विकासशील पनवेल के लिए मोदी सरकार की नीतियां काफी कारगर साबित हो रही हैं। मोदी सरकार की योजनाएं भविष्य को देखकर बनाई गई हैं इसलिए भविष्य में इनका प्रभाव पनवेल जैसे शहरों के लिए काफी सकारात्मक होगा।
भारत की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 31% शहरों में बसता है और इनका सकल घरेलू उत्पाद में 63% (जनगणना 2011) का योगदान है। ऐसी उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक शहरी क्षेत्रों में भारत की आबादी का 40% रहेगा और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 75% का होगा। इसके लिए भौतिक, संस्थागत, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास की आवश्यकता है। ये सभी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं लोगों और निवेश को आकर्षित करने, विकास एवं प्रगति के एक गुणी चक्र की स्थापना करने में महत्वपूर्ण है। स्मार्ट सिटी का विकास इसी दिशा में एक कदम है। स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय विकास को सक्षम करने और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिए बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने तथा आर्थिक विकास को गति देने हेतु नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा एक अभिनव और नई पहल है।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय शहरों को विकास की नई दिशा में अग्रसर करना है, जिसमें परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार आदि के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ नीतियों ने भारतीय शहरों के विकास एवं स्मार्ट सिटी के बढ़ाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके तहत मोदी सरकार ने सैटेलाइट शहरों के बीच रेलवे कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए परियोजनाओं की शुरुआत की है। इस उल्लेखनीय पहल को पनवेल और मुंबई के बीच पहले से स्थित रेलवे कनेक्टिविटी ने नई दिशा दी है। यह नीति न केवल परिवहन क्षेत्र को सशक्त करने का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि पनवेल क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस योजना के तहत अन्य स्मार्ट शहरों की भांति पनवेल की अंदरूनी परिवहन व्यवस्था तथा शहर को देश के अन्य भागों से जोड़ने पर काफी जोर दिया जा रहा है। पनवेल में देश के विशालतम टर्मिनल्स में से एक बनाया जा रहा है तथा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम, जो कि ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसकी वजह से पनवेल की कनेक्टिविटी विश्वभर से हो जाएगी। इस हवाई अड्डे को पनवेल के वरिष्ठ राजनेता स्व. दि.बा. पाटील का नाम दिया जा रहा है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी परियोजना है जो पनवेल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, क्योंकि यह पनवेल क्षेत्र को आधुनिकतम विमानस्थल के साथ जोड़ेगा। विमान यातायात के क्षेत्र में यह एक बड़ा कदम है, जो पनवेल क्षेत्र में पर्यटकों की भरमार बढ़ा सकता है, जिससे नौकरियों के अवसर भी बढ़ सकते हैं। सुविधाजनक और सहयोगी परिवहन प्रणाली न सिर्फ सड़कों पर लोगों की भीड़ कम करने में मदद करेगी, बल्कि यह पर्यावरण को भी बचाएगी। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़कर प्रमुख शहरों के लिए यात्रा के समय को कम कर देगा। इसकी मदद से मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा के समय को लगभग 60 मिनट से घटाकर 16 मिनट करने की उम्मीद है, जिससे पनवेल की गति को पंख लग जाएंगे। यानी मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग पनवेल से देश के प्रमुख शहरों पुणे, बेंगलुरु और गोवा के लिए यात्रा के समय को भी कम कर देगा। यह रायगढ़ जिले को मुख्य शहर के करीब लाने में मदद करेगा, साथ ही ये पुल नवी मुंबई में आने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए एक कनेक्टिविटी विकल्प भी तैयार करेगा। लोग पुल के जरिए सेंट्रल मुंबई के शिवड़ी से नवी मुंबई के शिवाजी नगर तक सिर्फ 20 मिनट में पहुंच जाएंगे। पहले ये दूरी तय करने में 1.5 घंटे का समय लगता था। यह पुल पूरी तरह ऑपरेशनल होने के बाद एक दिन में इस पुल से 70,000 गाड़ियां गुजरेंगी। भविष्य में इस सी लिंक को मुंबई-पुणे मोटरवे से जोड़ा जाएगा।
राष्ट्र के भविष्य को वैश्विक स्तर की शिक्षा दिए जाने को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कृतसंकल्प हैं। उन्होंने देश के अलग-अलग भागों में उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षण संस्थाओं का जाल बिछाने पर जोर दिया है। इसी कड़ी के अंतर्गत पनवेल में एक वृहद् स्किल डेवलेपमेंट संस्थान बनाया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली का निर्माण करना महत्वपूर्ण है। यहां पर नये शिक्षा मॉडल्स, तकनीकी शिक्षा के अद्वितीय तरीके और ऑनलाइन शिक्षा का प्रयोग कर, छात्रों को बेहतर शिक्षा की सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी। इसके आने के बाद पनवेल देशभर में शिक्षा के हब के तौर पर अपना अलग स्थान रखने में कामयाब हो सकेगा। ‘स्किल इंडिया’ और ‘नैशनल स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम’ जैसी योजनाएं युवाओं को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षण के लिए बड़े स्तर पर अवसर प्रदान करेंगी तथा रोजगार के अपरिमित अवसर पैदा होंगे जो राष्ट्र एवं समाज के विकास में अभूतपूर्व भूमिका अदा करेंगे। अभी तक का यह नियम रहा है कि पनवेल में रहने वाले लोग नवी मुंबई या मुंबई के विभिन्न भागों में शिक्षा अथवा नौकरी करने के लिए जाते हैं लेकिन इस संस्थान के आने के बाद इस मामले में आमूलचूल परिवर्तन होने की प्रबल सम्भावना है।
‘स्मार्ट सिटी’ प्रोजेक्ट के तहत पनवेल क्षेत्र में विकास की योजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इसके अंतर्गत पनवेल को आधुनिक और अद्वितीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे यहां के विकास में सुधार आया है। इसके अलावा ‘मेक इन इंडिया’ और ‘इंफ्रास्ट्रक्चर विकास’ के पहलू में पनवेल क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आया है तथा नए प्रोजेक्ट्स के द्वारा क्षेत्र में विकास के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियान के तहत पनवेल क्षेत्र में युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्हें अपने उद्यमिता को साकार करने का अवसर मिल रहा है। कुल मिलाकर पनवेल का भविष्य उज्ज्वल है तथा इसके विकास में में वर्तमान डबल इंजन सरकार की योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता के उच्चतर परिणाम शहर की विकास योजनाओं पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। अभी तो पनवेल विकास की राह का मुसाफिर है। उसे काफी लम्बी दूरी तय करनी है। ये सभी नीतियां पनवेल क्षेत्र के लिए एक स्वर्णिम भविष्य की ओर पथ प्रशस्त करेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि पनवेल एक ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में निखरेगा।
सीमा ठाकुर