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उ़फ! ये गर्मी….

by धर्मेन्द्र पाण्डेय
in मई २०१७, सामाजिक, स्वास्थ्य
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गर्मी का मौसम शुरू होते ही बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। अगर आपने थोड़ी सी लापरवाही कर दी तो लू, हीट स्ट्रोक, पेट की समस्या, अतिसार आदि कई बीमारियों की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि गर्मी के मौसम में इन बीमारियों से बचने के तरीके आजमाए जाएं।

गर्मियां शुरू हो चुकी हैं और उसी के साथ शुरू हो गई हैं गर्मी की तीव्रता से होने वाली परेशानियां। वैसे तो हर मौसम की शुरुआत के साथ ही उससे संबंधित दुष्प्रभावों के प्रति सजगता आवश्यक है लेकिन जब बात गर्मी की हो तो आवश्यक हो जाता है कि हम गंभीरतापूर्वक बचाव के उपायों पर ध्यान दें क्योंकि लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

गर्मी में होने वाली ज्यादातर बीमारियों का सीधा संबंध लोगों के खान-पान से होता है। ऐसे में लोगों को आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्मी में खाना जल्दी खराब हो जाता है इसलिए बेहतर है कि खाना ताजा ही खाएं। गर्मी के मौसम में घर से बिना खाए-पिए निकलना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। घर से निकलने से पहले कुछ भी हल्का नाश्ता करके निकलें। गर्मी में लू लगना, हीट स्ट्रोक, पेट की समस्या जैसी बीमारियां होना आम है। इसकी सब से बड़ी वजह है शरीर में पानी की कमी होना। इस मौसम में शरीर को अन्य ऋतुओं की अपेक्षा ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। यदि उचित मात्रा में पानी न पिया जाए, तो कोशिकाओं में पानी की कमी हो जाती है जिससे इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ जाता है और बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

आइए जानें, गर्मियों में किन बीमारियों का सबसे ज्यादा खतरा होता है।

मूड डिसऑर्डर
गर्मी बढ़ते ही लोगों के मूड में बदलाव होना शुरू हो जाता है। वे आम दिनों के मुकाबले थोड़े ज्यादा चिड़चिड़े हो जाते हैं। चिकित्सीय भाषा में इसे ‘मूड-डिसआर्डर’ कहते हैं। यह सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए समय रहते इसकी पहचान करना जरूरी है। जरूरी इलाज से इससे निजात भी पायी जा सकती है। इस बीमारी में रोगी काफी सुस्त हो जाता है। वह अकेले चुपचाप बैठा रहता है। इस बीमारी में रोगी पहले जितना एक्टिव नहीं रह जाता है। वह हमेशा निराशाजनक बातें करता है और हीन भावना से ग्रस्त हो जाता है।

पेट की समस्या
गर्मी में पेट की समस्या होना आम है। अक्सर लोग अपने आहार पर ध्यान नहीं देते हैं और बाहर का खाना या घर पर ही गरिष्ठ भोजन करते हैं, जिससे उनके हाजमे पर असर पड़ता है। नतीजतन, वे पेट की समस्या का शिकार हो जाते हैं। गर्मी में ताजा व हल्का खाना आपको सेहतमंद रखता है। बासी खाना पेट में संक्रमण पैदा करता है जिससे रोगी को उल्टी व पेट में दर्द की शिकायत भी हो सकती है।

लू लगना
शरीर में पानी की कमी होने से गर्मी में अक्सर लोग लू का शिकार हो जाते हैं। लू लगने से रोगी को बुखार, सिर में दर्द, शरीर में भारीपन महसूस होने लगता है। जब आपका शरीर चिलचिलाती धूप व गर्म हवाओं का प्रकोप नहीं सह पाता है तो लू का शिकार हो जाता है। लू से बचने के लिए लोगों को घर से बाहर निकलने से पहले चेहरे व सिर को अच्छे से ढंक कर निकलना चाहिए और पानी की बोतल जरूर साथ रखें।

हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक में रोगी की त्वचा लाल हो जाती है। इसके अलावा गर्म और सूखी त्वचा होना, सांसों का तेज चलना, तेज सिरदर्द होना, चक्कर आना, उल्टी होने जैसी हालत होना, चिड़चिड़ापन, उल्टी-दस्त शुरू हो जाना, बहकी-बहकी बातें करना और बेहोशी आना, हीट स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण हैं। पानी कम पीने से और पसीना अधिक बहने से डिहाइड्रेशन अर्थात शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसके कारण यह समस्या किसी को भी हो सकती है।

बचाव के तरीके
गर्मी का मौसम शुरू होते ही बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। अगर आपने थोड़ी सी लापरवाही कर दी तो लू, हीट स्ट्रोक, पेट की समस्या, अतिसार आदि कई बीमारियों की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि गर्मी के मौसम में इन बीमारियों से बचने के तरीके आजमाए जाएं। आपकी थोड़ी सी सावधानी इन बीमारियों से बचाव कर सकती है।

पानी पियें
गर्मी में लू लगना, हीट स्ट्रोक की समस्या, पेट की समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि खूब पानी पिएं। अन्य मौसम की तुलना में इस मौसम में शरीर को ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। यदि उचित मात्रा में पानी न पिया जाए, तो कोशिकाओं में पानी की कमी हो जाती है जिससे इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ जाता है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

घर में ही रहें
गर्मी में बीमारियों से बचने के लिए घर में रहना ज्यादा बेहतर है। अगर बहुत जरूरी काम न हो तो घर से बाहर न निकलें। अगर बाहर जाना हो तो ऐसी जगह जायें जो ठंडी हो। यानी अगर आपको शॉपिंग करनी है तो सामान्य शॉप की बजाय मॉल्स में जाकर शॉपिंग कीजिए। इससे आपको गर्मी नहीं लगेगी।

हल्के रंग के कपड़े पहनें
गर्मी के मौसम में बीमारियों से बचने के लिए हल्के कपड़े पहनें। आपके कपड़ों का न केवल वजन हल्का हो बल्कि उनका रंग भी हल्का होना चाहिए। इस समय काले रंग के कपड़े बिलकुल न पहनें, ज्यादा से ज्यादा सफेद कपड़े ही पहनें।

सनस्क्रीन का प्रयोग
गर्मी के मौसम में धूप के संपर्क में आने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे – रैशेज, टैनिंग आदि हो सकती हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है बाहर निकलते वक्त सनस्क्रीन का प्रयोग करें। बाहर निकलते वक्त एसपीएफ १५-२० वाले सनस्क्रीन का प्रयोग कीजिए। इससे १२-१५ घंटे तक आपकी त्वचा सूर्य की हानिकारक किरणों से बच सकेगी।

छतरी या टोपी
गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए बाहर निकलते वक्त अच्छे से तैयारी करके जायें, यानी छतरी या टोपी का प्रयोग करें। इससे आपका शरीर सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में नहीं आता है और गर्मी कम लगती है।

बाहर जाने का सही समय
गर्मी के मौसम में बाहर जाने के समय को निर्धारित कीजिए। कोशिश कीजिए कि दोपहर के वक्त बाहर निकलने से बच सकें, क्योंकि इस वक्त सबसे ज्यादा गर्मी होती है। शाम के वक्त या सुबह के वक्त ही घर से बाहर निकलिये।

फल और सब्जियां
गर्मी के प्रकोप को कम करने और आपको बीमारियों से बचाने में ताजे फल और हरी सब्जियों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इस मौसम में ककड़ी, खीरा, तरबूज, खरबूज आदि का सेवन करना चाहिए।

अधिक थकान से बचें
इस मौसम में ऐसी कोई एक्टिविटी न करें जिसके कारण थकान हो सकती है। अगर आप व्यायाम करते हैं तो आउटडोर व्यायाम न करें, सुबह के वक्त जब मौसम ठंडा हो तभी व्यायाम करें।

खानपान का ख्याल करें
इस मौसम में खानपान में अनियमितता के कारण पेट की समस्या, डायरिया, उल्टी, फूड प्वॉइजनिंग हो सकती है। इसलिए खानपान पर विशेष ध्यान दीजिए। बाहर का और डिब्बाबंद खाना बिलकुल न खायें।

बेकिंग सोडा और एलोवेरा जेल
गर्मी के मौसम में तेज धूप से अक्सर त्वचा पर एलर्जी या रैशेज हो ही जाते हैं। इनसे छुटकारे के लिए आप रैशेज पर एलोवेरा जेल लगाएं जिससे त्वचा को ठंडक मिलेगी और रैशेज ठीक हो जायेंगे। नहाने के पानी में चुटकी भर बेकिंग सोडा मिलाकर नहाने से भी गर्मियों में त्वचा पर एलर्जी नहीं होती है।

गर्मी में जरूरी है पसीना आना
शरीर के विषैले पदार्थों के बाहर निकलने के लिए समुचित मात्रा में पसीने का बाहर निकलना आवश्यक है लेकिन आधुनिक जीवनशैली और एसी के प्रयोग की अधिकता से शरीर की प्राकृतिक अनुकूलन प्रणाली गड़बड़ हो गई है। घर में एसी, कार में एसी और दफ्तर में एसी। ऐसे में कुछ लोगों को गर्मी का अहसास ही नहीं होता। नतीजा, उन्हें पसीना नहीं आता। ऐसे लोगों के लिए यह समझना जरूरी है कि गर्मी में पसीना आना एक कुदरती नियम है और शरीर के लिए फायदेमंद भी। गर्मी के दिनों में पसीना आना आम बात है। इससे परेशान होने की जरूरत नहीं। पसीना आना कई मामलों में शरीर के लिए फायदेमंद है। पसीना आने से बॉडी क्लीन रहती है और सारे हार्मफुल टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं जिससे आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं।
पसीना आने से गर्मियों में होने वाले बुखार से बचा जा सकता है। गर्मियों में घबराहट से बचने के लिए पसीना आना अत्यावश्यक है। पसीना आने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं । अगर ऐसा न हो तो शरीर में कई विकार पैदा हो जाते हैं जिससे आप बीमार हो सकते हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है पसीना आना। गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। बाहर जाने से पहले अपने साथ पानी की बोतल जरूर साथ रखें और थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीते रहें नहीं तो आप डिहाईड्रेशन के शिकार हो सकते हैं। गर्मी में सत्तू काफी फायदेमंद होता है। इसे पानी में घोल कर व नमक मिला कर पिएं। इसमें नमक के स्थान पर शक्कर मिलाकर भी पिया जा सकता है। आम का पन्ना पिएं, यह आपको लू से बचाएगा। पसीना आने के साथ ही आपको साफ सफाई का भी विशेष खयाल रखना चाहिए। कई बार आपके पसीने की बदबू की वजह से आपके आसपास के लोगों को काफी परेशानी होती है। एक्सरसाइज व कहीं बाहर से आने के बाद नहाना नहीं भूलें, क्योंकि पसीना आने के कारण आपका शरीर चिपचिपा हो जाता है। नहाने के लिए माइल्ड सोप या जैल का उपयोग करें जिससे त्वचा में सूखापन न आए। पसीने की बदबू से निजात पाने के लिए नहाने के बाद टेल्कम पाउडर या डिओडरेंट का प्रयोग कर सकते हैं। गर्मियों में स्किन फिट कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इससे पसीना अधिक आता है और पसीने का वाष्पीकरण सही ढंग से नहीं हो पाता जिसके चलते कपड़ों से बदबू आने लगती है। इसलिए गरमी के दिनों में ढीले व सूती कपड़े पहनें। जहां तक हो सके, गर्मियों में कड़ी धूप से बचें।

