नर तू नारायण नारी तू नारायणी
स्त्री और पुरुष इस समाज रूपी गाड़ी के दो पहिए हैं। यदि कोई भी पहिया कमजोर या क्षतिग्रस्त होगा तो समाज की प्रगति बाधक होगी। कुछ समय पहले तक महिलाओं को दोयम दर्जे के व्यवहार का सामना करना पड़ता था, जिसमें बहुत तेजी से बदलाव हुआ है। समय आ गया…