प्रातःस्मरणीय पुण्यश्लोक राजमाता महारानी देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भारत रक्षा मंच-गुजरात द्वारा शुक्रवार, 30-05-2025 को शाम 5.00 से 6.30 बजे तक महाराष्ट्र समाज हॉल, वसंत चौक, भद्र के पास, लाल दरवाजा, अहमदाबाद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्रीमती नंदिनी देशपांडे (नाटककार: महानाट्य लोकमाता अहिल्यादेवी) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अहिल्या बाई को समझने के लिए उनके जीवन में किए गए कार्यों को जानना और समझना होगा। उनका जीवन एक प्रेरणादायक रहा है। जिसने मुझे उनके बारे में लिखने के लिए प्रेरित किया और उनके बारे में लिखने के लिए प्रेरित होकर मैंने एक महानाट्य की रचना की, जो उनके जीवन के हर पहलू में रानी माँ के योगदान को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने आगे कहा कि लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर नीति, न्याय, प्रशासन और जनता के प्रति प्रेम के अद्भुत और अनूठे संगम का नाम है। वे वर्तमान नीति निर्माताओं के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। जिनकी नीति आदर्श हो और जिनका धर्म लोक कल्याण हो, समय उन्हें मौलिक और अविस्मरणीय इतिहास बनाता है। अहिल्याबाई ने अत्यंत कुशल एवं सक्षम प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित कर तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक देशभर में नदियों के किनारे धर्मशालाएं एवं घाट बनवाए। बड़े पैमाने पर कुएं, बावड़ियां एवं झीलें बनवाई। आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट एवं जीर्ण-शीर्ण मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया गया। इसके अलावा नंदनी जी ने कहा कि आज प्रत्येक महिला को राष्ट्र की रक्षा के लिए पहले आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनना होगा। तभी महिलाएं समाज में आत्मनिर्भर बनेंगी और आगे बढ़ेंगी। तभी महिलाएं समाज और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान दे सकेंगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षा श्रीमती दिनाबेन रावल (प्रदेश अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ, भारत रक्षा मंच- गुजरात) ने की तथा संगठन का परिचय दिया। श्रीमती अनुप्रिता अतुल जोशी (महाराष्ट्र समाज- अहमदाबाद समिति, जीवन साथी अनुभाग संयोजिका) ने अहिल्याबाई के जीवन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
इसके अलावा मुख्य अतिथि डॉ. धवल अविनाश वर्तक (निर्देशक: महानाट्य लोकमाता अहिल्या देवी) ने अब तक महानाट्य लोकमाता के माध्यम से प्रस्तुति देकर राजमाता के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाया है। इनमें से दो कार्यक्रम रविवार, 1 जून को एच.के. कॉलेज के हॉल में आयोजित किये जायेंगे। जिसमें चालीस कलाकारों की टीम दिन-रात काम कर इस नाटक को लोगों तक पहुंचाने में लगी है।
श्रीमती प्रियंका खडक्कर गोडबोले (नाट्य कलाकार जो अहिल्यादेवी का किरदार निभाती हैं और कोरियोग्राफर) ने कहा कि लोकमाता से राजमाता तक की जीवन यात्रा कई महिलाओं को प्रेरित करती है। लोकमाता की भूमिका निभाना मेरे लिए बड़े गर्व और सौभाग्य की बात है।
इस अवसर पर श्रीमती वर्षाबेन बी. शाह (जिला उपाध्यक्ष, इनरव्हील क्लब) ने कहा कि जनता की पुकार सुनकर लोकमाता ने जो किया, वह उनका पुण्य था… तलवार लेकर रणभूमि में कूद जाना और आवश्यकता पड़ने पर सैन्य कार्रवाई करने की उनकी वीर छवि लोगों को भी साहस देती थी। वह विरोधियों और शत्रुओं की रणनीति को तुरन्त ही समझ लेती थीं। वह एक सरल शासक और उसी उत्कृष्टता के साथ शासन संबंधी निर्णय भी लेती थीं। अहिल्याबाई ने परिवार को मुख्य केन्द्र बनाकर परिवार प्रबंधन एवं मातृसत्ता में परिवार के साथ उद्यमशील भावना विकसित करने, लोक सेवा, कला, संस्कृति, निर्माण, साहस, समाज सुधार, सरल न्याय व्यवस्था, धार्मिक जीवन और बारह ज्योतिलिंगों के जीर्णोद्धार का ऐतिहासिक कार्य किया।
अपनी संस्कृति और परंपरा को बचाए रखने के लिए उनके संरक्षण में योगदान दिया। उन्होंने देश भर में लाखों महिलाओं को दृढ़ संकल्प और साहस से परिचित कराकर उन्हें प्रेरित किया है। आज भी लाखों महिलाएं उनके जीवन से प्रेरणा ले रही हैं और आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनने के लिए प्रेरित हो रही हैं। देवी अहिल्याबाई संसार में धन्य हो गईं। इस अवसर पर कक्षा 10 की छात्रा देवांशी गौर और सुधाबेन छोटाई ने राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर एक नाटक प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और लोक माता को पुष्प अर्पित करने के साथ हुई तथा उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का अहमदाबाद एवं गांधीनगर के पदाधिकारियों द्वारा पुष्पगुच्छ एवं संगठन का पट्टा देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अंत में कुछ संगठनात्मक घोषणाएं की गईं, जिसमें श्रीमती अमिताबेन दवे को अहमदाबाद शहर जिला कार्यकारी महिला अध्यक्ष तथा रक्षाबेन भट्ट को संगठन मंत्री घोषित किया गया। कीर्तिबेन त्रिवेदी, हर्षाबेन शाह और अन्य बहनों को संगठन में जोड़ा गया तथा सम्पूर्ण कार्यक्रम का प्रबंधन श्रीमती दिनाबेन रावल- प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
– मिहिर शिकारी