

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उद्योग-सातवीं और आठवीं पंचवर्षीय योजना के मूल उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के प्रयास थे। इस योजना के तहत छोटे और बड़े पैमाने के व्यवसायों को समान रूप से प्रोत्साहित किया गया। पालघर जिले में हमारे पास एक विकसित महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी), तीन सरकारी सहकारी औद्योगिक…

संस्कृति, सभ्यता और विशेषता

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मुंबई से सटा पालघर जिला अपनी भौगोलिक विशेषताओं एवं भविष्य की अपार सम्भावनाओं के कारण अपना विशेष स्थान रखता है। परंतु जिले के दूरदराज के क्षेत्रों तक विकास की समुचित लहर का पहुंचना अभी बाकी है। यहां की ‘वार्ली’ चित्रकला भी विश्व प्रसिद्ध है। यह आम मान्यता है कि जहां…

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