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राम मंदिर से बढ़ती समृद्धि और समरसता

राम मंदिर से बढ़ती समृद्धि और समरसता

by श्याम जाजू
in अध्यात्म, विशेष, संस्कृति, सामाजिक
14

500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद हुए राम मंदिर के पुनर्निर्माण ने न केवल भारतीय समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक आधारशिला को मजबूत किया है बल्कि उसकी प्राण प्रतिष्ठा ने सम्पूर्ण देश में अभूतपूर्व समृद्धि और समरसता का मार्ग प्रशस्त किया है। आज पुनर्निर्मित भव्य राम मंदिर न केवल धार्मिक या ऐतिहासिक संदर्भ में महत्वपूर्ण बन गया है, बल्कि यह समृद्धि, समरसता और एकता के प्रतीक के रूप में भी स्थापित हो गया है।

राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया में समाज के सभी लोगों की भागीदारी ने एकता, सहयोग और सामाजिक समरसता की उसी मूल भावना का संवर्धन किया है जो प्रभु श्री राम ने अहिल्या उद्धार तथा शबरी व निषादराज से प्रेम और मित्रता कर जगाई थी। मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्री राम ने सामाजिक समरसता और सशक्तिकरण का संदेश स्वयं के जीवन से दिया। उसी भावना से मंदिर के पूजन में इस्तेमाल हुए देश भर की हजारों पवित्र नदियों के जल व पावन तीर्थों की रज (मिट्टी) ने सम्पूर्ण भारत को भावनात्मक रूप से एकाकार कर दिया। उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक पवित्र नदियों और पोखरों के जल तथा हर धर्म, संस्कृति, विचारधारा स्वरुप से जुड़े स्थलों जैसे संत रविदास जी के काशी स्थित जन्मस्थली, सीतामढ़ी के महर्षि वाल्मीकि आश्रम, विदर्भ के कचारगड, झारखंड के रामरेखाधाम, मध्य प्रदेश के टंट्या भील की पुण्य भूमि, अमृतसर के श्री हरमंदिर साहिब, बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मस्थान महू और दिल्ली के जैन लाल मंदिर आदि की मिट्टी मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा में प्रयुक्त हो देश में बढ़ती समरसता की नींव को मजबूत कर गई। राम मंदिर का निर्माण न केवल धार्मिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक समरस, सहिष्णु समाज की अवधारणा का प्रतीक भी बन गया है।

सामाजिक समरसता के साथ श्री राम मंदिर के निर्माण ने सामूहिक वैभव और आर्थिक सशक्तिकरण का वह मार्ग भी प्रशस्त किया है जो समाज के हर वर्ग, हर धर्म, जाति और सम्प्रदाय को समान रूप से लाभ पहुंचाएगा। सदियों से आर्थिक रूप से पिछड़े पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे लगे क्षेत्रों का तो मानो काया पलट ही हो जाएगा, जिसकी शुरुआत हो चुकी है। स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास को एक नई गति मिलती दिख रही है जो देश के विकास में एक नयी इबारत लिखेगा और भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।

ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश राज्य ने अपने लिए पहले से ही 2027 तक राज्य को 1 खरब (ट्रिलियन) की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखता है जो अब राम मंदिर के प्रतिष्ठापन के बाद समय पूर्व ही साकार होता दिख रहा है। राम मंदिर के कपाट खुलने के बाद से ही उत्तर प्रदेश के टूरिज्म सेक्टर (UP Tourism) में बूम देखने को मिल रहा है। भारत के करीब 1.1 अरब हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल बना अयोध्या अब अभूतपूर्व आर्थिक उछाल देख रहा है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन पहले यानी रविवार 21 जनवरी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य को अयोध्या के राम मंदिर और राज्य सरकार की अन्य पर्यटन योजनाओं के चलते भारी कमाई की सम्भावना बताई गई। रिसर्चर्स ने अनुमान जाहिर करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को फाइनेंशियल ईयर 2025 में सिर्फ अयोध्या से 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हो सकती है।

विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफ़रीज़ ने एक रिपोर्ट में कहा कि राम मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश में बड़ा आर्थिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। राम मंदिर के साथ भारत को एक नया पर्यटन स्थल मिल रहा है, जिसकी वजह से देश में हर साल 50 मिलियन यानी 5 करोड से ज्यादा पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। निस्संदेह, अयोध्या में राम मंदिर से भारत में पर्यटन सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिलेगा। इस रिपोर्ट के मुताबित भारत में पर्यटन की बड़ी संभावनाएं हैं। वित्त वर्ष 2019 में देश की जीडीपी में पर्यटन सेक्टर का योगदान 194 बिलियन डॉलर का था। वहीं वित्त वर्ष 2030 में यह बढ़कर 443 बिलियन डॉलर (करीब 36.76 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंचने का अनुमान है। पर्यटन में धार्मिक पर्यटन का बड़ा रोल है। भारत के लोकप्रिय धार्मिक केंद्रों में हर साल करोड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