गर्मी में झुर्रियों का इलाज
गर्मी में तेज धूप से चेहरे पर झुर्रियों की समस्या बढ़ जाती है। त्वचा में सिकुड़न और आंखों के नीचे काले घेरे की समस्या होती है। मौसमी फलों का ताजा जूस पीने से त्वचा में निखार आता है। नियमित रूप से नारियल तेल लगाने से भी झुर्रियां कम हो जाती हैं।
गर्मी में तेज धूप ना सिर्फ त्वचा की नमी चुरा लेती है बल्कि इससे चेहरे पर झुर्रियों की समस्या भी बढ़ जाती है। इसीलिए महिलाओं को घर से बाहर निकलने से पहले अच्छी क्वालिटी का सनस्क्रीन इस्तेमाल करना चाहिए। झुर्रियों से त्वचा में सिकुड़न पड़ जाती है तथा आंखों के नीचे काले घेरे बनने की समस्या भी हो जाती है, जिससे आपकी खूबसूरती प्रभावित होती है। ऐसे में आपको जरूरत है अतिरिक्त देखभाल की।

झुर्रियों से बचने के लिए खट्टे फल जैसे संतरे, नीबू और अंगूर जैसे फलों का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करें, क्योंकि इनमें विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है। विटामिन सी कोलाजन और त्वचा के लिए दूसरे प्रोटीन बनाने में सहायक होता है। इससे आप झुर्रियों की समस्या से बच सकते हैं। झुर्रियों के सफल उपचार के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है। दिन में कम से कम १२-१३ गिलास पानी पीयें। झुर्रियों की समस्या से बचने के लिए अंडे का सफेद भाग भी आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। अंडे के सफेद भाग को एक बाउल में निकाल कर अच्छे से फेंट लें और चेहरे पर पैक की तरह लगाएं। सूखने पर चेहरा धो लें। गर्मी के दौरान कम से कम मेकअप करना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि मेकअप ऐसा हो जिसमें चिपचिपाहट न हो यानी आप वॉटर प्रूफ मेकअप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में चेहरे पर निखार लाने के लिए दिन में कई बार चेहरे पर ठंडे पानी से छिड़काव करें, इससे चेहरा तरोताजा रहेगा। चेहरे को झुर्रियों से बचाने के लिए गर्मी के दिनों में चंदन का पैक लगाना चाहिए। इससे चेहरे को ठंडक भी मिलेगी। गुलाबजल को बर्फ में जमा कर उन क्यूब्स को झुर्रियों पर मलना चाहिए। इससे झुर्रियां दूर करने में मदद मिलेगी। खीरे के छोटे-छोटे टुकड़ों को पीस कर उसे आंखों के आसपास और झुर्रियों पर मलना चाहिए।

विटामिन ई का कैप्सूल भी झुर्रियों को दूर करने में फायदेमंद होता है। तीन विटामिन ई कैपसूल का ऑयल एक बाउल में डालें और उसमें दो चम्मच दही, आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच नींबू का रस मिलाएं। अच्छे से फेंट कर इस पैक को चेहरे पर लगाएं और १० मिनट तक छोड़ दें। फिर चेहरे की हल्की मसाज करते हुए पानी से साफ करें। मुलतानी मिट्टी को गुलाब जल में मिला कर चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे के रोमछिद्र खुलते हैं, त्वचा से टॉक्सिन्स निकल जाते हैं और त्वचा पर पड़ने वाले खिंचाव के निशान भी दूर हो जाते हैं। गर्मी के मौसम में फलों का ताजा जूस पीने से भी त्वचा में निखार आता है। जब भी धूप में से घर पर आएं तो तुरंत मुंह न धोएं बल्कि कुछ देर रुक कर चेहरे को अच्छी तरह धोएं और मॉश्चंराइजिंग क्रीम लगाएं। रोज सोने से पहले झुर्रियों पर नारियल तेल से हल्की मसाज करें। नियमित रूप से झुर्रियों पर नारियल तेल लगाने से झुर्रियां कम हो जाती हैं।

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