उमेश जी नही रहे, यह पढ़ा और विश्वास ही नही हुआ। उनका जाना अत्यंत दुःखदायक और धक्कादायक हैं। पिछले लगभग बारा – तेरह वर्षों से उनसे संपर्क था, सम्बंध था, मित्रता थी। सदा हसतमुख चेहरा। बेबाकी से किसी बात का या किसी योजना का विश्लेषण। हम अनेकों बैठकों में कार्यक्रमों में साथ रहे हैं। उनके सुझाव अत्यंत परिपक्व रहते थे।
मैं उन्हें हमारी एक आगामी बैठक की सूचना देने के लिए आज प्रातः फोन कर रहा था। वो ‘आऊट ऑफ रेंज’ बता रहा था। तब मुझे क्या मालूम, उमेश जी हम सब की रेंज से हमेशा के लिए बाहर हो गए हैं..! उमेश उपाध्याय जी JNU के पास आऊट थे। बहुत अच्छे पत्रकार थे। लगभग बीस वर्ष पहले, उनका चेहरा हम में से अनेकों ने नशश के समाचार चैनल पर देखा होगा। बीच में दो-तीन वर्ष रायपुर भी रहे। अभी कुछ वर्षों से रिलायंस का मीडिया विभाग सम्भाल रहे थे।
मिट्टी से जुड़े हुए ठेठ और शुध्द हिंदी में बात करने वाले राष्ट्र प्रहरी उमेश जी का जाना, यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी हानि हैं।
आज जब राष्ट्र विरोधी नरेटिव और अपप्रचार का सामना करने के लिए गुणी और योग्य व्यक्तियों की आवश्यकता हैं, ऐसे में उमेश जी का जाना अत्यंत दुःखद हैं। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना हैं कि वो उमेशजी को अपने श्रीचरणों में स्थान दे। मेरी ओर से विनम्र श्रध्दासुमन। ॐ शांति शांति शांति: