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उड़ान को पंख देता नया हवाई अड्डा

उड़ान को पंख देता नया हवाई अड्डा

by हिंदी विवेक
in अवांतर, पनवेल विकास विशेष अक्टूबर-२०२३, विशेष, सामाजिक
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नवी मुंबई में शीघ्र ही शुरू हो रहा हवाई अड्डा मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र के विकास को विस्तार देगा। इसका व्यापक असर पनवेल, कलम्बोली से लेकर विरार पनवेल कॉरिडोर में होने वाली बसाहट तक होगा। वास्तव में यह पूरे क्षेत्र के सुनहरे भविष्य की नींव है।

नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्भव सपनों के शहर में अनुभव किए गए तेजी से विस्तार और शहरीकरण के कारण हुआ, विश्वभर में जिससे विमानन क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। इस नवी मुंबई हवाई अड्डे की स्थापना के पीछे प्राथमिक उद्देश्य मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए एक भरोसेमंद विकल्प प्रदान करना है। अड्डे का निर्माण पूरा हो जाने के बाद, यह मुंबई के दूसरे सबसे बड़े हवाई अड्डे के रूप में काम करेगा। परियोजना के प्रारम्भिक चरण में रनवे की एक जोड़ी होगी, जिसके माध्यम से प्रति घंटे 80 उड़ानों को समायोजित करने का अनुमान है। इस हवाई अड्डे के 2024 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है। उसके पश्चात यह एक तीव्र उड़ान भरेगा क्योंकि इसके पहले टर्मिनल की क्षमता प्रति वर्ष 2 करोड़ यात्रियों की होगी, जो मूल योजना से दोगुनी है। यह एमएमआर के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा, जिसे वर्तमान में मुंबई हवाई अड्डे द्वारा सेवा प्रदान की जाती है, जो अपने चरम पर प्रति वर्ष 4.8 करोड़ यात्रियों को सम्भालता है। नया हवाई अड्डा क्षेत्र के हवाई अड्डों में रातोंरात 40% अधिक यात्री प्रबंधन क्षमता जोड़कर मांग-आपूर्ति की गतिशीलता को तीव्र गति से देगा।

मेगा हवाई अड्डों के विपरीत, झुग्गियों से घिरा मुंबई हवाई अड्डा अपने 80 साल से अधिक के अस्तित्व में एकल-रनवे संचालन से आगे नहीं बढ़ सका। 2015 और 2018 के बीच, जबकि भारत भर के हवाई अड्डों में घरेलू यात्री यातायात में दोहरे अंक की वृद्धि हुई थी, भारतीय विमानन का जन्मस्थान मुंबई बुनियादी ढांचे की बाधाओं के कारण पीछे रह गया था। जब इसकी शुरुआत होगी, तो मुंबई के यात्री घरेलू और अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए अधिक सीधे कनेक्शन की उम्मीद कर सकेंगे और सम्भवतः वर्तमान ऑफर की तुलना में बेहतर किराए के साथ। सदी की शुरुआत में कम लागत वाले विमानों तथा कम समय में परिचालन करने वाली एयरलाइनों के बाद मुंबई में घाटा होना शुरू हो गया था। दिल्ली, बैंगलुरु और हैदराबाद की तरह समानांतर रनवे द्वारा टेक-ऑफ/लैंडिंग स्लॉट मुंबई हवाई अड्डे पर उपलब्ध नहीं है, क्योंकि वहां दो क्रॉस रनवे हैं। परंतु एनएमआईए के पास अंततः एक समानांतर रनवे होगा।

एनएमआईए पहले दिन से एक एकीकृत घरेलू सह-अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इस हवाई अड्डे में, आगामी नोएडा हवाई अड्डे की तरह स्विंग गेट होंगे, जिसका अर्थ है कि एक एयरलाइन एक ही गेट से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानें संचालित करने में सक्षम होगी। 2 लाख वर्ग मीटर वाले टी1 को ङएएऊ गोल्ड मानकों के अनुसार डिजाइन किया जा रहा है (ङएएऊ का मतलब ऊर्जा और पर्यावरण डिजाइन में नेतृत्व है, जो दुनिया भर में उपयोग किया जाने वाला एक हरित भवन प्रमाणन कार्यक्रम है)। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो की आवश्यकता के अनुसार, टी1 यात्री स्क्रीनिंग के लिए बॉडी स्कैनर और कम्प्यूटर टोमोग्रॉफी एक्स-रे हैंडबैग स्कैनर के साथ परिचालन शुरू करेगा, जहां यात्रियों को अपने व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और तरल पदार्थों को बैग से बाहर निकालने की आवश्यकता नहीं होगी। चूंकि इस क्षेत्र में निजी विमानों की मांग अधिक रहती है, इसलिए चरण 1 और 2 में 60 जेटों के लिए पार्किंग होगी।

