असमिया कथाओं में राम

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असमी भाषा में माधव कन्दली समेत अनेकों ने रामायण लिखे। सब का आधार वाल्मिकि रामायण था। कथा के कुछ प्रसंग स्थानीय लोकाचार के अनुरूप रहे। इसी तरह मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम की संस्कृति और लोक-परम्पराओं को भी यदि खंगाला जाए तो रामायण से जुड़े अन्य प्रसंग भी मिलना संभव हैं।

शराईघाट का वीर

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असम के इतिहास का एक कलंकित पृष्ठ उनकी आंखों के सामने फिर से फड़फड़ाने लगा। हृदय में उठती टीस ने उन्हें व्यग्र कर दिया। आहोम राज्य की राजधानी गढ़गांव में सभी जन निद्रा देवी के आगोश में समाये थे, परन्तु अपने पर्यंक पर लेटे महाराज चक्रध्वज सिंह की आंखों में…

पौराणकिता से गूंथा पूर्वोत्तर भारत

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पूर्वोत्तर के सभी प्रांत-असम, अरुणांचल, नागालैंंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय देश की जनता और राजनेताओं द्वारा सदा उपेक्षित रहे हैं।

धरोहर- रुक्मिणी-श्रीकृष्ण से जुड़ा मालिनी थान

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अरुणांचल में रुक्मिणी-कृष्ण से संबंधित एक अद्भूत मालिनी थान है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पहाड़ी रास्ते पर एक पहाड़ी टीले पर छोटा सा रुक्मिणी मंदिर है। रुक्मिणी- हरण कर द्वारका जाते समय वे दोनों यहां रुके थे।

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