प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यालय को जनसरोकार से सीधे जोड़ दिया है और आसानी से जनता की पहुंच में ला दिया है। विगत 9 वर्षों के कार्यकाल के दौरान पीएमओ के उल्लेखनीय कार्यों एवं उपलब्धियों के चलते देश के करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया हैं।
नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 14वें प्रधान मंत्री के रूप में पदभार संभाला। तब से नौ वर्षों में उनके प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं।
पीएमओ की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक कई प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत रही है, जैसे कि प्रधान मंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) और प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई)। इन योजनाओं ने लाखों भारतीयों विशेषकर गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायता की है।
पीएमओ ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) और राष्ट्रीय डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन (एनडीईएम) जैसे कई सुधारों के कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन सुधारों ने भारत में व्यवसायों के संचालन को आसान बना दिया है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का कार्य किया है।
इसके अलावा पीएमओ ने शासन और पारदर्शिता में सुधार के लिए भी कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, पीएमओ ने चूर्ॠेीं प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो नागरिकों को सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देता है। पीएमओ ने
ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं तक पहुंच को भी आसान बना दिया है।
पीएमओ की उपलब्धियों के कुछ विशिष्ट उदाहरण दिए गए हैं –
प्रधान मंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), इस योजना ने गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों सहित 400 मिलियन से अधिक भारतीयों को बैंक खाते प्रदान किए हैं। इससे भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में मदद मिली है और लाखों लोगों को औपचारिक वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिली है।
प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई)
इस योजना ने 40 मिलियन से अधिक लोगों को प्लंबिंग, वेल्डिंग और सिलाई जैसे विभिन्न कौशल में प्रशिक्षित किया है। इससे नौकरियां पैदा करने और लाखों भारतीयों की रोजगार क्षमता में सुधार करने में मदद मिली है।
प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई)
इस योजना ने 80 मिलियन से अधिक महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए हैं। इससे जलाऊ लकड़ी और मिट्टी के तेल के उपयोग को कम करने में मदद मिली है, जिससे लाखों महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)
इस सुधार ने राज्य और केंद्रीय करों के जटिल जाल को एकल, राष्ट्रव्यापी कर से बदल दिया है। इससे भारत में व्यवसायों के लिए काम करना आसान हो गया है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिली है।
दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी)
इस सुधार ने दिवाला मामलों को हल करने के लिए एक तेज और अधिक कुशल प्रक्रिया बनाई है। इससे भारत में क्रेडिट माहौल को बेहतर बनाने में मदद मिली है और व्यवसायों के लिए आवश्यक धनराशि प्राप्त करना आसान हो गया है।
राष्ट्रीय डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन (एनडीईएम)
इस मिशन का लक्ष्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। इससे नौकरियां पैदा होंगी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
पीएमओ की उपलब्धियां चुनौतियों से भरपूर रही हैं। उदाहरण के लिए, जीएसटी कार्यान्वयन को कुछ शुरुआती समस्याओं का सामना करना पड़ा है। हालांकि, पीएमओ ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठाए हैं और जीएसटी अब काफी हद तक सुचारू रूप से चल रहा है। भारत में प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के समन्वय और निगरानी के लिए जिम्मेदार केंद्रीय एजेंसी है। यह भारत के प्रधान मंत्री के लिए प्रशासनिक और निर्णय लेने वाली संस्था के रूप में कार्य करता है। पीएमओ का कामकाज स्थापित प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं द्वारा संचालित होता है। भारत में पीएमओ कैसे काम करता है इसका एक सिंहावलोकन यहां दिया गया है –
भूमिका और संरचना
पीएमओ भारत सरकार का सर्वोच्च कार्यालय है, जिसका नेतृत्व प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव करते हैं। इसकी प्राथमिक भूमिका नीति निर्माण, निर्णय लेने और सरकारी पहलों के कार्यान्वयन की देखरेख में प्रधान मंत्री की सहायता करना है। पीएमओ में विभिन्न प्रभाग और इकाइयां शामिल हैं जो प्रशासन, वित्त, रक्षा, विदेशी मामले, आर्थिक मामले और संचार जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञ हैं।
नीति निर्माण और निर्णय लेना
पीएमओ इनपुट प्रदान करने, अनुसंधान करने और विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों के साथ समन्वय करके नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्रधान मंत्री और अन्य मंत्रालयों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है, जिससे सूचना और प्रतिक्रिया के प्रवाह को सुविधाजनक बनाया जाता है। पीएमओ प्रस्तावों का विश्लेषण करता है, ब्रीफिंग नोट्स तैयार करता है और सूचित निर्णय लेने में प्रधान मंत्री की सहायता करता है।
समन्वय और निगरानी
पीएमओ विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करता है। यह समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सरकारी पहलों और प्रमुख कार्यक्रमों की प्रगति की निगरानी करता है। पीएमओ अंतर-मंत्रालयी और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान की निगरानी भी करता है और प्रधान मंत्री और राज्य सरकारों के बीच संचार की सुविधा प्रदान करता है।
हितधारकों के साथ संपर्क
पीएमओ राज्य सरकारों, विदेशी सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के लिए संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करता है। यह संचार का प्रबंधन करता है, बैठकों की सुविधा देता है और सरकारी नीतियों और पहलों से संबंधित मामलों पर इन हितधारकों के साथ समन्वय करता है।
संकट प्रबंधन
पीएमओ संकट प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपात स्थिति, प्राकृतिक आपदाओं या राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों के समय में, पीएमओ प्रतिक्रिया प्रयासों का समन्वय करता है और रणनीतिक दिशा प्रदान करता है। यह जानकारी एकत्र करने और प्रसारित करने, संसाधन जुटाने और राहत और बचाव कार्यों के समन्वय के लिए एक केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।
संचार और जनसंपर्क
पीएमओ प्रधान मंत्री और सरकार की संचार रणनीति का प्रबंधन करता है। यह मीडिया के साथ बातचीत करता है, सूचना प्रसारित करता है और जनसंपर्क गतिविधियों को संभालता है। पीएमओ का प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) सरकार की ओर से आधिकारिक बयान जारी करने, प्रेस विज्ञप्ति जारी करने और मीडिया ब्रीफिंग प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीएमओ की विशिष्ट कार्यप्रणाली और प्रक्रियाएं सत्ता में मौजूद सरकार और प्रधान मंत्री की प्राथमिकताओं के आधार पर भिन्न हो सकती हैं। पिछले कुछ वर्षों में पीएमओ अपनी मुख्य जिम्मेदारियों को बनाए रखते हुए बदलती जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुरूप ढलने के लिए विकसित हुआ है। कुल मिलाकर पीएमओ ने पिछले 9 वर्षों में कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इन उपलब्धियों ने लाखों-करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायता की है और भारत को अधिक समृद्ध और समावेशी देश बनाया है।