वीर सावरकर के आगे बौनी कांग्रेस और नेहरु-गाँधी
दुर्भाग्य से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ऐसे अतिवादी बुद्धिजीवियों और नेताओं के प्रभाव में आ गई जिनके लिए हिंदुत्व, उसकी विचारधारा के सभी नेता और संगठन दुश्मन हैं। भारत जोड़ो यात्रा के सलाहकार और रणनीतिकार भी यही लोग हैं। इसीलिए राहुल गांधी अपने भाषणों में कहते हैं कि एक और आरएसएस और सावरकर की विचारधारा है तो दूसरी ओर कांग्रेस की। वह तोड़ते हैं और हम जोड़ते हैं। यह भी कहते हैं कि भाजपा और आरएसएस के प्रतीक सावरकर हैं।