पर्यटन बढ़ने से अयोध्या में होटल, एयरलाइन सेक्टर, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, ट्रैवल, रेलवे, गाइड, पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदार, मूर्तियां बनाने वाले और ऐसी तमाम चीजों को बूस्ट मिलेगा। राम मंदिर के निर्माण से पर्यटकों की संख्या के साथ-साथ अयोध्या में निवेश बढ़ रहा है। निवेश बढ़ने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। माना जा रहा है कि अयोध्या में 20 हजार से 25 हजार नए रोजगार पैदा होंगे।  रामलला के विराजमान होते ही अयोध्‍या वैश्विक धार्मिक स्‍थल और आध्‍यात्मिक टूरिस्‍ट हॉटस्‍पॉट बन गया है।

दरअसल अयोध्या निवेश के लिए एक नया हॉटस्पॉट बन ही गया है। शहर में अब एक नया हवाई अड्डा टर्मिनल है जो 6,500 वर्ग मीटर में फैला है और हर साल 10 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा। इस क्षमता को 60 लाख यात्रियों तक बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल की अपेक्षा 2025 तक है। भारत के हवाई वाहक, जैसे इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने प्रमुख शहरों को अयोध्या से जोड़ने वाली कई उड़ानें शुरू की हैं। अकासा एयर और स्पाइसजेट जैसी अन्य एयरलाइंस, अयोध्या के लिए हवाई यात्रा को बढ़ाने की योजना का अनावरण कर रही हैं। नए खुले हवाई अड्डे पर चार्टर्ड उड़ानों के लिए भी व्यवस्था की गई है। अभिषेक कार्यक्रम के दिन 100 से अधिक चार्टर्ड विमान हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। इसके अलावा, चॉपर सेवाएं अयोध्या को छह जिलों – गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा और आगरा से जोड़ेंगी।

अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को 240 करोड़ रुपये में पुनर्निर्मित कर भव्य स्वरुप दिया गया है। भारतीय रेलवे ने 22 जनवरी के बाद अयोध्या के लिए 200 “आस्था स्पेशल ट्रेनें” भी शुरू की हैं। देश के विभिन्न हिस्सों को अयोध्या से जोड़ने वाली नित नई ट्रेनें प्रारम्भ हो रही हैं जिसका पूरे देश से राम मंदिर आने वाले श्रद्धालु उपयोग कर सकेंगे। इसके साथ ही अंतर्देशीय जलमार्ग से भी सरयू को जोड़ने का कार्य चल रहा है।

अयोध्या में 1,200 एकड़ में 2,180 करोड़ रुपये का ग्रीनफील्ड टाउन भी बनाया जा रहा है। इसमें मठों, आश्रमों, धर्मशालाओं और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अलग से भूखंड रखे जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटक वृद्धि की प्रत्याशा में भीड़भाड़ को कम करने के लिए परियोजना शुरू की। बुनियादी ढांचे के विकास में कनेक्टिंग हाईवे, नवीनीकृत सड़कें, पानी और बिजली परियोजनाएं भी शामिल हैं। अयोध्या को विश्व स्तरीय शहर में विकसित करने के लिए ₹30,500 करोड़ तक की कीमत वाली लगभग 178 प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। इस बीच, राज्य सरकार का उद्देश्य विदेशी पर्यटकों और भारतीय नागरिकों दोनों की क्षमता का उपयोग करना है और ”मुख्य केंद्र के रूप में अयोध्या के साथ रामायण सर्किट बनाना” है। अयोध्या मास्टर प्लान 2031 के तहत, मंदिर शहर के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए 85,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।

राम मंदिर भारत के संपन्न आध्यात्मिक पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा। CNBCTV18 की रिपोर्ट के अनुसार, उद्घाटन के बाद से ही प्रतिदिन तीन से पांच लाख यात्री शहर में आ रहे हैं। न केवल होटल उद्योग, पर्यटन, रेस्तरां, निर्माण परिवहन, डेयरी और कृषि उत्पादों जैसे बड़े व्यापार क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जाएगा बल्कि छोटे व्यापारी जो फूल, फल, पेय, अगरवुड अल्टा, कैंफर, घी आदि जैसी किस्में बेच रहे हैं उन्हें लाभ मिलेगा। अयोध्या के रूप में एक नए धार्मिक पर्यटन केंद्र का निर्माण, बेहतर संयोजकता और बुनियादी ढांचे के साथ एक अर्थपूर्ण रूप से बड़ा आर्थिक प्रभाव पैदा कर सकता है।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या के राम मंदिर ने रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है। राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ही आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन ने अयोध्या में 20,000 नौकरियां पैदा की हैं। इसमें कहा गया है कि होटल और रियल एस्टेट विकास के साथ-साथ पर्यटक यातायात में वृद्धि के कारण काम के अधिक अवसर पैदा होंगे। आर्थिक विशेषज्ञ निकट भविष्य में अतिरिक्त 20,000 से 25,000 स्थायी और अस्थायी नौकरियों के सृजन की भविष्यवाणी कर रहे हैं जिसका लाभ समाज के हर वर्ग को मिलेगा। यह आंकड़ा हर साल लगातार बढ़ने की संभावना है और इससे सिर्फ अयोध्या को ही फायदा नहीं होगा बल्कि अयोध्या से लगे सभी, यहां तक कि लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर जैसे निकटवर्ती शहरों को भी लाभ होने का अनुमान है।

