दो महान विभूतियां-विवेकानंद-सावरकर
व्यक्ति की आयु सीमा अधिक से अधिक 100 वर्ष होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो उसका अस्तित्व एक शतक तक ही होता है, उसके शरीर के नष्ट होने के बाद वह पूरी तरह से खत्म हो जाता है। लेकिन कुछ व्यक्ति इसके अपवाद होते हैं।
व्यक्ति की आयु सीमा अधिक से अधिक 100 वर्ष होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो उसका अस्तित्व एक शतक तक ही होता है, उसके शरीर के नष्ट होने के बाद वह पूरी तरह से खत्म हो जाता है। लेकिन कुछ व्यक्ति इसके अपवाद होते हैं।
जलवायु फरिवर्तन व फर्यावरण असंतुलन का विश्व रंगमच फर आज हो रहा हो-हल्ला आधुनिक जीवन शैली का फरिणाम है। विश्व के तथाकथित सभ्य समाज ने जैसी दिनचर्या व जीवन रचना विकसित की यह सब उसका ही प्रभाव है । आज का शहरी नागरिक सुबह जगने के बाद के तीन घण्टे में औसतन फचास लीटर फानी खर्च कर देता है।
दिल्ली में किसी रात नौ बजे के आसपास एक लड़की पर छ: नराधम अत्यंत पैशाचिक पद्धति से बलात्कार करते हैं और जख्मी अवस्था में उसे रास्ते पर फेंककर चले जाते हैं। आगे के 13 दिन वह लड़की जीवन से संघर्ष करती रहती है और अंतत: उसकी मृत्यू हो जाती है। अत्यंत क्रूर और दिल दहलानेवाली घटना।