लव जिहाद: राष्ट्रीय व धार्मिक संकट

 

ग्रंथ संवाद

समय-समय पर मैंने हिन्दी विवेक पत्रिका के पाठकों के समक्ष उस समय के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों से मेरे मन में जो कम्पन पैदा हुआ उसे प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही मैंने विभिन्न विषयों पर नियमित लिखता रहा। मुझे अपने बारे में या अपने अन्दर के विचारों को लेखों के रुप में पाठकों के सामने प्रस्तुत करने का अवसर मिला। उन लेखों के संकलन का बिन्दु पुस्तक है।
लेखक- अनमोल पेडणेकर/ प्रकाशक: हिंदी विवेक पत्रिका /पृष्ठ:322, मूल्य:रू.200/- डाक खर्च: रु.30/

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लैंड जिहाद एवं लव जिहाद नाम से जाने जाने वाले दो शब्द अब हर कोई जानता है। एक तरफ सरकारी जमीन पर कब्जा कर कॉलोनी बसाना तो दूसरी तरफ हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराना बड़े पैमाने पर हो रहा है। इस प्रकार यह आतंकवाद से भी बदतर है। इसे अगर तुरंत नहीं रोका गया तो भारत तेजी से इस्लामीकरण के मार्ग पर बढ़ जाएगा। परिणामस्वरुप जनसंख्या परिवर्तन के कारण देश के कोने-कोने में कश्मीर, कैरान, मेवात जैसी हालात बनने में देर नहीं लगेगी। साथ ही, अपहरण, बलात्कार, शोषण, अत्याचार, दंगे आदि जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियां उग्र होंगी। इसका ताजा उदाहरण उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल है।
‘लव जिहाद: राष्ट्रीय व धार्मिक संकट’ पुस्तक में सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही लव जिहाद से बचाने और लव जिहाद को फैलाने में मदद करने के लिए लव जिहाद की रणनीति, तैयारी, प्रशिक्षण, जनजागरण आदि विविध विषयों कुशलतापूर्वक समाहित किया गया है। यह पुस्तक हिन्दु लड़कियों को लव जिहाद से बचने के लिए और लव जिहाद की रणनीति से बचने के लिए मददगार साोबत होगी।
‘लव जिहाद: राष्ट्रीय व धार्मिक संकट’ सुशील गर्ग की लिखी पुस्तक है जो वास्तविकता पर आधारित है। इस पुस्तक में लव जिहाद ना सिर्फ हिंदू लड़कियों पर संकट है बल्कि यह देश, समाज, राष्ट्र, धर्म पर भी सीधा हमला है। जो सरकार और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है। इस पुस्तक में इसपर विस्तृत चर्चा की गई है।

लेखक: सुशील गर्ग
प्रकाशक: हिंदी विवेक
मासिक पत्रिका/पृष्ठ 114
मूल्य:150/-रुपये
डाक खर्च: 40/- रुपये
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