सेटेलाईट सिटी नवी मुंबई नागरिक संसाधनों के दम पर लगातार महाराष्ट्र के नम्बर वन का खिताब जीत रही है। 16 लाख की आबादी वाली यह महानगर पालिका स्वच्छता, जल प्रबंधन, घनकचरा व्यवस्थापन और नागरिक आरोग्य सुविधा के सर्वोच्च मानकों पर भारत में रहने लायक सर्वोत्तम शहरों में दूसरे स्थान पर पहुंच गई है। एक्सपर्ट इसके लिए लोकाभिमुख विकास को प्रमुख आधार मानते हैं।
लगातार बढ़ रही शहर की डिमांड
नवी मुंबई परिक्षेत्र में रोजगार और कारोबार के सर्वोत्तम इकोनॉमिक ड्राईवर जैसे जेएनपीटी पोर्ट, स्पेशल इकोनॉमिक जोन, एशिया की सबसे बड़ी बाजार मंडी एपीएमसी, सबसे बड़ी स्टील मंडी बीमा, ओएनजीसी जैसे बड़े उपक्रम हैं। साथ ही नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, न्हावा शेवा सी लिंक, वॉटर ट्रांसपोर्ट जेट्टी जैसे नए उपक्रम विकसित हो रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर तेजी से उभरते इस शहर में रोजगार और जीवन जीने के लिए एडवांस संसाधन मौजूद हैं जो नवी मुंबई को लिवेबल सिटी बनाते हैं। यहां स्वच्छता है, आरोग्य और शिक्षण सुविधाएं हैं, रोजगार के साधन और अफोर्डेबल मकान हैं, 24 घंटे पानी और परिवहन की उत्तम सुविधाएं हैं। यहां उद्योग-कारोबार लगाने के अवसर हैं इसलिए यहां हर कोई अपना आशियाना बसाने के लिए लालायित है। बीते 10 वर्षों में जिस अनुपात में शहरीकरण हुआ है उससे प्रभावित होकर दूसरे शहरों और राज्यों के लाखों लोग नवी मुंबई आ रहे हैं। इस शहर की डिमांड लगातार बढ़ रही है।
24 घंटे पानी, स्वच्छता और उत्तम आरोग्य सुविधा
नवी मुंबई शहर की समृद्धि का सबसे बड़ा आधार मोरबे डैम है जहां से 24 घंटे पीने के पानी की सप्लाई होती है। किसी शहर के बसने की पहली प्राथमिकता पानी है। नवी मुंबई महानगर पालिका ने खुद के स्वामित्व का जल स्रोत विकसित कर जलापूर्ति में स्वयं को आत्मनिर्भर बना लिया है। अपशिष्ट प्रबंधन एनएमएमसी का दूसरा महत्वाकांक्षी उपक्रम है। शहर में 6 ठिकानों पर अत्याधुनिक तकनीक से बने टर्शियरी ट्रीटमेंट प्लांट कार्यान्वित हैं, जहां प्रतिदिन 100 एमएलडी ट्रीटेड पानी निकलता है। यह नॉन ड्रिंकिंग वाटर आज औद्योगिक क्षेत्रों के साथ ही गार्डेनिंग और गैरेज की बड़ी जरूरतों को पूरा कर रहा है। डम्पिंग ग्राउंड तीसरा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है जो शहर में रोजाना पैदा हो रहे 450 मीट्रिक टन घनकचरा के प्रबंधन का माध्यम बन रहा है। हर घर शौचालय और घनकचरा प्रबंधन ने नवी मुंबई मनपा को स्वच्छता रैंकिंग में नम्बर वन की पायदान पर पहुंचा दिया है। साईंटिफिकल लैंड फिलिंग और लिचेट से कार्बन क्रेडिट तैयार करने के मामले में भी नवी मुंबई मनपा का उपक्रम दूसरे शहरों के लिए रोल मॉडल बन रहा है।
लक्ष्य सुविधायुक्त शहर, खुशहाल लोग
नवी मुंबई महानगर पालिका का लक्ष्य एक ऐसे सक्षम शहर का विकास करना है जहां जनता की जरूरतों के अनुसार सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों। शिक्षा, और आरोग्य की उत्तम सेवाएं उपलब्ध हों। स्वच्छता और पर्यावरण के लिए नागरिक सतर्क और समर्पित हों। नागरिकों के सहयोग से नवी मुंबई में यह अभियान सफल होगा।
-राजेश नार्वेकर, आयुक्त
सीमेंट की सड़कों ने बढ़ाई विकास की रफ्तार
नवी मुंबई, महाराष्ट्र का इकलौता मनपा शासित शहर है जहां की सभी सड़कें सीमेंट से बनी हैं। औद्योगिक क्षेत्र हो या सिडको जोन, नवी मुंबई महानगरपालिका ने अपने बजट से सभी आंतरिक और बाहरी सड़कों का कंक्रीटीकरण काम पूरा किया है। इन सीमेंट की सड़कों से न सिर्फ शहर का आवागमन सुधरा है बल्कि विकास की रफ्तार भी गतिमान हुई है। 111 नगरसेवकों वाली नवी मुंबई महानगरपालिका का मुख्यालय ग्रीन बिल्डिंग और वहां 110 फुट फ्लैग पोल पर लहराता तिरंगा भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
स्कूल, उद्यान और तालाब विजन ने बढ़ाई गुणवत्ता
महाराष्ट्र के शहरी और ग्रामीण इलाकों में नवी मुंबई इकलौता शहर है जहां मनपा द्वारा संचालित 4 सीबीएसई विद्यालय, और 75 एमएसएचएससी बोर्ड संचालित स्कूल हैं। नवी मुंबई मनपा दिव्यांग बच्चों का शिक्षण और प्रशिक्षण स्कूल ईटीसी चलाती है। रबाले के राजर्षि शाहू महाराज विद्यालय जहां देश का पहला एक्टिविटी जोन और टैब के जरिए पढ़ाई कराने की व्यवस्था है वह भी नवी मुंबई मनपा द्वारा संचालित है। खेल और व्यायाम उपकरणों के साथ सुविधायुक्त उद्यान, गैवियन वॉल के साथ विकसित तालाब नवी मुंबई की उत्कृष्ट सुविधाओं में शुमार हैं। ऐसा किसी और महानगरपालिका ने अभी तक नहीं किया है। सभी उद्यानों में बुजुर्ग नागरिकों के मनोरंजन और टाइमपास के लिए विरंगुला केंद्र की स्थापना भी अन्य मनपाओं के लिए मॉडल बन गई है।
नए विकास प्रारूप प्रस्ताव से बदलेगी सूरत
ईको सिटी और 21वीं सदी के शहर के तौर पर लोकप्रिय नवी मुंबई, ठाणे-बेलापुर रोड और मुंबई को जोड़ने वाले पॉम बीच मार्ग के जरिए विभाजित होती है और दूसरे शहरों से सीधे जोड़ती है। सिडको द्वारा 50 वर्ष पहले अस्तित्व में आयी नवी मुंबई को एक सुनियोजित शहर माना जाता है। हालांकि बढ़ते शहरीकरण, आबादी का घनत्व और घटते संसाधनों के चलते अब नवी मुंबई मनपा विकास का नया प्रारूप प्रस्ताव तैयार कर रही है। 2038 तक 28 लाख की आबादी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सड़क, शौचालय, स्कूल, आरोग्य सुविधा और उद्यान तथा खेल मैदानों का नियोजन किया गया है ताकि शहर खुली हवा में सांस लेते हुए विकसित हो सके।
सुधीर शर्मा