सही मानों में राम मंदिर की प्रतिष्ठापना के बाद अयोध्या भारत की सांस्कृतिक राजधानी का स्वरुप ले रही है। यह न केवल धार्मिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज को एक साथ लाने और उसे समृद्धि के मार्ग पर ले जाने के लिए भी आवश्यक है।

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श्याम जाजू

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Comments 14

  1. मानधने देवकिसन शिवनारायण . देवळाली प्रवरा.अहमदनगर says:
    1 year ago

    रामजन्मभूमी अयोध्या बद्द्ल भरपूर व सविस्तर माहिती दिली बद्द्ल धन्यवाद.जय श्रीराम.

    Reply
  2. Pradeep L. Satankar says:
    1 year ago

    Very nice information and inspiring facts and achievement by Modiji.
    Nicely written sir.

    Reply
  3. अराधना गुप्ता says:
    1 year ago

    सत्य वचन 👏👏👏👏जय श्री राम 🙏

    Reply
  4. Anonymous says:
    1 year ago

    सराहनीय लेख, बधाई, जय श्री श्याम

    Reply
  5. Anonymous says:
    1 year ago

    जय श्री राम

    Reply
  6. Madhulata Sharma says:
    1 year ago

    जय जय श्री राम जी। जय जय श्री श्याम जी।

    Reply
  7. उदय नारायण भालेराव, जळगाव says:
    1 year ago

    अप्रतिम लेख.
    धन्यवाद श्याम जी.

    Reply
  8. अरविन्द कुमार चोखड़ा says:
    1 year ago

    रामजन्म भूमि अयोध्या में भव्य रूप में राममंदिर के जीर्णोद्धार से केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में सामाजिक और धार्मिक समरसता का नया मार्ग प्रशस्त हुआ है वहीं उत्तर प्रदेश के साथ समूचे देश की अर्थव्यवस्था रोजगार में भी बहुत योगदान मिल रहा है और इससे भविष्य में बहुत अधिक सम्भावनाएं है। सनातन संस्कृति में मनुष्य के नैतिक और सामाजिक आर्थिक विकास का यह एक प्रमुख आधार है मंदिर और ईश्वर की आराधना हमारे जीवन का भी एक प्रमुख अंग है। सनातन धर्म का सर्वश्रेष्ठ होने का एक कारण यह भी है। आपके इस लेख से बहुत प्रेरणा व देश और धर्म के प्रति जागृति भी बढ़ी है। जय श्री राम।

    Reply
  9. अरविन्द कुमार चोखड़ा says:
    1 year ago

    या जन्म भूमि अयोध्या में भव्य रूप में राममंदिर के जीर्णोद्धार से केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में सामाजिक और धार्मिक समरसता का नया मार्ग प्रशस्त हुआ है वहीं उत्तर प्रदेश के साथ समूचे देश की अर्थव्यवस्था रोजगार में भी बहुत योगदान मिल रहा है और इससे भविष्य में बहुत अधिक सम्भावनाएं है। सनातन संस्कृति में मनुष्य के नैतिक और सामाजिक आर्थिक विकास का यह एक प्रमुख आधार है मंदिर और ईश्वर की आराधना हमारे जीवन का भी एक प्रमुख अंग है। सनातन धर्म का सर्वश्रेष्ठ होने का एक कारण यह भी है। आपके इस लेख से बहुत प्रेरणा व देश और धर्म के प्रति जागृति भी बढ़ी है। जय श्री राम।

    Reply
  10. Anonymous says:
    1 year ago

    जय हो

    Reply
  11. Dinesh Somani says:
    1 year ago

    जय श्रीराम

    Reply
  12. Meitram Guna Singh says:
    1 year ago

    Jai ho

    Reply
  13. Somay Maheshwari says:
    1 year ago

    I pray for a new era of spiritual enlightenment and cultural revival as the Ram Mandir’s sacred doors open.

    Reply
  14. Rohan goel says:
    1 year ago

    Ye ek srahniye Kadam Tha,aur aap sabki bhagidari ke madhya se social media ke madhyam se Hindu Ekta bal mila aur sabke aradhya prabhu shree ram ki Divya Darshan MODI ji ke kalkhand mei adbhut drishya dekhne ko mil paya,yeh 100 saal ki shatabdi or aane wale agle 100 saal yaad Kiya Jaane wala uttam kaam Hai.
    Jai shree ram JI
    Jai shree Hanuman JI
    Jai shree MODI JI
    Jai shree shyam ji🙏

    Reply

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