राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक सुनील खेडकर का मात्र 64 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया. वे अपने पीछे पत्नी, दो विवाहित पुत्री, दामाद समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए.
सुनील खेडकर ने पुणे महानगर बौद्धिक प्रमुख, पुणे महानगर प्रचार प्रमुख, महाराष्ट्र एजुकेशन संस्था के नियामक मंडल सदस्य, भारतीय विचार साधना के सहकार्यवाह, मुंबई स्थित सांताक्रुज के भाग सहकार्यवाह, संभाजी भाग के बौद्धिक प्रमुख सहित अनेक दायित्वों का निर्वहन किया था. सिख संप्रदाय पर उनका विशेष अभ्यास था. वह मूल रूप से मुंबई निवासी थे, परंतु बीते ३० वर्षों से वे पुणे में निवास कर रहे थे.
वह एक अभियंता थे और उनका स्वयं का व्यवसाय था. अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के छात्रों के लिए वे विशेष शिविर का आयोजन कर उनका योग्य मार्गदर्शन करते थे. अनेक संस्थाओं में वे सलाहकार के रूप में भी कार्यरत थे. विशेष तौर पर वे उत्पादन क्षेत्र से जुड़े विविध कंपनियों में वे सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उत्तम वक्ता के रूप में वे प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय थे.
स्वानंद जनकल्याण प्रतिष्ठान के व्याख्यान माला में उन्होंने अपना विशेष योगदान दिया. विविध व्याख्यानमाला का आयोजन करना और लोगों में जन जाग्रति करने में उन्हें विशेष रूचि थी. व्याख्यानमाला के आयोजन में किसी भी संस्था को कोई परेशानी आती थी तो वे स्वयं आगे आकर उन्हें सहयोग व सहायता देते थे. विषय चयन से लेकर वक्ता बुलाने तक की प्रक्रिया में सुनील जी हमेशा अग्रणी रहते थे.
वैकुण्ठ श्मशान भूमि में शाम के सामय उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस समय संघ के संभाजी भाग संघचालक अनिल व्यास, विनायकराव डम्बीर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे.
Ishwar aap ko apace charnock me sthan pradhan kare