किसानों के लिए वरदान है मोटा अनाज – पीएम मोदी

Continue Readingकिसानों के लिए वरदान है मोटा अनाज – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री  मोदी ने ‘वैश्विक श्री अन्न सम्मेलन’ के उद्घाटन के बाद कहा कि देश के लिए यह बड़े सम्मान की बात है कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत मोटे अनाज या…

विज्ञान ने माना चौरासी लाख योनियों का सच

Continue Readingविज्ञान ने माना चौरासी लाख योनियों का सच

हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं वो भी उन चौरासी लाख योनियों में से एक है। अब समस्या ये है कि कई लोग ये नहीं समझ पाते कि वास्तव में…

वर्तमान के मुख्यमंत्री व भविष्य के प्रधानमंंत्री!

Continue Readingवर्तमान के मुख्यमंत्री व भविष्य के प्रधानमंंत्री!

उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव तक योगी आदित्यनाथ का नाम कहीं पर नहीं था तमाम उठा पठक के बाद उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया जिस पर कुछ राजनीतिक पंडितों ने कहा था कि योगी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे लेकिन यहां तो कुछ अलग ही नजर…

विजय ही धर्म है

Continue Readingविजय ही धर्म है

हस्तिनापुर में पाण्डवों के राज्याभिषेक के बाद जब कृष्ण द्वारिका जाने लगे तो धर्मराज युद्धिष्ठर उनके रथ पर सवार हो कर कुछ दूर तक उन्हें छोड़ने के लिए चले गए। भगवान श्रीकृष्ण ने देखा, धर्मराज के मुख पर उदासी ही पसरी हुई थी। उन्होंने मुस्कुरा कर पूछा, "क्या हुआ भइया?…

चटगांव बंगाल हिंदू एनक्लेव : एक संभावना

Continue Readingचटगांव बंगाल हिंदू एनक्लेव : एक संभावना

  एक आकलन के मुताबिक 2013 के बाद से बांग्ला देश में अब तक हिंदुओं पर 3600 हमले किये जाने का रिकार्ड उपलब्ध हैं और कितने ही तो रोज होते हैं जो अनरिपोर्टेड रहते हैंं। मात्र मानवीय आधार पर ही देखें तो इसकी गंभीरता अत्यंत चिंताजनक है। जिस बंगाल की…

इस बार बसंत पंचमी पर बन रहा त्रिवेणी योग, किस तरह करें पूजा!

Continue Readingइस बार बसंत पंचमी पर बन रहा त्रिवेणी योग, किस तरह करें पूजा!

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है और यह त्यौहार प्रतिवर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी का त्योहार 5 फरवरी 2022 दिन शनिवार को मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर मां सरस्वती…

‘जन गण मन’ के लिए 24 जनवरी का विशेष महत्व

Continue Reading‘जन गण मन’ के लिए 24 जनवरी का विशेष महत्व

24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान 'जन गण मन' को आधिकारिक रुप से भारत सरकार द्वारा स्वीकार किया गया। देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत दोनों को संवैधानिक रुप से स्वीकार किया और इसकी घोषणा की, हालांकि राष्ट्रगान को पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय…

स्व की आध्यात्मिकता से राष्ट्रीय एकात्मकता और अखंडता आयेगी – डॉ. मोहन भागवत जी

Continue Readingस्व की आध्यात्मिकता से राष्ट्रीय एकात्मकता और अखंडता आयेगी – डॉ. मोहन भागवत जी

हम स्वाधीन हुये लेकिन अभी भी हम स्वतंत्र होने की प्रक्रिया में हैं।  इस स्वाधीनता के लिये सभी वर्ग क्षेत्र समाज के लोगों ने त्याग व् बलिदान दिया और स्वाधीनता को लेकर सबके मन  में समान भाव था. जो बातें कुंद्रा डिक्लेरेशन में सन 1830 में कही गई थी वही…

संघ प्रवाही है अत: प्रासंगिक है

Continue Readingसंघ प्रवाही है अत: प्रासंगिक है

सामान्य तौर पर लोग इस वटवृक्ष को संघ परिवार भी कहते हैं, परंतु संघ का स्वयं का मानना है कि ऐसा कोई संगठनों का समूह उसने तैयार नहीं किया जिसे संघ परिवार कहा जाए। संघ समाज में एक संगठन नहीं है बल्कि समाज का संगठन करने वाला एक सतत प्रवाह है। इसीलिए समय के साथ-साथ इसकी प्रासंगिकता भी बढ़ती रही है।

जयंती: युगों युगों तक अमर रहेंगे महाराजा अग्रसेन

Continue Readingजयंती: युगों युगों तक अमर रहेंगे महाराजा अग्रसेन

भारतवर्ष में ऐसे तमाम देवी-देवताओं और राजाओं ने जन्म लिया है जिन्हे युगों युगो तक याद किया जाता रहेगा। ऐसे युगान्तर राजा के बताए मार्ग पर लोग आज भी चल रहे हैं। ऐसे लोगों को उनके सेवाभाव, प्रेम और उनकी नीति के लिए जाना जाता है। महाराजा अग्रसेन भी ऐसे…

सिद्धि और साधना का पर्व शारदीय नवरात्र

Continue Readingसिद्धि और साधना का पर्व शारदीय नवरात्र

केरल में नवरात्रि देवी सरस्वती के सम्मान के रूप में  मनायी जाती है। इन नौ दिनों को केरल में सबसे शुभ माना जाता है। तमिलनाडु में नवरात्रि के समय गुड़ियों का एक प्रसिद्ध त्योहार मनाया जाता है, जिसे बोम्मई कोलू कहा जाता है।

दाह-क्रिया एवं श्राद्धकर्म का विज्ञान

Continue Readingदाह-क्रिया एवं श्राद्धकर्म का विज्ञान

मादा कौवा सावन-भादों यानी अगस्त-सितंबर में अंडे देती है। इन्हीं माहों में श्राद्ध पक्ष पड़ता है इसलिए ऋषि-मुनियों ने कौवों को पौष्टिक आहार खिलाने की परंपरा श्राद्ध पक्ष से जोड़ दी, जो आज भी प्रचलन में है। दरअसल इस मान्यता की पृष्ठभूमि में बरगद और पीपल वृक्षों की सुरक्षा जुड़ी है, जिससे मनुष्य को 24 घंटे ऑक्सीजन मिलती रहे।

End of content

No more pages to load