जब भारतीय बन्दी अन्दमान पहुंचे

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अन्दमान-निकोबार या काले पानी का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह वह स्थान है, जहाँ भारत के उन वीर स्वतन्त्रता सेनानियों को रखा जाता था, जिन्हें अंग्रेज शासन अपने लिए बहुत खतरनाक समझता था। इसी प्रकार अति गम्भीर अपराध करने वाले खूँखार अपराधियों को भी आजीवन कारावास…

वीर सावरकर के प्रखर विचारों की स्वीकार्यता

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निर्भयता, निडरता, निर्भीकता इन सब का पर्यायवाची शब्द हैं – वीर सावरकर। इस सामान्य कद – काठी के व्यक्ति में असामान्य और अद्भुत धैर्य था। अपने ८३ वर्ष के जीवन में वे किसी से नहीं डरे। २२ जून, १८९७ को, जब चाफेकर बंधुओं ने अत्याचारी अंग्रेज़ अफसर रॅंड को गोली…

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