हम करें शक्ति आराधन

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भारतीय संस्कृति में शक्ति के साथ आचरण की सम्पन्नता पर भी विशेष जोर दिया जाता है। इसीलिए भारतीय संस्कृति सम्पूर्ण विश्व में अनुपम एवं बेजोड़ है। वर्तमान भारत सम्पूर्ण विश्व को मानवता का पाठ पढ़ाने के लिए तैयार है तथा विश्वगुरु बनने की राह पर है।

उड़ान को पंख देता नया हवाई अड्डा

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नवी मुंबई में शीघ्र ही शुरू हो रहा हवाई अड्डा मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के विकास को विस्तार देगा। इसका व्यापक असर पनवेल, कलम्बोली से लेकर विरार पनवेल कॉरिडोर में होने वाली बसाहट तक होगा। वास्तव में यह पूरे क्षेत्र के सुनहरे भविष्य की नींव है।

उल्लू की राजनीति

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उ- काहे का मार्गदर्शक मंडल! जिस मंडल में हम हैं उसके आभा मंडल में सब हैं। वो मंडल टूट गया तो समझो कि फिर मेरे आसपास कोई एक कौवा तक न फटकेगा। इसलिए बजुर्गियत की तो बात ही मत करो। अभी तो मैं जवान हूं। लीडर कभी बुजुर्ग नहीं होता। वो बुर्जुआ होता है।

विश्वशांति के बीज बोएं

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पुणे में स्थित विश्वशांति गुम्बद भारतीय संस्कृति के वसुधैव कुटम्बकम् की अवधारणा को आरेखित करता है। प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड द्वारा स्थापित यह गुम्बद वर्तमान अशांति एवं अराजकता के युग में परिवार एवं समाज को आत्मानुभव का अवसर प्रदान करता है।

मध्य प्रदेश का चुनावी संग्राम

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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। भाजपा और कांग्रेस में इस बार कांटे की टक्कर नजर आ रही है। एक-एक सीट और एक-एक वोट के लिए दोनों ही दलों को कड़े संघर्ष एवं अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। अब देखना होगा कि ऐड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद किसके पक्ष में मतदाताओं का झुकाव होता है।

राजस्थान में बदलेगा राज या रिवाज

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राजस्थान की जनता हर दूसरे टर्म में सत्ता परिवर्तित करती है। यह वहां का रिवाज है। इस साल के अंत में वहां चुनाव होने वाले हैं। एक ओर कांग्रेस गहलोत-पायलट के भंवर में है तो भाजपा वसुंधरा पर दांव खेले या नहीं इस पशोपेश में, परंतु जनता को तो उसे चुनना है जो उसके भविष्य को अधिक प्रकाशमान कर सके। देखना ये है कि वहां की जनता इस चुनाव में किसे चुनती है।

विकास के साथ पर्यावरण  संतुलन आवश्यक

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वैसे तो पनवेल प्रकृति की गोद में बसा है लेकिन वहां की बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में पर्यावरणीय सुधार नहीं हो पाए हैं। पीएमसी एवं अन्य संस्थाओं को इस दिशा में व्यापक स्तर पर ध्यान देना चाहिए।

पनवेल में संघ कार्य की प्रगति

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अपनी स्थापना के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश के अन्य भागों की भांति पनवेल में भी संघ कार्यों का बीजारोपण कर दिया था, जो वर्तमान में वटवृक्ष का रूप ग्रहण कर चुका है। आपातकाल के दौरान पनवेल के स्वयंसेवकों ने संघ पर लगे प्रतिबंध के विरुद्ध सत्याग्रह भी किया था।

विकास की राह पर भारत विकास परिषद

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चार वर्षों के अल्पकाल में पनवेल की भारत विकास परिषद शाखा ने वहां के लोगों के मध्य अपना महत्त्वपूर्ण स्थान स्थापित कर लिया है। संस्था समाज के हर वर्ग एवं वय के लोगों के लिए निरंतर सफल अभियान चला रही है।

नया शहरी क्लस्टर बनेगा कॉरिडोर

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विरार एवं पनवेल के बीच बन रहा कॉरिडोर समूचे क्षेत्र के विकास को नवीन दिशा देगा। इससे मुंबई के आसपास का शहरीकरण तो बढ़ेगा ही, नई औद्योगिक इकाइयां आने से रोजगार के नवीन अवसर भी उपलब्ध होंगे।

पनवेल का आर्थिक विकास और जेएनपीटी

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पनवेल शहर के शुरुआती विकास में जेएनपीटी का प्रमुख योगदान रहा है, जो वर्तमान में भी अनवरत जारी है। तेजी से औद्योगिक हब बनते पनवेल के भविष्य में भी जेएनपीटी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए तैयार है।

पनवेल के दर्शनीय मनोरम स्थल

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नवी मुंबई से सटे पनवेल में ऐसे अनेकों प्रसिध्द पर्यटन स्थल हैं जिन्हे एक बार देखने के बाद वहां के नजारे आंखों में कैद हो जाते हैं। खासकर मानसून में मुंबई से सवार्धिक पर्यटक यहां आते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से समृध्द पनवेल में मनोरम झरने, जलाशय, ऐतिहासिक मंदिर, आधुनिक रिसोर्ट, वाटर पार्क, किला, बांध आदि आकर्षण के केंद्र हैं।

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