केवल 1 रनवे चालू होने से एक घंटे में केवल 40-50 उड़ानें संचालित की जा सकेंगी। मुंबई हवाई अड्डा प्रतिदिन 950 से अधिक विमानों की आवाजाही सम्भालता है। मुंबई जैसे शहर में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की नितांत आवश्यकता थी। इसीलिए दूसरे हवाई अड्डे का विचार प्रस्तावित किया गया था। उस समय नवी मुंबई एक ऐसी जगह थी जहां बहुत सारी जमीन उपलब्ध थी। इसीलिए वर्तमान में यह भारत के सबसे सुव्यवस्थित शहरों में से एक है तथा एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए पसंदीदा विकल्प भी। 16 जुलाई 2022 को, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कैबिनेट ने नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम डीबी पाटील के नाम पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में कार्गो टर्मिनल भवन, स्वतंत्र संचालन के लिए समानांतर रनवे, एप्रन क्षेत्र, एक कार्गो कॉम्प्लेक्स, टैक्सीवे, एक विमान रखरखाव स्थल, दीर्घकालिक विमान पार्किंग और बहुत कुछ शामिल होगा। एक वर्ष में दो मिलियन यात्रियों की क्षमता वाला कम लागत वाला वाहक टर्मिनल भी पहले चरण का हिस्सा होगा।

टर्मिनल भवनों में यात्रियों की सुविधा के लिए फूड कोर्ट, लाउंज और कई अन्य सुविधाएं होंगी। कमल के आकार की इमारतें टर्मिनल की विशेष शोभा बढ़ाएंगी। दोनों समानांतर रनवे 3700 मीटर लम्बे और 60 मीटर चौड़े होंगे,जबकि उनके बीच 1.55 किमी की दूरी रहेगी। यह हवाई अड्डा नवी मुंबई के पास पनवेल को एक वाणिज्यिक हॉटस्पॉट के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसका श्रेष्ठ बुनियादी ढांचा और हवाई अड्डे से शहर के अन्य हिस्सों तक सुगम कनेक्टिविटी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और शुरुआती चरण के स्टार्टअप को पनवेल और आसपास के क्षेत्रों में अपने कार्यालय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

तेजी से बढ़ रहे वाणिज्यिक विकास और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पनवेल में रहने वालों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ेगी। अप्रवासियों सहित अधिक से अधिक लोग बेहतर अवसरों और जीवन की गुणवत्ता की तलाश में पनवेल और पड़ोसी उपनगरों में स्थानांतरित हो रहेे हैं। इससे पनवेल में किफायती और शानदार दोनों तरह के आवासीय घरों की मांग बढ़ी है। वर्तमान में भारत अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्थाओं को चुनौती देने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी परियोजना ऐसी सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह परियोजना अपने साथ बड़े पैमाने पर रोजगार लाएगी। एयरपोर्ट पर ही सीधे नौकरी के बड़े मौके मिलेंगे। परियोजना के गति पकड़ने पर हवाई अड्डे से सम्बंधित कई उद्योग और सेवाएं भी सामने आएंगी। अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखलाएं और रेस्तरां शिपिंग कम्नियों, क्लियरिंग और फॉरवर्डिंग एजेंटों, कूरियर आदि के क्षेत्र में नौकरियों की बाढ़ आएगी। आतिथ्य उद्योग 50,000 से अधिक नौकरियां पैदा करेगा, कूरियर कम्नियां 40,000 से अधिक नौकरियां पैदा करेंगी। ठाणे-बेलापुर बेल्ट में आईटी इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर उभरी है। जैसे-जैसे एयरपोर्ट विकसित होगा आईटी उद्योग के दिग्गजों की भारी भीड़ उमड़ेगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में, ‘हम भारतीयों के अंदर विपरीत परिस्थितियों को अवसर में बदलने की क्षमता है।’ यह हवाईअड्डा परियोजना उन स्वप्नों को साकार करने की अनवरत सीढ़ियों में से एक है।

                                                                                                                                                                                      सूर्यकान्त आयरे

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